भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। अबू धाबी और दुबई के बीच स्थित इस मंदिर के निर्माण, महत्व, खर्च, फैसलिटीज, नियम तक मंदिर को लेकर आपके मन में उठने वाले हर सवाल का जवाब डिटेल में जानें।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी, बसंत पंचमी के दिन अबू धाबी में BAPS Hindu Mandir का उद्घाटन किया। मंदिर क निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत आई है। मंदिर के निर्माण में पारंपरिक टेक्निक लॉक एंड की मेथड का इस्तेमाल किया गया है। जानिए डिटेल
बीएपीएस हिंदू मंदिर क्या है?
अबू धाबी में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा निर्मित BAPS हिंदू मंदिर हिंदुओं का एक पूजा स्थल है। जिसे संयुक्त अरब अमीरात में दान में दी गई भूमि पर बनाया गया है। यह मंदिर परम पावन प्रमुख स्वामी महाराज से प्रेरित होकर बनाया गया है जिसका निर्माण इसके परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में किया गया है।
अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर कहां है?
बीएपीएस हिंदू मंदिर अबू धाबी के अबू मरीखा क्षेत्र में एआई टैफ रोड (ई16) और अबू धाबी-घुवेइफात हाईवे (ई11) से पहुंचा जा सकता है। मंदिर अबू धाबी और दुबई के बीच स्थित है।
अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर निर्माण का उद्देश्य क्या है?
अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर निर्माण के पीछे का उद्देश्य वैश्विक सद्भाव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान है। मंदिर को संयुक्त अरब अमीरात से सपोर्ट मिला है खासकर महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ओर से। साल 2018 में अबू धाबी के तत्कालीन क्राउन प्रिंस ने इस हिंदू मंदिर के लिए भूमि उपहार में दी थी।
BAPS हिंदू मंदिर निर्माण के लिए पैसे कहां से आये, कितना खर्च हुआ?
BAPS हिंदू मंदिर का निर्माण BAPS द्वारा एक सहयोगात्मक प्रयास रहा है जिसमें विभिन्न समुदायों, भक्तों और वॉलेंटियर्स ने उदारतापूर्वक धन और चीजें दान की। मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत आई।
BAPS हिंदू मंदिर की खासियत क्या है?
अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर की कई विशेषताएं हैं जिसमें इसका वास्तुशिल्प इसे सबसे अधिक आध्यात्मिक बनाता है। पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली, सात शिखर, जटिल नक्काशी मंदिर को आकर्षक बनाते हैं। कुल मिलाकर मंदिर में ये विशेताएं हैं:
मंदिर किस चीज से बना है?
मंदिर का बाहरी भाग भारत राजस्थान के 15,000 टन गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इस विशेष पत्थर का उपयोग इसके स्थायित्व के कारण किया जाता था। यह 55 डिग्री सेल्सियस (131 डिग्री फारेनहाइट) तक के अत्यधिक तापमान का सामना कर सकता है, जो कि संयुक्त अरब अमीरात की चिलचिलाती गर्मी के अनुरुप है। मंदिर के अंदर 6,000 टन इतालवी संगमरमर का उपयोग किया गया है। इटालियन मार्बल सुंदर दूधिया सफेद रंग का होता है जो विशेष रूप से जटिल नक्काशी के लिए उपयुक्त और अपनी शुद्धता, स्थायित्व के लिए प्रसिद्ध है।
पत्थरों को कैसे तराशा और ले जाया गया?
कच्चे पत्थरों को भारत के 5,000 से अधिक कुशल कारीगरों ने सावधानीपूर्वक 30,000 से अधिक टुकड़े में तराशा था। इसमें सबसे छोटे टुकड़े का वजन 1 किलोग्राम और सबसे बड़ा 6 टन से अधिक का था। प्रत्येक पूर्ण टुकड़े पर लेबल लगाया गया था, सावधानीपूर्वक पैक किया गया था और फिर 2,000 किलोमीटर से अधिक दूर अबू धाबी भेजा गया।
मंदिर के निर्माण में बिना कील, स्क्रू के पत्थरों को कैसे जोड़ा गया?
पत्थरों को प्राचीन हिंदू मंदिर निर्माण के एक पारंपरिक टेक्निक लॉक एंड की मेथड का उपयोग कर जोड़ा जाता है।
BAPS हिंदू मंदिर के सात शिखर किस चीज के प्रतीक हैं?
BAPS हिंदू मंदिर में किन देवताओं की पूजा की होगी?
बीएपीएस हिंदू मंदिर के सात शिखरों में विभिन्न प्रमुख हिंदू देवताओं का निवास है। ये हैं:
BAPS हिंदू मंदिर कैंपस में कौन सी सुविधाएं शामिल हैं?
मंदिर परिसर में कौन सी सुविधाएं जोड़ी जानी बाकी हैं?
मंदिर परिसर में एग्जीबिशन, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स सेंटर एड किये जाने बाकी हैं।
मुख्य प्रार्थना कक्ष में एक साथ कितने लोग बैठ सकते हैं?
मुख्य प्रार्थना कक्ष को एक साथ 3,000 लोगों के बैठने के लिए डिजाइन किया गया है।
भूकंप, तूफान के दौरान मंदिर की सेफ्टी?
मंदिर को भूकंप का सामना करने के लिए इंजीनियर द्वारा खास तौर पर डिजाइन किया गया है जो गंभीर तीव्र, प्राकृतिक शक्तियों भूकंप, तूफान में भी मंदिर को नुकसान होने से बचाता है। 10 विभिन्न लेवल पर लगाये गए 300 सेंसरों का एक नेटवर्क है जो मंदिर के अंदर तनाव, दबाव और तापमान पर रियल टाइम डेटा प्रदान करता है।
मंदिर में उपलब्ध सभी सुविधाएं क्या केवल हिंदू धर्म के लोगों के लिए हैं?
मंदिर हिंदू मूल्यों पर बनाया गया है लेकिन परिसर और सभी सुविधाएं सभी धर्मों और पृष्ठभूमियों के लोगों के लिए खुली हैं।
बीएपीएस हिंदू मंदिर से संयुक्त अरब अमीरात समुदाय को क्या लाभ होगा?
बीएपीएस हिंदू मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में स्थानीय लोगों के जीवन को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। अपने धार्मिक महत्व से परे मंदिर परिसर में कक्षाओं के माध्यम से युवाओं को लीडरशिप ट्रेनिंग, महिला सशक्तिकरण, पेरेंटिंग सेमिनार और पारिवारिक जुड़ाव के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
मंदिर में आगंतुकों के लिए कोई ड्रेस कोड है?
BAPS हिंदू मंदिर एक पूजा स्थल है। ऐसे में आगंतुकों से अपने कपड़ों के चयन में सम्मानजनक रहने का आग्रह किया गया है। ये दिशानिर्देश हैं:
मंदिर कौन-सी गतिविधियां और सेवाएं प्रदान करेगा?
मंदिर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और शैक्षिक गतिविधियों का जीवंत केंद्र होगा। इनमें नियमित प्रार्थना, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, शैक्षणिक कक्षाएं और सामुदायिक महव के आयोजन शामिल होंगे।
मंदिर सभी व्यक्तियों के लिए कितना सुलभ है?
मंदिर को दिव्यांगों सहित सभी व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। रैंप और एलिवेटर जैसी सुविधाएं शामिल की गई हैं।
लोगों को मंदिर में होने वाले एक्टिविटीज की जानकारी कैसे मिलेगी?
व्यक्ति नियमित रूप से मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट (mandir.ae) देखकर जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके सोशल मीडिया अकाउंट (@abudhabimandir) को फॉलो कर भी जानकारी ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त मंदिर में विजिटर्स वेलकम में स्थित हेल्प डेस्क पर जानकारी ले सकते हैं।
बीएपीएस क्या है?
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) अपने माध्यम से व्यक्तियों, परिवारों और समाज की देखभाल के लिए प्रतिबद्ध है। इसके दस लाख से अधिक सदस्य, 80,000 स्वयंसेवक और 5,025 केंद्र हैं। परम पावन महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में, BAPS नैतिक रूप से ईमानदार, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समुदाय के निर्माण का प्रयास करता है जो व्यसनों और हिंसा से मुक्त हो। दुनिया भर में BAPS के सभी कार्य भगवान की शाश्वत शिक्षाओं पर आधारित हैं। स्वामीनारायण (1781-1830) और परम पावन प्रमुख स्वामी महाराज (1921-2016) से प्रेरित हैं, जिन्होंने सार्वभौमिक ज्ञान को अपनाया। संयुक्त अरब अमीरात में BAPS को सबसे बड़े और सबसे सक्रिय हिंदुओं के संगठन में से एक के रूप में सम्मान दिया जाता है।
BAPS हिंदू मंदिर की कल्पना किसने की थी?
बीएपीएस हिंदू मंदिर की कल्पना सबसे पहले परम पावन प्रमुख स्वामी महाराज (1921-2016) ने 5 अप्रैल 1997 को शारजाह के रेगिस्तान का दौरा करते समय की थी। आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में उन्होंने यह संदेश दिया: “In the joy of others lies our own.”। प्रमुख स्वामी महाराज ने अपना जीवन समर्पित करते हुए पूरे विश्व की यात्रा की 50 देशों के 17,000 गांवों और शहरों में 250,000 से अधिक घरों का दौरा किया। व्यक्तिगत रूप से 810,000 लोगों को परामर्श दिये। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1,200 से अधिक हिंदू मंदिरों का निर्माण कराया।
BAPS स्वामीनारायण संस्था के वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख कौन हैं?
BAPS स्वामीनारायण संस्था के वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख परम पावन महंत (जन्म 1933) हैं। 6 दशकों से अधिक समय तक उन्होंने गुरुओं योगीजी महाराज और प्रमुख स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में सेवा की। 90 साल की उम्र में भी वह शांति, सद्भाव के दूत बन वैश्विक व्यक्ति के रूप में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते रहते हैं।
अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर के निर्माण का नेतृत्व किसने किया है?
परम पावन महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में ब्रह्मविहरिदास स्वामी ने बीएपीएस हिंदू मंदिर के निर्माण की देखरेख की है।
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