Freedom Fighter: झांसी की रानी के अलावा कौन थी भारत की पहली महिला क्रांतिकारी? जानिए उनके साहस के किस्से

Published : Aug 14, 2025, 04:00 PM IST
Jhalkari Bai India Women freedom fighter

सार

Freedom Fighter India Revolutionary Woman: झलकारी बाई 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी वीरांगना थीं, जिन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तरह वीरता दिखाई। स्वतंत्रता दिवस 2025 पर जानें झलकारी बाई की लाइफ स्टोरी, संघर्ष, बलिदान के बारे में।

Freedom Fighter Jhalkari Bai: भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम यानी 1857 की क्रांति और महिला योद्धाओं की जब भी बात होती है, ज्यादातर लोग सबसे पहले झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम लेते हैं। उनकी वीरता, साहस और बलिदान की कहानियां हर भारतीय के दिल में बसी हैं। लेकिन, बहुत कम लोग जानते हैं कि रानी लक्ष्मीबाई के साथ एक और ऐसी वीरांगना थीं, जिनका साहस और पराक्रम किसी भी तरह कम नहीं था। उनका नाम था झलकारी बाई। झलकारी बाई केवल रानी की साथी ही नहीं, बल्कि उनकी हमशक्ल भी थीं, जिसने अपने जीवन के आखिरी क्षण तक मातृभूमि के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी कहानी प्रेरणा, त्याग और अदम्य साहस की मिसाल है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2025 पर जानिए आजादी की लड़ाई की क्रांतिकारी महिला झलकारी बाई के बारे में।

कौन थी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी महिला झलकारी बाई?

झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर को बुंदेलखंड के एक छोटे से गांव में एक निर्धन कोली परिवार में हुआ था। पिता सदोवा (मूलचंद) कोली और मां जमुना बाई (धनिया) के यहां जन्मी झलकारी का बचपन कठिन परिस्थितियों में बीता। मां के देहांत के बाद पिता ने उन्हें बेटे की तरह पाला और यही वजह थी कि उनमें बचपन से ही आत्मनिर्भरता और साहस की भावना थी। घर के कामों के साथ-साथ वह जंगल से लकड़ी लाना, पशुओं की देखभाल करना और जरूरत पड़ने पर बहादुरी से खड़े होना भी जानती थीं।

झलकारी बाई की बचपन की वीरता की कहानियां

उनके बचपन की एक घटना आज भी मशहूर है, जब जंगल में लकड़ी बीनते समय उनका सामना एक खूंखार बाघ से हुआ। बिना डरे, उन्होंने कुल्हाड़ी से उस पर वार किया और उसे मार गिराया। एक और बार, गांव के एक व्यापारी पर डकैतों ने हमला कर दिया। झलकारी ने अकेले उनका सामना किया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। उनकी बहादुरी से प्रभावित होकर गांववालों ने उनका विवाह झांसी की सेना में काम करने वाले एक बहादुर सैनिक पूरन कोली से करा दिया।

झलकारी बाई का झांसी आना और सेना में भूमिका

विवाह के बाद झलकारी अपने पति के साथ झांसी आ गईं। यहां उनका परिचय रानी लक्ष्मीबाई से हुआ और जल्द ही वे उनकी महिला सेना दुर्गा दल की प्रमुख बन गईं। रानी और झलकारी की शक्ल इतनी मिलती-जुलती थी कि कई बार वे युद्ध में रानी का वेश धारण कर दुश्मनों को भ्रमित कर देती थीं।

झलकारी बाई का 1857 की क्रांति में निर्णायक योगदान

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने झांसी किले को घेर लिया। इस संकट की घड़ी में झलकारी बाई ने रानी का वेश धारण कर दुश्मनों का सामना किया, ताकि रानी सुरक्षित रूप से किले से बाहर निकलकर रणनीति बना सकें। इस छलावे में अंग्रेजों को लगा कि उन्होंने रानी को पकड़ लिया है, लेकिन असल में यह झलकारी थीं। इसी लड़ाई में वे गंभीर रूप से घायल हुईं। अंतिम सांस लेने से पहले उन्होंने जय भवानी का उद्घोष किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं।

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आज भी बुंदेलखंड की लोककथाओं और गीतों में याद की जाती हैं झलकारी बाई

झलकारी बाई के साहस को आज भी बुंदेलखंड की लोककथाओं और गीतों में याद किया जाता है। 2001 में भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ ही उनकी समाधि भी ग्वालियर में स्थित है, जो उनके बलिदान की अमर गवाही देती है।

झलकारी बाई केवल एक योद्धा नहीं थीं, एक ऐसी महिला क्रांतिकारी थीं जिन्होंने अपने प्राण देकर देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई का साथ निभाया। वह इस बात की मिसाल हैं कि भारत की आजादी में अनगिनत गुमनाम नायकों और नायिकाओं ने भी अपनी जान की बाजी लगाई, जिनकी कहानियां हर पीढ़ी को सुनाई जानी चाहिए।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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