गैलप रिपोर्ट का खुलासा, वर्कप्लेस पर 86% भारतीय कर्मचारी झेल रहे संघर्ष, केवल 14% ही खुश

Published : Jun 13, 2024, 10:34 AM ISTUpdated : Jun 13, 2024, 11:10 AM IST
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सार

गैलप 2024 स्टेट ऑफ द ग्लोबल वर्कप्लेस रिपोर्ट के अनुसार, केवल 14% भारतीय कर्मचारी ही काम पर खुद को फलता-फुलता यानी संपन्न मानते हैं। जबकि 86% कर्मचारियों का मानना है कि वे संघर्ष कर रहे हैं।

Gallup Report 2024: गैलप 2024 स्टेट ऑफ द ग्लोबल वर्कप्लेस रिपोर्ट के अनुसार, केवल 14% भारतीय कर्मचारी काम पर खुद को फलता-फुलता यानी संपन्न मानते हैं। यह आंकड़ा ग्लोबल एवरेज का 34% से काफी कम है। वहीं अमेरिकी एनालिटिक्स कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक, 86% कर्मचारी वर्कप्लेस पर संघर्ष झेल रहे हैं। जानिए पूरी डिटेल

रिपोर्ट में भारत में कर्मचारियों की चिंताजनक तस्वीर

ग्लोबल वर्कप्लेस रिपोर्ट 2024, भारत में कर्मचारियों की चिंताजनक तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट में भारतीय कर्मचारियों के तीन लेवल का खुलासा किया गया है जिसमें एक वर्ग है जो वर्कप्लेस पर संपन्न और सकारात्मक महसूस करता है, दूसरा वर्ग संघर्ष का अनुभव कर रहा है जबकि तीसरा वर्ग पीड़ित अनुभव कर रहा है। 

तीन वर्गों में बंटे कर्मचारी कुछ ऐसा कर रहे महसूस

संपन्न कर्मचारी अपनी वर्तमान स्थिति को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं और भविष्य के लिए आशावादी दृष्टिकोण रख रहे हैं। वहीं संघर्ष कर रहे कर्मचारी अपनी वर्तमान स्थिति के संबंध में अनिश्चितता या नकारात्मकता का अनुभव कर हैं, जिसमें संभावित रूप से तनाव या वित्तीय चिंताएं भी शामिल हैं। वहीं पीड़ित वर्ग के कर्मचारी दुखी हैं और अपने भविष्य के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण रखे हुए हैं।

35% भारतीय हर दिन करते हैं गुस्से का अनुभव

गैलप के अनुसार सर्वे में शामिल सभी देशों में यही प्रवृत्ति है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि दक्षिण एशिया में संपन्न कर्मचारियों का प्रतिशत सबसे कम है, इस क्षेत्र में केवल 15% लोगों ने खुद को संपन्न बताया है, जो वैश्विक औसत से 19 प्रतिशत कम है। इस क्षेत्र में भारत की दर 14% के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि नेपाल 22% के साथ पहले स्थान पर है। रिपोर्ट में दैनिक भावनात्मक अनुभव पर भी प्रकाश डाला गया है। जिसमें 35% भारतीयों ने हर दिन गुस्से का अनुभव करने के बारे में बताया है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि भारत में इस क्षेत्र में दैनिक तनाव का स्तर सबसे कम है, केवल 32 प्रतिशत लोगों ने स्ट्रेस की रिपोर्ट की है, जबकि श्रीलंका में यह आंकड़ा 62 प्रतिशत और अफगानिस्तान में 59 प्रतिशत है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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