भारत के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति श्रीकांत जिचकर, जिनके पास थी 20 डिग्रियां, IAS पद से इस्तीफा दिया, 26 साल में बने सबसे कम उम्र के विधायक

श्रीकांत जिचकर को भारत के अबतकक के सबसे शिक्षित व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उन्होंने मेडिसिन में अपनी पहली डिग्री हासिल की और फिर 1973 और 1990 के बीच और भी कई डिग्रियां हासिल कीं। राजनीति में भी गये। जानें इनके बारे में रोचक बातें।

करियर डेस्क. श्रीकांत जिचकर को व्यापक रूप से भारत का अब तक का सबसे शिक्षित व्यक्ति माना जाता है। श्रीकांत जिचकर एक आईएएस ऑफिसर थे, जो बाद में राजनीति में चले गए। उनके पास 20 विश्वविद्यालय की डिग्रियां थीं। इतना ही नहीं मात्र 26 साल की उम्र में वे भारत के सबसे कम उम्र के विधायक चुने गए थे। श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को महाराष्ट्र के काटोल में हुआ था। जानें इनके बारे में रोचक बातें।

श्रीकांत जिचकर ने कई विषयों में हासिल की डिग्रियां

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श्रीकांत जिचकर ने मेडिसिन में अपनी पहली डिग्री (नागपुर से एमबीबीएस और एमडी) हासिल की और फिर बैचलर ऑफ लॉ, मास्टर ऑफ लॉ इन इंटरनेशनल लॉ, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, डॉक्टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, बैचलर ऑफ जर्नलिज्म, संस्कृत में डॉक्टर ऑफ लिटरेचर, लोक प्रशासन में दस मास्टर ऑफ आर्ट्स डिग्री, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, संस्कृत, इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व और मनोविज्ञान में प्राप्त की। श्रीकांत जिचकर बहुत मेधावी छात्र थे और उन्हें अपनी डिग्रियों के लिए कई स्वर्ण पदक मिले। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीकांत 1973 से 1990 के बीच 42 विश्वविद्यालय परीक्षाओं में शामिल हुए। उन्होंने ये परीक्षाएं हर गर्मियों और हर सर्दियों में दीं।

श्रीकांत जिचकर आईएएस बने और फिर इस वजह से दिया इस्तीफा

1978 में, श्रीकांत जिचकर ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय पुलिस सेवा कैडर के तहत एक केंद्रीय सिविल सेवक के रूप में चुने गए। जिचकर ने 1980 में कैडर से इस्तीफा दे दिया और फिर आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी को फिर से पास किया। आईएएस अधिकारी बनने के कुछ हफ्ते बाद जिचकर ने चुनाव लड़ा और विधायक बन गए। बाद में जिचकर को मंत्री नियुक्त किया गया और उन्हें 14 विभागों का प्रभार दिया गया।

सांडीपानी स्कूल की स्थापना की

श्रीकांत जिचकर महाराष्ट्र विधान सभा (1980-85), महाराष्ट्र विधान परिषद (1986-92) के सदस्य थे और उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 1992-98 के बीच राज्यसभा भी गए और सांसद भी रहे। 1992 में, जिचकर ने नागपुर में सांडीपानी स्कूल की स्थापना की।

सड़क दुर्घटना में हो गई मृत्यु

श्रीकांत जिचकर की 49 वर्ष की कम उम्र में 2 जून 2004 को नागपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर कोंढाली के पास एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

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