
IIT Bombay Student Tips: IIT में एडमिशन का सपना जितना बड़ा होता है, उतना ही बड़ा फैसला होता है ड्रॉप ईयर लेना। कई बच्चे JEE Main पहली बार में क्लियर नहीं कर पाते और सोचते हैं कि एक साल की मेहनत से IIT पहुंच जाएंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि ड्रॉप ईयर लेने से ज्यादा मुश्किल होता है उस साल को सही तरीके से इस्तेमाल करना। IIT Bombay के एक स्टूडेंट ने अपनी पूरी जर्नी शेयर करते हुए बताया कि बच्चे ड्रॉप ईयर में कहां सबसे बड़ी गलतियां करते हैं और क्या चीजें करने से उनकी तैयारी पटरी पर आती है। जानिए ड्रॉप ईयर में JEE स्टूडेंट सबसे ज्यादा कौन-सी गलतियां करते हैं?
बहुत से स्टूडेंट कोचिंग, टीचर या घर के माहौल को दोष देते रहते हैं। लेकिन IIT Bombay के स्टूडेंट का कहना है, सबसे पहले अपनी गलती पहचानो। जब तक आपको खुद पता नहीं होगा कि आप कहां कमजोर हैं, तब तक आप सुधार नहीं कर पाएंगे। टॉपर्स का मानना है कि ईमानदार सेल्फ-चेक ही ड्रॉप ईयर की सबसे बड़ी ताकत है।
ड्रॉप ईयर में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पैटर्न है, बिना किसी स्ट्रक्चर के पढ़ना। हर बच्चे की सीखने की स्पीड अलग होती है, इसलिए किसी का प्लान कॉपी करने से फायदा नहीं होता। अपनी स्ट्रेंथ और वीक एरिया समझकर अपना खुद का प्लान बनाना जरूरी है।
ड्रॉप ईयर में अक्सर लगता है कि पूरा साल पड़ा है, अभी तो शुरू किया है… लेकिन यही सोच बच्चों को बर्बाद कर देती है। टॉपर्स का कहना है, ये सोचो कि समय कम है। तभी आपकी तैयारी ट्रैक पर रहेगी।
कई बच्चे ड्रॉप ईयर में खुद को पूरी तरह अलग कर लेते हैं, जिससे मानसिक दबाव बढ़ता है। सिनियर्स, मेंटर्स और पहले से IIT में पढ़ रहे स्टूडेंट्स से सलाह लेते रहना जरूरी है। एक सही गाइडेंस आपका पूरा साल बदल सकती है।
ड्रॉप ईयर में सिर्फ कोचिंग की रफ्तार पर चलकर JEE क्रैक नहीं होता। आपको समझना पड़ेगा कि आपका कौन-सा चैप्टर कमजोर है, कहां आपको ज्यादा टाइम देना चाहिए और किस टॉपिक पर एक्स्ट्रा प्रैक्टिस चाहिए।
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