
Who is Google Boy Kautilya Pandit: हरियाणा के एक लड़के ने अपनी बुद्धिमानी और तेज दिमाग से पूरे देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। करनाल का रहने वाला यह लड़का पांच साल की उम्र में ही इतना ज्ञान अर्जित कर चुका था कि लोग उसे प्यार से गूगल बॉय कहने लगे। हम बात कर रहे हैं कौटिल्य पंडित की, जो एक बार फिर सुर्खियों में हैं। जानिए कौटिल पंडित उर्फ गूगल बॉय के एजुकेशन और लाइफ की रोचक बातें।
कौटिल्य पंडित का जन्म 24 दिसंबर 2007 में करनाल जिले के कोहंड गांव में हुआ। बचपन में जिन सवालों के जवाब देने में बड़े-बड़े लोग पसीना बहा देते थे, कौटिल्य पंडित उसका उत्तर झट से दे देते थे। देशों की राजधानी, करेंसी, जनसंख्या और भूगोल जैसी जटिल जानकारियों को उन्होंने पलभर में याद कर लिया था। यही वजह है कि महज पांच साल की उम्र में उन्होंने देशभर में अपनी पहचान बना ली थी। कौटिल्य को असली पहचान उस समय मिली जब वे मशहूर टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठे। वहां उनकी ज्ञान की चमक पूरे देश ने देखी। तब से लेकर अब तक लोग उन्हें गूगल बॉय के नाम से जानते हैं।
कौटिल्य पंडित अब 17 साल के हो चुके हैं और एक नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहे हैं। हाल ही में गुड़गांव के जीडी गोयनका स्कूल से 12वीं पास की है। उन्हें 12वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 में 93 प्रतिशत मार्क्स मिले। उन्होंने इसी साल जेईई मेन्स और फिर जेईई एडवांस्ड भी क्वालिफाई किया लेकिन उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए आईआईटी को नहीं बल्कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को चुना है, जो वर्ल्ड रैंकिंग (टाइम्स रैंकिंग) में नंबर 1 है। जिसे लेकर उनकी खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि कौटिल्य को इंग्लैंड की इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ फिजिक्स की पढ़ाई के लिए ऑफर मिला है। अक्टूबर से उनके क्लासेज शुरू होंगे। खास बात यह है कि उन्हें 25 लाख रुपये की स्कॉलरशिप भी मिली है।
फिजिक्स हमेशा से कौटिल्य पंडित का पसंदीदा विषय रहा है। उन्हें क्वांटम कम्प्यूटिंग में भी गहरी दिलचस्पी है। उनका मानना है कि यह टेक्नोलॉजी भविष्य में इंसानों की जिंदगी को पूरी तरह बदल सकती है। वे आगे चलकर कॉस्मोलॉजी, प्लाज्मा फिजिक्स, डार्क मैटर, पार्टिकल थ्योरी और AI for Humanity जैसे विषयों पर रिसर्च करना चाहते हैं।
कौटिल्य के पिता सतीश शर्मा के अनुसार यह उपलब्धि केवल उनके बेटे की नहीं, बल्कि पूरे परिवार और उन सभी का परिणाम है जिन्होंने कभी न कभी उसकी जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया। हम चाहते हैं कि कौटिल्य सिर्फ एक अच्छा वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान भी बने।
कौटिल्य बचपन से ही बेहद जिज्ञासु थे। अगर कोई उसके सवालों का जवाब न दे पाए, तो वह तब तक चैन से नहीं बैठते, जब तक समाधान न मिल जाए। उनके दादा, जो खुद शिक्षा से जुड़े थे, ने उसकी प्रतिभा को सबसे पहले पहचाना। उन्होंने उसे पढ़ाई की ओर प्रोत्साहित किया और वहीं से उसकी यात्रा शुरू हुई।
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कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजिस्ट्स ने रिसर्च कर बताया था कि कौटिल्य का IQ लेवल 130 से 150 के बीच है, जो जीनियस लेवल में आता है। यही कारण है कि वे अब तक 100 से ज्यादा किताबें पढ़ चुके हैं, जिनमें इतिहास, दर्शन, विज्ञान और साहित्य की कई महत्वपूर्ण पुस्तकें शामिल हैं। कौटिल्य अपना आदर्श प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री चाणक्य को मानते हैं। उनके विचारों और ज्ञान से प्रेरणा लेकर वे हमेशा कुछ नया सीखने और समझने की कोशिश करते रहते हैं।
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