UPSC Preparation 2025: भारत के नए Labour Codes 2025 लागू हो गए हैं। जानें 5 अहम बातें जो UPSC उम्मीदवारों और कामकाजी लोगों के लिए जरूरी हैं। इसमें सैलरी, सोशल सिक्योरिटी, महिलाओं के अधिकार, नाइट शिफ्ट और सुरक्षा नियमों में बड़े बदलाव शामिल हैं।
India Labour Codes 2025: 21 नवंबर 2025 से भारत में पुराने मजदूर कानूनों की जगह नए लेबर कोड्स लागू हो गए हैं। ये बदलाव सिर्फ मजदूर या कर्मचारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। नए कोड्स में वेतन, छुट्टियां, काम के घंटे, महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा जैसे रोजमर्रा के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि इन नए कोड्स का असर आम आदमी और नौकरी चाहने वालों पर कैसे पड़ेगा, तो आगे पढ़ें।
29 पुराने कानूनों की जगह अब 4 बड़े कोड्स
अब भारत में 29 अलग-अलग मजदूर कानूनों को चार मुख्य कोड्स में बदल दिया गया है। इसका मकसद नियमों को आसान बनाना, बिजनेस में ‘काम करने में आसानी’ बढ़ाना और सभी के लिए एक समान ढांचा तैयार करना है।
Code on Wages (वेतन कोड), 2019- इसमें न्यूनतम वेतन, बोनस और समान वेतन के नियम शामिल हैं।
Industrial Relations Code (औद्योगिक संबंध कोड), 2020-ट्रेड यूनियन्स, औद्योगिक विवाद और स्टैंडिंग ऑर्डर से जुड़े नियम।
Code on Social Security (सामाजिक सुरक्षा कोड), 2020- कर्मचारी भविष्य निधि (PF), बीमारियों और चोट के लिए ESIC, ग्रेच्युटी और मातृत्व लाभ।
Occupational Safety, Health & Working Conditions Code (काम की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियों का कोड), 2020- फैक्ट्री और खदानों में सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े नियम।
Gig और प्लेटफॉर्म वर्कर्स- अब फ्रीलांसर और एप आधारित काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कानूनी सुरक्षा तय की गई है।
राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन (National Floor Wage)- न्यूनतम वेतन का राष्ट्रीय स्तर तय, राज्य इसे कम नहीं कर सकते।
जॉब लेटर (Appointment Letter)- अब नौकरी चाहे छोटी ही क्यों न हो, लिखित जॉब लेटर देना अनिवार्य है।
औद्योगिक संबंध और नौकरी से हटाने के नियम
रिट्रेन्मेंट का थ्रेशोल्ड (Retrenchment Threshold)- अब 100 की बजाय 300 कर्मचारियों तक छंटनी और बंदी की अनुमति।
फिक्स्ड-टर्म रोजगार (Fixed-Term Employment)- निश्चित अवधि के कर्मचारियों को भी स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी और ग्रेच्युटी सिर्फ एक साल में मिलेगी।
महिलाओं के लिए सुरक्षा और अधिकार
समान वेतन (Equal Remuneration)- महिलाओं को समान काम का समान वेतन मिलेगा।
नाइट शिफ्ट और सभी सेक्टर (Night Shifts & All Sectors)- महिलाएं फैक्ट्री, खदान और अन्य उद्योगों में रात की शिफ्ट कर सकती हैं, बशर्ते सुरक्षा के इंतजाम हों।