इंदौर की आयुषी साहनी ने पाई SSC CGL में AIR 17th रैंक, 9 साल पहले पिता को खोया, अब इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बनकर पूरा किया सपना

वर्ष 2014 में आयुषी साहनी बेहद बुरे दौर से गुजरीं, उनके पिता गुरदीप सिंह साहनी का आकस्मिक निधन हो गया था। आयुषी के पिता चाहते थे कि वे सिविल सर्विसेज में जाएं। पिता के निधन के बाद आयुषी ने उनके सपने को पूरा करने के लिए जीतोड़ संघर्ष किया।

एजुकेशन डेस्क. मध्यप्रदेश के इंदौर की बेटी आयुषी साहनी ने हाल ही में संपन्न हुई कर्मचारी चयन आयोग (SSC CGL) की परीक्षा में ऑल इंडिया 17th रैंक प्राप्त कर आयकर निरीक्षक (Income Tax Inspector) का पद प्राप्त किया है। इस प्रतिभाशाली बेटी ने एसएससी परीक्षा (SSC Exam) के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी जो संघर्ष किया वो आज के नौजवानों के लिए एक मिसाल है। 

9 साल पहले पिता को खोया, पर सपना पूरा करके लिया दम

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वर्ष 2014 में आयुषी साहनी बेहद बुरे दौर से गुजरीं, उनके पिता गुरदीप सिंह साहनी का आकस्मिक निधन हो गया था। आयुषी के पिता चाहते थे कि वे सिविल सर्विसेज में जाएं। पिता के निधन के बाद आयुषी ने उनके सपने को पूरा करने के लिए जीतोड़ संघर्ष किया। इस दौरान उनकी मां अमरजीत कौर और उनके भाई हर्षदीप सिंह उनकी ताकत बने और उन्हें विपरीत परिस्थितयों में भी टूटने नहीं दिया। परिणामस्वरूप आयुषी ने सबसे पहले कक्षा 12वीं में इन्दौर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया व मध्य प्रदेश के प्रतिष्ठित SGSITS काॅलेज, इन्दौर से इलेक्ट्राॅनिक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इसके लिए उन्हें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित भी किया। 

SSC को बनाया लक्ष्य, पढ़ाई के लिए छोड़ी नौकरी 

आयुषी ने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए 2 वर्ष तक हैदराबाद में साॅफ्टवेयर कम्पनी में जॉब की लेकिन उनका सपना तो जैसे कुछ और ही था। उन्होंने यहां 10 लाख रु सालाना पैकेज वाली नौकरी छोड़कर अपने साहस व कठोर परिश्रम से इनकम टैक्स इंस्पेक्टर पद के लिए AIR 17वीं रैंक प्राप्त की। आयुषी ने प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मियों के लिए मिसाल पेश की है और उनकी इस सफलता पर उनके सभी परिजन एवं मित्रों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

कैसे की SSC की तैयारी?

एशियानेट न्यूज हिंदी से खास बातचीत में आयुषी साहनी ने कहा कि वे सिविल सेवाओं के लिए कुछ न कुछ पढ़ती रहती थीं। परंतु एसएससी के इस एग्जाम के लिए उन्होंने पिछले 4-6 महीने डटकर पढ़ाई की। आयुषी ने इस दौरान रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि उन्होंने इसके लिए पूरी प्लानिंग कर रखीं थी। सभी विषयों को बराबर समय दिया और लक्ष्य बनाया कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा अंक पाने हैं।

ध्यान न भटके इसके लिए किया ये काम

आमतौर पर परीक्षा की तैयारी करते वक्त स्टूडेंट्स का कई चीजों से ध्यान भटकता है, जिसमें सोशल मीडिया सबसे पहले आता है। आयुषी ने कहा, ‘निश्चित तौर पर सोशल मीडिया से कुछ हद तक ध्यान भटकता है पर मैंने खुद को मोटिवेट किया कि मुझे अच्छे मार्क्स लाने हैं। इसलिए मैंने सोशल मीडिया को बहुत सीमित रूप में इस्तेमाल किया। इस दौरान मैं पॉजीटिव लोगों के संपर्क में रही और मीडिया के माध्यम से नई और अच्छी जानकारियां जुटाने का प्रयास करती थी।’

एग्जाम के लिए प्लानिंग है बेहद जरूरी

ऑल इंडिया में 17वीं रैंक हासिल कर चुकी इंदौर की आयुषी कहती हैं कि ये एग्जाम बहुत टफ कहा जाता है पर अगर आप प्रॉपर प्लानिंग करेंगे तो आपको ऐसा नहीं लगेगा। आयुषी ने कहा कि तैयारी के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देकर खुदको आजमाना चाहिए। एग्जाम टफ नहीं होता, अगर आप प्रैक्टिस करेंगे तो आप भी इस आसानी से क्रैक कर सकते हैं। बता दें कि इस परीक्षा में पूरे देशभर से लगभग 40 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

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