बच्चों को बनाना है सेना का अफसर? जानिए उस स्कूल के बारे में जहां से निकलते हैं देश के असली हीरो

Published : Apr 24, 2025, 04:11 PM ISTUpdated : Apr 24, 2025, 06:40 PM IST
Indian Army

सार

How to join Indian Army after School: जानिए एक ऐसे स्कूल के बारे में जहां से पढ़कर बच्चे आर्मी अफसर बनते हैं। UPSC CDS में 67वीं रैंक लाने वाले मयंक राय भी यहीं से पढ़े हैं। जानें यहां की एडमिशन प्रक्रिया, स्कूल का इतिहास समेत डिटेल।

Best School for NDA CDS Exam Preparation: अक्सर मां-बाप इस बात को लेकर चिंता में रहते हैं कि उनके बच्चों की पढ़ाई ऐसी जगह से होनी चाहिए जहां से उनका भविष्य चमक उठे। हर पैरेंट्स चाहते हैं कि बच्चा सिर्फ पढ़े ही नहीं, बल्कि अनुशासन सीखे, आत्मविश्वास के साथ खड़ा हो और कुछ बड़ा करे। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में जानना चाहिए, जहां से निकलकर कई बच्चे भारतीय सेना के अफसर बन चुके हैं। इसी स्कूल से पढ़े मयंक राय ने UPSC CDS में 67वीं रैंक हासिल की है। इस स्कूल का नाम है सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (Sainik School Ghorakhal)।

कहां हैं सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, जानिए इसका इतिहास (Sainik School Ghorakhal history)

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रीमियर मिलिट्री स्कूल है। इसकी स्थापना 1966 में की गई थी। ये स्कूल एक ऐतिहासिक जगह पर बना है जो पहले रामपुर के नवाब की प्रॉपर्टी हुआ करती थी। "घोड़ाखाल" नाम की भी एक दिलचस्प कहानी है। 1857 की क्रांति के समय अवध से भागकर एक अंग्रेज जनरल इस इलाके में आया था। जब उसका घोड़ा एक तालाब का पानी पीते समय मर गया, तब से इस जगह का नाम ही पड़ गया 'घोड़ा' और 'खाल' (तालाब) यानी घोड़ाखाल। बाद में ब्रिटिश शासन ने ये जमीन जनरल व्हीलर को दी और फिर 1921 में ये प्रॉपर्टी नवाब ऑफ रामपुर ने खरीद ली। लेकिन 1964 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे खरीदा और 1966 में यहां सैनिक स्कूल की शुरुआत की गई।

इस स्कूल से पढ़कर बनते हैं सेना के अफसर (Sainik School Ghorakhal for NDA CDS Preparation)

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल का मकसद सिर्फ बच्चों को पढ़ाई कराना नहीं, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार करना है ताकि वो भारतीय सेना, नौसेना या वायुसेना में अफसर बन सकें। यहां से पढ़े बच्चों का सेलेक्शन अक्सर NDA (National Defence Academy) और CDS (Combined Defence Services) जैसी कठिन परीक्षाओं में होता है।

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में कैसे मिलता है एडमिशन? (Sainik School Ghorakhal Admission Process)

यहां एडमिशन के लिए आपको AISSEE (All India Sainik School Entrance Exam) देना होता है। इस परीक्षा को NTA (National Testing Agency) आयोजित करती है और यह ऑफलाइन मोड में होती है। परीक्षा क्लास 6 और 9 में एडमिशन के लिए होती है।

कौन-कौन दे सकता है परीक्षा? (Sainik School Entrance Exam Age Limit)

  • क्लास 6 के लिए: आयु होनी चाहिए 10 से 12 साल (31 मार्च तक)
  • क्लास 9 के लिए: आयु होनी चाहिए 13 से 15 साल (31 मार्च तक)
  • लड़के और लड़कियां दोनों ही अब इस स्कूल में दाखिला ले सकते हैं।

क्यों चुनें सैनिक स्कूल घोड़ाखाल? (Sainik School Ghorakhal Specialty)

यहां पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन, खेल, फिजिकल ट्रेनिंग, और लीडरशिप क्वालिटी पर भी फोकस किया जाता है। देश सेवा का जज्बा बचपन से ही बच्चों के दिल में बिठाया जाता है। छात्र यहां से निकलकर NDA, CDS, UPSC जैसी बड़ी परीक्षाएं पास करते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आत्मविश्वासी, अनुशासित और देशभक्त बने, तो सैनिक स्कूल घोड़ाखाल एक बेहतरीन ऑप्शन है। जहां से भारत के भविष्य के सच्चे हीरो निकलते हैं।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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