Bhopal Topper Sakshi: भोपाल की 12वीं क्लास की टॉपर साक्षी, शादी के दबाव से परेशान होकर घर छोड़कर चली गई थी। IAS बनने के सपने के लिए उसने बड़ा कदम उठाया और बाद में हाई कोर्ट ने उसके सपने और भविष्य को सुरक्षित करते हुए अहम कदम उठाया। जानिए पूरा मामला।

MP Sakshi IAS Dream: भोपाल में रहने वाली 12वीं की एक मेधावी छात्रा साक्षी की कहानी इन दिनों हर तरफ चर्चा में है। 92% अंक लाकर स्कूल में टॉप करने वाली साक्षी का सपना था कि वह पढ़-लिखकर IAS अधिकारी बने। लेकिन परिवार उसकी शादी जल्दी कर देना चाहता था। पढ़ाई जारी रखने की हर कोशिश के बावजूद जब घरवालों का दबाव बढ़ता गया, तो साक्षी ने ऐसा कदम उठा लिया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। यह मामला अब न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश में लड़कियों की शिक्षा और सपनों पर एक नई बहस खड़ी कर रहा है। जानिए पूरा मामला।

पढ़ाई और सपने के बीच फंसी साक्षी को लेना पड़ा बड़ा फैसला

बजरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली साक्षी बचपन से पढ़ाई में तेज थी। 12वीं में उसने 92% लाकर टॉप किया और पूरे परिवार का नाम रोशन किया। उसका सपना था IAS बनना। लेकिन घरवालों का मानना था कि लड़कियों को ज्यादा पढ़ने की जरूरत नहीं और शादी ही उनका असली भविष्य है। कई महीनों तक साक्षी परिवार को समझाती रही, लेकिन जब दबाव हद से बढ़ गया, तो जनवरी 2025 में वह घर छोड़कर चली गई।

पिता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, पुलिस ने शुरू की तलाश

कुछ दिन तक खुद खोजने की कोशिश के बाद जब साक्षी का कोई सुराग नहीं मिला, तो उसके पिता ने हाई कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका लगा दी। अदालत के आदेश पर पुलिस खोज में जुटी। जांच के दौरान एक नोट मिला जिसमें लिखा था 2030 में IAS बनकर घर लौटूंगी। इसके बाद पुलिस ने कोचिंग सेंटर, कॉलेज और लाइब्रेरी सब खंगाल डाले। फिर तब बड़ा सुराग मिला जब साक्षी ने अपना आधार अपडेट कराया। इससे पता चला कि वह अब बालिग हो चुकी है और उसकी लोकेशन इंदौर में ट्रेस हुई। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया।

हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: वरिष्ठ IAS अधिकारी बनीं साक्षी की मेंटर

यह मामला कोर्ट तक पहुंचा तो न्यायाधीशों ने ऐसा फैसला सुनाया जो पहली बार किसी छात्रा के लिए लिया गया। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने साक्षी की शिक्षा, सुरक्षा और गाइडेंस की जिम्मेदारी सीधे एक वरिष्ठ IAS अधिकारी को सौंप दी। अब 2003 बैच की IAS, समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी, साक्षी की आधिकारिक मेंटर होंगी।

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पटना में होगी साक्षी की IAS की तैयारी

कोर्ट के आदेश के बाद साक्षी की पूरी पढ़ाई और IAS तैयारी पटना में कराई जाएगी, जहां बंदना प्रेयषी उसकी देखरेख खुद करेंगी। बंदना प्रेयषी ने इसे अपने लिए सौभाग्य बताया और कहा कि किसी बेटी के सपनों को पूरा करने में साथ देना मेरे लिए गर्व की बात है।

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सिर्फ साक्षी नहीं, हजारों लड़कियों को मिलेगा संदेश

साक्षी के इस फैसले और कोर्ट के आदेश ने उन तमाम छात्राओं को नई उम्मीद दी है जो माहौल या परिवार के दबाव के कारण अपने सपनों से पीछे हट जाती हैं। यह कहानी बताती है कि प्रतिभा को बस सही दिशा और मजबूत सपोर्ट की जरूरत होती है।