शिक्षा प्रणाली को एकीकृत करने के लिए सीबीएसई जल्द ही कक्षा 6, 9 और 11 के लिए नेशनल क्रेडिट फेमवर्क लांच करने वाला है। इसके लिए सीबीएसई ने सभी स्कूलों को आमंत्रित भी किया है।
दिल्ली. सीबीएसई द्वारा साल 2024-25 के लिए नेशनल क्रेडिट फेमवर्क लांच करने जा रहा है। जिसका लाभ कक्षा 6, 9 और 11 के स्टूडेंट्स को मिलेगा। इसके लिए सभी सहयोगी स्कूलों को भी आमंत्रित किया है। ताकि वे सत्र प्रारंभ होने से पहले ही इस प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर सकें।
नए सत्र से शुरू होगा क्रेडिट फ्रेमवर्क
सीबीएसई के अफसरों ने बताया कि नए सत्र 2024-25 से कक्षा 6, 9 और 11 के लिए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क का एक पायलट लॉन्च किया जाएगा। इसमें भाग लेने के लिए अपने सहयोगी स्कूलों को आमंत्रित किया है। सरकार ने पिछले साल स्कूल, उच्च और व्यावसायिक शिक्षा के निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने और छात्रों को पहले से अपने क्रेडिट जमा करने की अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) लॉन्च किया था।
ये मिलेगा स्टूडेंट्स को फायदा
क्रेडिट फ्रेमवर्क पायलट लांच होने पर स्टूडेंट्स शिक्षा, प्रयोगशाला कार्य, परियोजनाओं, खेल, प्रदर्शन कला, एनसीसी, सामाजिक कार्य, व्यावसायिक शिक्षा और अनुभवात्मक शिक्षा से क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं। जिसमें प्रासंगिक अनुभव और अर्जित पेशेवर स्तर शामिल हैं। यह कक्षा की शिक्षा को योग्यता और सीखने के परिणाम-आधारित शिक्षा और सीखने में स्थानांतरित करके सीखने के परिणामों की उपलब्धि में अंतर को बंद कर देगा। इस प्रकार सभी प्रकार की शिक्षा के लिए क्रेडिट अर्जित करने के लिए मूल्यांकन अनिवार्य है। बोर्ड ने कहा कि अर्जित क्रेडिट छात्र के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) में जमा किया जाएगा। जिसे भविष्य में छात्र की एपीएआर आईडी और डिजिलॉकर से जोड़ा जाएगा।
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सीधे शब्दों में क्रेडिट फ्रेमवर्क का लाभ
सीधे शब्दों में कहें तो सीबीएसई द्वारा पूरी शिक्षा प्रणाली को एकीकृत किया जा रहा है। यानी स्टूडेंट्स को क्लास से लेकर अन्य एक्टिविटी जैसे खेलकूद, एक्सट्रा क्लास सहित अन्य गतिविधि के भी नंबर मिलेंगे। यानी स्टूडेंट की हर एक्टिविटी का उन्हें क्रेडिट मिलेगा। साथ ही उनकी शिक्षा भी सभी स्कूलों में एक जैसी होगी। ताकि किसी भी स्टूडेंट को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। इस सिस्टम का फायदा ड्राप आउट स्टूडेंट्स को भी मिलेगा। वे भी स्कूल शिक्षा से जुड़ सकेंगे। इस प्रकार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक पूरी शिक्षा प्रणाली को एकीकृत क्रेडिट सिस्टम के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है।
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