26/11 Timeline: 26 नवंबर से लेकर 29 नवंबर के बीच क्या-क्या हुआ था...

Published : Nov 24, 2025, 01:52 PM IST
26/11 Mumbai Attack 2008

सार

26/11 Mumbai Attack: 26/11 मुंबई हमला कैसे शुरू हुआ और 60 घंटे तक कैसे चला, जानिए 26 से 29 नवंबर 2008 के बीच हुई हर घटना की टाइमलाइन। CST से ताज होटल, ओबेरॉय-ट्राइडेंट, नरीमन हाउस तक आतंकियों द्वारा किए गए हमले और आखिर कैसे खत्म हुआ यह आतंक का खौफ।

26/11 Mumbai Terror Attack timeline: मुंबई पर हुआ 26/11 का हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं था, बल्कि भारत की सुरक्षा, हिम्मत और त्वरित कार्रवाई की सबसे बड़ी परीक्षा थी। 26 नवंबर 2008 की रात शुरू हुआ यह आतंक का तूफान पूरे 60–65 घंटे तक शहर को झकझोरता रहा। समुद्र के रास्ते आए 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने एक साथ कई जगहों पर हमला करके ऐसा खौफ पैदा किया, जिसकी याद आज भी रौंगटे खड़े कर देती है। CST स्टेशन से लेकर ताज होटल, ओबेरॉय-ट्राइडेंट, लीओपोल्ड कैफे और नरीमन हाउस तक, हर जगह गोलियों की आवाज, धमाके और दहशत नजर आ रही थी। इस हमले में 166 लोगों की जान चली गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। पुलिस, मरीन कमांडो और NSG ने बहादुरी से लड़ते हुए आखिरकार इन हमलावरों का सफाया किया। जानिए 26 नवंबर से 29 नवंबर के बीच मुंबई में मिनट-दर-मिनट क्या हुआ।

26 नवंबर: समुद्र के रास्ते आंतकवादियों की एंट्री

शाम ढलते-ढलते ही अटैक की तैयारी शुरू हो चुकी थी। पाकिस्तान के कराची से 10 आतंकी समुद्र के रास्ते निकले। रास्ते में उन्होंने भारतीय फिशिंग बोट MV कुबर को कब्जे में लिया, क्रू को मार दिया और उसी नाव से मुंबई की तरफ बढ़े। मुंबई पहुंचने से कुछ किलोमीटर पहले, उन्होंने नाव के कप्तान को भी मार दिया और एक छोटी रबर बोट में बैठकर कोलाबा के पास बदरवॉर पार्क, मच्छिमार नगर और ससून डॉक की तरफ उतर गए।

26 नवंबर, रात 8 से 10 बजे: शहर भर में एक साथ हमले

मुंबई में कदम रखते ही आतंकी चार टीमों में बंट गए और अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर हमला शुरू कर दिया। इनके निशाने पर थे- CST स्टेशन और कामा अस्पताल, ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल, लीओपोल्ड कैफे, नरीमन (चाबाद) हाउस। करीब 9 बजकर 20 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट के बीच तीन जगहों, लीओपोल्ड, CST और ताज पर एक साथ फायरिंग और ग्रेनेड अटैक शुरू हुए। CST में हालात सबसे ज्यादा खतरनाक थे। सिर्फ 90 मिनट में 58 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।

26 नवंबर, रात 10 बजे से आधी रात: पुलिस अधिकारियों पर बड़ा हमला

CST से हमला करने वाले दो आतंकी, अजमल कसाब और इस्माइल खान, कामा अस्पताल की ओर बढ़े। रंग भवन, मेट्रो सिनेमा के पास उन्होंने घात लगाकर हमला किया, जिसमें तीन वरिष्ठ अधिकारी ATS चीफ हेमंत करकरे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालसकर, एडिशनल कमिश्नर अशोक कामटे शहीद हो गए। कुछ देर बाद मुठभेड़ में इस्माइल मारा गया और कसाब जिंदा पकड़ लिया गया, जो हमले का सबसे बड़ा सबूत बना। उधर, ताज, ओबेरॉय और नरीमन हाउस में आतंकी पूरी तरह अंदर घुस चुके थे और लोगों को बंधक बनाकर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे।

27 नवंबर: शहर बन गया जंग का मैदान, NSG की एंट्री

रात बीतते-बीतते पुलिस और RAF ने ताज और ओबेरॉय को घेर लिया। सुबह तक MARCOS कमांडो भी पहुंच गए और नीचे के फ्लोर से लोगों को निकालने की कोशिश शुरू हुई। दिनभर फायरिंग चलती रही। शाम तक दिल्ली से NSG कमांडो मुंबई पहुंचे और तीनों मुख्य जगहों, यानी ताज, ओबेरॉय और नरीमन हाउस का ऑपरेशन अपने हाथ में ले लिया। कमांडो कमरों में घुसकर एक-एक मंजिल पर फंसे लोगों को निकालते रहे, जबकि आतंकी लगातार ग्रेनेड फेंक रहे थे।

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28 नवंबर: ओबेरॉय और नरीमन हाउस में बड़ी कार्रवाई

सुबह NSG कमांडो हेलिकॉप्टर से सीधे नरीमन हाउस की छत पर उतारे गए। यहां से उन्‍होंने ऊपर से नीचे की ओर ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर तक ओबेरॉय-ट्राइडेंट सुरक्षित कर लिया गया। यहां के दोनों आतंकी मारे गए और लगभग 30–35 लोगों को जिंदा बचा लिया गया। शाम तक नरीमन हाउस भी मुक्त घोषित हो गया, लेकिन दुखद बात यह थी कि वहां कुछ होस्टेज, जिनमें रब्बी और उनकी पत्नी शामिल थे, मृत मिले।

29 नवंबर: ताज होटल को सुरक्षित किया गया

ताज का ऑपरेशन सबसे लंबा चला क्योंकि आतंकी पुराने विंग में छिपे हुए थे। रातभर मुकाबला चलता रहा और सुबह 6 से 9 बजे के बीच आखिरी दो आतंकियों को भी मार गिराया गया। इसके साथ ही करीब 65 घंटे बाद 26/11 का आतंक खत्म हुआ।

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26/11 मुंबई आंतकी हमले में 166 जानें गईं

26 नवंबर 2008 को हुए इस मुंबई आंतकी हमले में कुल 166 लोगों की जान गई, जिनमें 18 सुरक्षा कर्मी भी थे। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। इन सब के बीच भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने यह साबित कर दिया कि चाहे हमले कितने भी भयावह हों, देश एकजुट होकर उनका मुकाबला कर सकता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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