Children’s Day 10 Lines: बाल दिवस पर 10 दमदार लाइनें, आपके भाषण-निबंध में भर देंगी जान

Published : Nov 13, 2025, 06:26 PM IST
Childrens Day 10 Lines

सार

Children's Day 10 lines 2025 In Hindi: बाल दिवस 2025 पर भाषण और निंबध के लिए 10 दिलचस्प लाइनें, जो आपके 14 नवंबर स्पीच को खास बना देंगे। चाचा नेहरू के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले इस खास दिन का महत्व, इतिहास और बच्चों से जुड़ी प्रेरणादायक बातें, जानें।

Childrens Day 10 lines: हर साल 14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर पूरे देश में बाल दिवस (Children’s Day) बड़े प्यार और जोश के साथ मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ बच्चों के लिए छुट्टी या स्कूल फंक्शन का मौका नहीं होता, बल्कि यह बचपन की मासूमियत, सपनों और आजादी की खुशबू का उत्सव है। यह दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्हें बच्चे बेहद प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। नेहरू जी का मानना था कि देश का भविष्य बच्चों के हाथों में है और अगर हमें भारत को मजबूत बनाना है, तो सबसे पहले अपने बच्चों को खुश, शिक्षित और संस्कारी बनाना होगा। अगर आप स्कूल, कॉलेज या किसी समारोह में बाल दिवस पर भाषण, निबंध या स्पीच देने जा रहे हैं, तो नीचे दिए गए बाल दिवस पर 10 लाइनें (10 Lines on Children's Day 2025) आपके शब्दों में जादू ला सकते हैं।

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बाल दिवस पर 10 लाइनें (Children's Day 10 lines 2025 In Hindi)

  • बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि यही पंडित नेहरू जी का जन्मदिन है, वे बच्चों से बेहद प्यार करते थे।
  • नेहरू जी को ‘चाचा नेहरू’ इसलिए कहा गया, क्योंकि वे बच्चों के साथ समय बिताना और उनकी बातें सुनना पसंद करते थे।
  • बाल दिवस पहली बार 1956 में मनाया गया था, जब भारत ने बच्चों के अधिकारों और उनके विकास को लेकर खास दिन तय किया।
  • नेहरू जी का मानना था, ‘बच्चे आज के नहीं, बल्कि कल के नागरिक हैं।’
  • बाल दिवस के दिन देशभर के स्कूलों में खेल, कविता, निबंध और ड्रामा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
  • बाल दिवस का मकसद सिर्फ मस्ती नहीं, बल्कि बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और सेहत पर ध्यान दिलाना भी है।
  • भारत में बाल दिवस से पहले ‘विश्व बाल दिवस’ 20 नवंबर को भी मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने शुरू किया था।
  • चाचा नेहरू को गुलाब फूल बेहद पसंद था, इसलिए उनके कोट की जेब में हमेशा एक लाल गुलाब लगा रहता था।
  • बाल दिवस के मौके पर सरकारी और निजी संस्थान बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम, फ्री वर्कशॉप और अवेयरनेस कैंप भी लगाते हैं।
  • यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर बच्चा देश का भविष्य है, और उसका बचपन खुशहाल व सुरक्षित होना चाहिए।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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