CBSE का बड़ा फैसला: अब स्कूल के हर कोने में लगेगा CCTV कैमरा, क्लासरूम तक में होगी निगरानी

Published : Jul 21, 2025, 06:54 PM IST
CBSE mandates cctv installation in schools

सार

CBSE CCTV Mandatory Rule: सीबीएसई ने स्कूली बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। नए नियम के अनुसार CBSE स्कूलों को अब अपने स्कूल कैंपस के हर कोने में हाई रेजोल्यूशन CCTV कैमरे लगाने होंगे। जानिए पूरी डिटेल। 

CBSE CCTV Mandatory Rule: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने अफिलिएशन बाय-लॉज 2018 में एक अहम बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब CBSE से संबद्ध सभी स्कूलों को स्कूल परिसर में हाई रेजोल्यूशन CCTV कैमरे लगाने होंगे, जिनमें ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग की सुविधा भी होगी। सीबीएसई की ओर से किए गए इस बदलाव का मकसद बच्चों की सुरक्षा और मानसिक-सामाजिक भलाई को प्राथमिकता देना है। जानिए बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए बनाए गए नए नियम में स्कूलों को किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। 

वॉशरूम को छोड़ कर स्कूल के हर कोने में लगेगा CCTV

CBSE ने निर्देश दिया है कि CCTV कैमरे स्कूल के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स, कॉरिडोर, सीढ़ियां, सभी क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, कैंटीन, स्टोर रूम, प्लेग्राउंड और अन्य सामान्य क्षेत्रों में जरूर लगाए जाएं। केवल टॉयलेट और वॉशरूम को इससे बाहर रखा गया है। इन कैमरों में रीयल टाइम रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए और कम से कम 15 दिन की फुटेज स्टोर करने वाला स्टोरेज डिवाइस भी होना जरूरी होगा। स्कूल प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस रिकॉर्डिंग का कम से कम 15 दिन का बैकअप रखा जाए ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित अधिकारी इसे देख सकें।

बच्चों की मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा है CBSE का उद्देश्य

CBSE ने साफ किया है कि स्कूलों को बच्चों की सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होगा। कई बार बच्चों की भावनात्मक परेशानियों को अभिभावक या शिक्षक समय पर समझ नहीं पाते और इसका गहरा असर बच्चे के आत्मविश्वास और मानसिक सेहत पर पड़ता है। बुलिंग (bullying) एक ऐसी ही समस्या है, जो बच्चों में तनाव, डर और आत्मविश्वास की कमी का कारण बनती है। CBSE ने चेताया है कि स्कूलों को ऐसे सभी खतरे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

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स्कूल में सुरक्षा का जिम्मा हर किसी का

CBSE ने नोटिस में यह भी कहा है कि स्कूल में सुरक्षा का जिम्मा सिर्फ प्रिंसिपल या टीचर्स का नहीं है, बल्कि इसमें हर किसी की भागीदारी जरूरी है। चाहे वो शिक्षक हों, स्पेशल असिस्टेंट हों, विजिटर्स हों, कॉन्ट्रैक्ट पर आए लोग हों या बच्चे खुद। बोर्ड ने 'सुरक्षा' का मतलब केवल शारीरिक सुरक्षा से नहीं, बल्कि असमाजिक तत्वों से रक्षा, भावनात्मक सेहत और सभी प्रकार के खतरे जैसे आग, प्राकृतिक आपदाएं, ट्रांसपोर्ट सुरक्षा आदि को भी शामिल किया है।

CBSE का यह फैसला बच्चों की सुरक्षा और संपूर्ण भलाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब स्कूलों को न सिर्फ बाहरी खतरों से सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, बल्कि उन्हें बच्चों के भीतर चल रही भावनात्मक चुनौतियों को भी समझकर उनका समाधान निकालना होगा।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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