23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की कुर्बानी की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है। सिर्फ आज ही के दिन नहीं बल्कि देश में एक साल में अलग-अलग 8 बार शहीद दिवस मनाया जाता है। हर दिन का इतिहास अलग-अलग है।
करियर डेस्क : आज शहीद दिवस (Shahid Diwas 2023) पर पूरा हिंदुस्तान भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की कुर्बानी को याद कर भावुक है। 23 मार्च, 1931 के दिन तीनों क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। सिर्फ 23 मार्च को ही नहीं, भारत में हर साल 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को याद किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि दो दिन एक ही दिवस क्यों मनाया जाता है। बता दें कि भारत में सिर्फ दो बार ही नहीं बल्कि सालभर में 8 बार शहीद दिवस मनाया जाता है, वो भी अलग-अलग कारणों से...आइए जानते हैं क्या है शहीद दिवस का इतिहास...
30 जनवरी
साल का पहला शहीद दिवस 30 जनवरी को मनाया जाता है। 1948 में इसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने बिरला हाउस में गोली मार दी थी। तभी से हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसी दिन महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को भी पूरा देश नमन करता है।
23 मार्च
दूसरा शरीद दिवस 23 मार्च यानी आज के दिन मनाया जाता है। 1931 को इसी दिन भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को लाहौर जेल में ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी। तय समय से 12 घंटे पहले शाम 7.33 बजे तीनों क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका दिया गया था। इनकी कुर्बानी की याद में आज शहीद दिवस मनाया जाता है।
19 मई
तीसरा शहीद दिवस 19 मई को असम में मनाया जाता है। 19 मई 1961 की बात है, जब असम के सिलचर स्टेशन पर मातृभाषा के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सरकार ने गोलियां चलवा दी थी। इसमें 11 लोगों की जान चली गई थी। इसी की याद में देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे बंग समुदाय के लोग इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं।
13 जुलाई
1931 की बात है, जब महाराजा हरी सिंह की सेना ने श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी की। इस गोलीबारी में 22 प्रदर्शनकारी मारे गए थे। उन्हीं की याद में इस दिन कश्मीर शहीदी दिवस मनाता है। राज्य सरकार इस दिन को 1947 में आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान के रूप में मनाने का फैसला किया था।
21 अक्टूबर
21 अक्टूबर को पूरा देश पुलिस स्मृति दिवस मनाता है। यह दिन उन 10 पुलिसकर्मियों को समर्पित है, जिन्होंने 1959 में भारत-चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे। इस दिन उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है।
17 नवंबर
17 नवंबर का दिन भी शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है लेकिन सिर्फ ओडिशा में.. इस दिन को प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
19 नवंबर
रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर भी झांसी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1857 के विद्रोह में मारे गए सभी लोगों के योगदान को याद किया जाता है।
24 नवंबर
24 नवंबर के दिन सिख समुदाय शहीद दिवस मनाता है। इस दिन नौवें सिख गुरु तेग बहादुर की पुण्यतिथि है। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब के धर्मांतरण का विरोध किया था। इसी के चलते 1675 में उन्हें मौत की सजा दी गई थी। उनकी कुर्बानी की याद में हर साल 24 नवंबर को शहीद दिवस मनाया जाता है।
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