Self Injury Awareness Day 2023 : 1 मार्च को क्यों मनाया जाता है सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस डे, जानें इतिहास और महत्व

1 मार्च को सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी ऑफिस में तरह-तरह के वर्कशॉप और सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। जिनमें टीचर्स, डॉक्टर्स, ऑफिसर्स और समाज के जिम्मेदार लोग शामिल होते हैं।

Satyam Bhardwaj | Published : Feb 28, 2023 4:42 PM IST

करियर डेस्क : आज इंटरनेशनल सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस डे (Self Injury Awareness Day 2023) मनाया जा रहा है। हर साल 1 मार्च को पूरी दुनिया खास मकसद से सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस डे मनाती है। इस दिन खुद को नुकसान पहुंचाने से अवेयर, खुद के बिहैवियर में बदलाव और सेल्फ-इंजरी से बचने के अलग-अलग तरीकों पर जोर दिया जाता है। दरअसल, हमारे आसपास कई ऐसे लोग होते हैं, जो सेल्फ-इंजरी का शिकार होते हैं और खुद की चोट को इस कदर छिपाते हैं कि साथ रहने वाले भी उसका पता नहीं लगा पाते हैं। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व...

सेल्फ-इंजरी क्या होता है

सेल्फ-इंजरी का मतलब होता है खुद को चोट पहुंचाना.. जब कोई खुद से खुद को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है, तो उसे सेल्फ इंजरी कहते हैं। खुद को नुकसान पहुंचाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है। कोई खुद को जला लेता है तो कोई किसी अंग को काट लेता है। अब यहां समझने वाली बात यह है कि खुद को चोट पहुंचाने का मतलब आत्महत्या का प्रयास नहीं है। ये बात अलग है कि खुद को नुकसान पहुंचाने से आत्महत्या का खतरब भी बढ़ सकता है। कई बार खुद को नुकसान पहुंचाने के चक्कर में मौत भी हो जाती है। यह हर उम्र के लोगों में पाया जाता है।

सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस-डे का इतिहास और महत्व

सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस डे की शुरुआत कब और कैसे हुई इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद उन लोगों को बचाना होता है, जो खुद को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए पैरेंट्स, फैमिली मेंबर्स, टीचर्स-प्रोफेसर और हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद ली जाती है। उन बच्चों या लोगों को पहचाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है, जो इस तरह का कदम उठाते हैं। उनका जीवन संकट में हो इससे पहले ही उनकी आदतों को पहचानकर उन्हें सही रास्ते पर लाना उद्देश्य होता है।

कैसे मनाया जाता है सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस-डे

1 मार्च को सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस-डे पर किसी तरह की आधिकारिक छुट्टी नहीं होती है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और सरकारी दफ्तर खुले रहते हैं। इस दिन टीचर्स, डॉक्टर्स, ऑफिसर्स और बाकी जिम्मेदार लोगों के लिए तरह-तरह के वर्कशॉप और सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। जिसमें उन्हें बताया जाता है कि खुद को चोट पहुंचाने वालों को कैसे पहचान जाए, उनकी किस तरह हेल्प की जाए, ऐसे लोगों से खुलकर किस तरह और क्या बात करनी चाहिए? इन वर्कशॉप में बताया जाता है कि कैसे आत्म-नुकसान पहुंचा वालों से डील करना चाहिए और किस तरह उन्हें इस जगह से बाहर निकालना चाहिए। इस दिन सेल्फ-इंजरी अवेयरनेस डे के सपोर्ट में नारंगी यानी ऑरेंज रिबन पहनते हैं।

सेल्फ-इंजरी को कैसे समझें

कोई खुद को चोट पहुंचाता है कि नहीं, इसका पता लगा पाना काफी मुश्किल है। क्योंकि जो लोग ऐसा करते हैं, वे इस व्यवहार को छिपाना चाहते हैं। लेकिन अगर कोई खुद को नुकसान पहुंचा रहा है तो इन संकेतों से पता लगा सकते हैं...

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