आप जानते हैं "बैल के सिर पर सींग रखना" का मतलब, 5 मुहावरे और उनके मजेदार अर्थ

Published : Nov 26, 2024, 10:05 AM IST
Muhavare In Hindi

सार

Muhavare In Hindi: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं? तो आपके लिए क्षेत्रीय मुहावरों का ज्ञान जरूरी है! यहां जानिए कुछ रोचक मुहावरों के अर्थ और अपनी भाषा पर पकड़ मजबूत करें।

Muhavare In Hindi: प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए केवल सामान्य ज्ञान और सामान्य अध्ययन की तैयारी ही नहीं, बल्कि भाषा के मुहावरों, लोकोक्तियों और उनके अर्थों की समझ भी जरूरी होती है। खासकर क्षेत्रीय मुहावरों का अध्ययन इन परीक्षाओं में अक्सर पूछा जाने वाला विषय होता है। ये मुहावरे किसी न किसी विशेष क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और सोच को दर्शाते हैं और इन्हें समझकर हम न केवल अपनी भाषा क्षमता को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि विभिन्न संदर्भों में इन्हें सही तरीके से प्रयोग करने की कला भी सीख सकते हैं। यहां जानिए कुछ कठिन क्षेत्रीय मुहावरे व उनके अर्थ और इन्हें कैसे उपयोग में लाया जाता है।

मुहावरा- "बैल के सिर पर सींग रखना"

मुहावरे का अर्थ: व्यर्थ के तर्क करना या बात को बढ़ाना। इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब कोई इंसान बिना वजह किसी मामले को उलझाता है या तर्क-वितर्क में समय बर्बाद करता है।

मुहावरा- "मछली के बिना तालाब सूना"

मुहावरे का अर्थ: किसी खास चीज के बिना सब अधूरा लगना। जैसे एक तालाब मछलियों के बिना निरर्थक लगता है, उसी तरह जीवन में जरूरी चीज या व्यक्ति की अनुपस्थिति को दर्शाने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

मुहावरा- "खाए मुर्गी और गाए बकरी"

मुहावरे का अर्थ: हर हाल में खुश रहना। इस मुहावरे का मतलब यह है कि कुछ लोग हर परिस्थिति में खुद को खुश रखना जानते हैं, चाहे वह स्थिति कितनी भी अच्छी या खराब क्यों न हो।

मुहावरा- "सांप के मुंह में छछूंदर"

मुहावरे का अर्थ: ऐसी स्थिति जिसमें आगे बढ़ना और पीछे हटना, दोनों कठिन हों। यह मुहावरा तब इस्तेमाल होता है जब कोई व्यक्ति किसी कठिन परिस्थिति में फंसा हो और उसके पास कोई आसान विकल्प न हो।

मुहावरा- "लाल मिर्ची का अचार होना"

मुहावरे का अर्थ: छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना। इस मुहावरे का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए होता है जो छोटी सी बात पर तिल का ताड़ बना देता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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