कश्मीरी युवाओं का करियर बनाने छोड़ दी कॉलेज की नौकरी, आज हजारों यूथ के हैं इंस्पिरेशन, जानें प्रो एमवाई खान के बारे में

प्रोफेसर याकूब खान बताते हैं कि 'जब मैंने सोचा अगर मैं पढ़ाना बंद कर दूं, तो इससे क्या फर्क पड़ेगा, क्योंकि कई ऐसे शिक्षक हैं जो यह काम बड़े ही बखूबी तरीके से करते हैं। लेकिन आज यूथ को रोजगार और अच्छी जॉब पाने के लिए गाइडेंस की जरूरत है।'

करियर डेस्क : प्रोफेसर मोहम्मद याकूब खान...एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने कश्मीर के युवाओं का करियर बनाने के लिए अपनी कॉलेज की नौकरी छोड़ दी है। आज 6,000 से ज्यादा छात्रों को कॉम्पटेटिव एग्जाम (Competitive Exam) की ऑनलाइन तैयारी करवाते हैं। युवाओं को आगे कैसे बढ़ना है, उन्हें सरकारी नौकरी कैस पानी है और उनके फ्यूचर को लेकर स्कूल-कॉलेज में लेक्चर भी देते हैं। वे हजारों युवाओं की प्रेरणा हैं, मार्गदर्शक हैं। आइए जानते हैं कश्मीरी युवाओं की शिक्षा पर फोकस कर रहे प्रोफेसर एमवाई खान (MY Khan) के बारें में...

कश्मीर में युवाओं की प्रेरणा एमवाई खान कौन हैं

Latest Videos

प्रोफेसर याकूब खान एजुकेशन काउंसलर हैं, जो पिछले 22 साल से UPSC की तैयारी कर रहे युवाओँ के लिए कोचिंग चला रहे हैं। श्रीनगर (Srinagar) के सेंटर फॉर करियर गाइडेंस एंड काउंसलिंग के डायरेक्टर हैं। स्कूल-कॉलेज स्कूलों में जाकर याकूब खान युवाओं को बताते हैं कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स को कैसे क्रैक करना है। 2009 में यूपीएससी टॉपर शाह फैजल ने प्रोफेसर याकूब खान की कोचिंग से ही तैयारी की थी। आज वे भारत सरकार में संस्कृति मंत्रालय के अपर सचिव के पद पर तैनात हैं।

6 किताबें लिख चुके हैं प्रोफेसर याकूब खान

प्रो एमवाई खान ने अब तक 6 किताबों भी लिखी हैं। उनकी किताबें कॉम्पटेटिव एग्जाम्स, लॉजिक, इंग्लिश लैंग्वेज स्किल, एमबीए इंट्रेंस, सोशल साइंस एंड एजुकेशन और इंग्लिश लैंग्वेज पर हैं। उर्दू में इस्लाम-कुरान और बच्चों के लिए साइंस की एक किताब भी उन्होंने लिखी है।

कश्मीरी युवाओं का करियर बनाने छोड़ी सरकारी नौकरी

प्रोफेसर याकूब खान मैनेजमेंट के प्रोफसर थे। वे अक्सर युवाओं को करियर को लेकर भटकते हुए देखते थे। उन्होंने छात्रों से बातचीत की और फिर महसूस किया कि युवाओं को नौकरी पाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें एजुकेशनल, करियर के लिए काउंसलिंग और मार्गदर्शन की जरूरत है। कश्मीरी युवाओं का करियर बनाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। श्रीनगर से मीडिया को उन्होंने इसकी जानकारी दी।

'खुद को प्रोडक्टिव बनाएं, दिमाग को काम पर लगाएं'

66 साल के प्रोफेसर एमवाई खान न कभी रूकते हैं और ना ही कभी थकते हैं। युवाओं के साथ वे दिनभर खुद को बिजी रखते हैं। उनका कहना है कि 'हमारा खाली दिमाग शैतान का घर होता है। इसलिए खुद को प्रोडक्टिव बनाएं और अपने दिमाग को काम पर लगाए रखें। इससे मन इधर-उधर भटकेगा नहीं और कई तरह की समस्याओं से भी बच जाएगा।'

खुद को बिजी और एक्टिव रखें

प्रोफेसर खान का कहना है कि 'रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह आराम का वक्त है लेकिन यह विचारों की कमी और आसली का बहाना है।' उनका कहना है कि 'खाली बैठे रहने से हम खुद का ही नुकसान करते हैं। इससे घर को माहौल भी बिगड़ता है। यही कारण है कि पहले के समय में रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को छोटे बच्चों, नाती-पोते की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी। अब ये जिम्मेदारियां नहीं मिल रही हैं, इसलिए खुद को प्रोडक्टिव बनाने पर फोकस करना चाहिए। बिजी और एक्टिव रहना बुद्धिमानी का काम है।' प्रोफेसर खान कहते हैं कि 'रिटायरमेंट किसी रास्ते का अंत नहीं बल्कि एक खुले और लंबे राजमार्ग की शुरुआत है। अपने अनुभव से अच्छे समाज का निर्माण करें, क्योंकि नई पीढ़ी को आपकी जरूरत है।'

8 घंटे का आराम, बाकी काम

प्रोफेसर याकूब खान बताते हैं कि वह अपने दिन के 24 घंटों को काम और आराम के बीच बांटते हैं। आराम करने के लिए 8 घंटे का समय निकालते हैं। हालांकि, उनका माना है कि उन्हें आराम की जरूरत तब तक नहीं है, जब तक उनके हाथ-पैर और दिमाग काम कर रहे हैं। उन्हें एक्टिव रहना काफी पसंद है। इसलिए उन्हें काम करना भी काफी पसंद है। वे युवाओं को भी यही सीख देते हैं।

कॉन्टेन्ट सोर्स- आवाज द वाइस

 

Share this article
click me!

Latest Videos

खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
क्या है Arvind Kejriwal का मूड? कांग्रेस के खिलाफ फिर कर दिया एक खेल । Rahul Gandhi