Ghost Faculty Scam Tamil Nadu Anna University: तमिलनाडु की एक यूनिवर्सिटी में 'घोस्ट फैकल्टी' घोटाला का खुलासा हुआ है। 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में तमिलनाडु के अन्ना विश्वविद्यालय के डेटा जांच के बाद मामला सामने आया है। जानिए पूरी डिटेल।
Ghost Faculty Scam Tamil Nadu Anna University: तमिलनाडु के एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान में 'घोस्ट फैकल्टी' घोटाले का खुलासा हुआ है। मामला अन्ना विश्वविद्यालय का है। यहां प्रोफेसर्स के फर्जी रजिस्ट्रेशन का भी खुलासा हुआ है। जिसमें केवल 211 फैकल्टी मेंबर 2000 पोस्ट की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। ये प्रोफेसर एक साथ कई कॉलेजों के फैकल्टी मेंबर्स के रूप में लिस्टेड हैं।
एनजीओ अरप्पोर इयक्कम की जांच से हुआ खुलासा
यह घोटाला तब सामने आया जब एक एनजीओ ने 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा की जांच की। भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ अरप्पोर इयक्कम ने जांच के बाद पाया कि रजिस्टर्ड 352 पूर्णकालिक प्रोफेसर के नाम कई कॉलेजों के साथ लिस्टेड थे, जिनमें से कुछ तो एक साथ 11 संस्थानों से जुड़े हुए हैं। एनजीओ अरप्पोर इयक्कम के संयोजक जयराम वेंकटेशन ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि कैसे तमिलनाडु के कई तमिलनाडु कई इंजीनियरिंग कॉलेज 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए अन्ना विश्वविद्यालय के साथ अपनी संबद्धता प्रक्रिया के दौरान इस घोटाले में शामिल थे। गड़बड़ी को देखते हुए एनजीओ ने डीवीएसी अधिकारियों को सतर्क किया।
मान्यता प्राप्त करने के लिए शिक्षा के गुणवत्ता से समझौता हुआ
बता दें कि अन्ना विश्वविद्यालय और एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त करने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों को पर्याप्त बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, लेबोरेटरी फैसिलिटी और पर्याप्त संख्या में फैकल्टी जैसे मानदंडों को पूरा करना पड़ता है। ऐसे में मान्यता प्राप्त करने के लिए इन कॉलेजों ने मानदंडो को गलत तरीके से दिखाया गया और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया।
191 से बढ़कर इस वर्ष 211 हुई घोष्ट फैकल्टी की संख्या
जांच के ब्यौरे में कुलपति डॉ आर वेलराज ने बताया कि घोष्ट फैकल्टी की संख्या 2023 में 191 से बढ़कर इस वर्ष 211 हो गई है। एनजीओ ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में अन्ना विश्वविद्यालय और एआईसीटीई के विभिन्न कॉलेज प्रोफेसर और अधिकारी शामिल हैं।
जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
मामले में एनजीओ ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को भी शिकायत पत्र भेजा है। इस खुलासे के बाद जांच के लिए अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और राज्य उच्च शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर आगे विचार करेगा।
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