How to Negotiate Salary: क्या आपके मन में भी यह सवाल है कि जॉब ऑफर के बाद सैलरी नेगोशिएशन कैसे करें? जानिए HR से बातचीत की स्मार्ट ट्रिक्स और स्ट्रेटेजी, जो आपको बेहतर पैकेज दिलाने में मदद कर सकते हैं।
नई नौकरी का ऑफर मिलने पर HR से सैलरी नेगोशिएशन के बेहतरीन तरीके क्या हैं?
कई राउंड्स के इंटरव्यू क्लियर करने के बाद जब आपके हाथ में नई नौकरी का ऑफर लेटर आता है, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। लेकिन इसी खुशी के बीच एक मुश्किल सवाल भी सामने आता है, सैलरी को लेकर बातचीत कैसे करें? ज्यादातर लोग सैलरी पर बात करने से झिझकते हैं। उन्हें लगता है कि अगर ज्यादा पैकेज मांगा तो कहीं ऑफर हाथ से न निकल जाए। जबकि हकीकत यह है कि HR पहले से जानता है कि उम्मीदवार नेगोशिएशन करेगा और वे इसके लिए तैयार भी रहते हैं। जानिए 5 स्मार्ट टिप्स जो आपकी मदद करेंगे।
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अपनी पोजिशन और स्किल के अनुसार इंडस्ट्री पैकेज रिसर्च करें
बिना जानकारी के नेगोशिएशन करना ऐसे है जैसे अंधेरे में तीर चलाना। इसलिए मार्केट वैल्यू जानें। आपके स्किल्स और अनुभव पर इंडस्ट्री में कितना पैकेज मिल रहा है, यह देखने के लिए Glassdoor, LinkedIn, AmbitionBox जैसी साइट्स चेक करें। उस कंपनी की सैलरी पॉलिसी, बोनस और ग्रोथ स्ट्रक्चर के बारे में पता करें। अपनी सैलरी रेंज तय करें साथ ही वॉक-अवे पॉइंट भी, यानी इससे कम पैकेज पर आप जॉब नहीं लेंगे।
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एक्सपेक्टेड सैलरी पूछने पर पहले ही नंबर मत बताइए
अक्सर HR पूछता है, आपकी एक्सपेक्टेड सैलरी क्या है? यहां बहुत से लोग गलती कर बैठते हैं और कम नंबर बता देते हैं। बेहतर जवाब हो सकता है, मैं चाहूंगा कि सैलरी इंडस्ट्री स्टैंडर्ड और इस रोल की जिम्मेदारियों के हिसाब से हो। क्या आप इस पोजिशन का सैलरी रेंज बता सकते हैं? मेरी सैलरी अपेक्षाएं फ्लेक्सिबल हैं। मैं पहले इस रोल की जिम्मेदारियों और ग्रोथ को पूरी तरह समझना चाहूंगा।
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अपनी वैल्यू साबित करें
सिर्फ यह कहना कि मुझे 30% हाइक चाहिए काफी नहीं है। आपको यह दिखाना होगा कि कंपनी को आपसे क्या फायदा होगा। अपनी उपलब्धियां गिनाएं, जैसे आपने पिछले जॉब में सेल्स 15% बढ़ाई या कॉस्ट कम की। बताइए कि आपकी कौन सी स्किल्स इस रोल में कंपनी के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होंगी।
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सिर्फ बेस सैलरी पर फोकस न करें
कभी-कभी कंपनी का बजट लिमिटेड होता है और वो आपकी मांगी हुई बेस सैलरी नहीं दे पाते। ऐसे में पूरा पैकेज देखें। आप इन पर भी नेगोशिएट कर सकते हैं, जैसे- जॉइनिंग बोनस, परफॉर्मेंस बोनस, ESOPs (कंपनी के शेयर्स), एक्स्ट्रा पेड लीव्स, फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स या वर्क फ्रॉम होम, हेल्थ इंश्योरेंस कवर, ट्रेनिंग और डेवलपमेंट बजट। ये सब आपकी ओवरऑल इनकम और वर्क-लाइफ बैलेंस को काफी बेहतर बना सकते हैं।
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आत्मविश्वास से बोलें, आक्रामक न बनें
आपका टोन और बॉडी लैंग्वेज बहुत मायने रखता है। पॉलाइट लेकिन फर्म रहें। बातचीत को लड़ाई नहीं बल्कि समाधान की तरह देखें। HR को महसूस होना चाहिए कि आप कंपनी और जॉब को लेकर भी उतने ही उत्साहित हैं, सिर्फ पैसे को लेकर नहीं। साइलेंस की ताकत, अपनी बात कहने के बाद थोड़ी देर चुप रहें। इससे सामने वाले को सोचने का समय मिलता है। जब भी पैकेज फाइनल हो, अपडेटेड ऑफर लेटर मेल पर जरूर लें। वर्बल एग्रीमेंट की कोई वैल्यू नहीं होती। याद रखिए सही तैयारी, रिसर्च और आत्मविश्वास के साथ किया गया नेगोशिएशन आपके करियर में बड़ा फर्क ला सकता है।