हमारी लाइफ में किताबों का काफी महत्व है। यह मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है, अकेलेपन में दोस्त भी बन जाती है। इतिहास और भविष्य के बीच बुक्स ब्रिज का काम करती है। इसी को देखते हुए हर साल इंटरनेशनल बुक्स डे मनाया जाता है।
करियर डेस्क : मोबाइल और E-Book के जमाने में भी किताबों कीअहमियत कम नहीं हुई है। इसी के चलते हर साल 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे (World Book And Copyright Day 2023) मनाया जाता है। किताबों को लिखने-पढ़ने, ट्रांसलेट करने, पब्लिशिंग और कॉपीराइट के महत्व के लिए इस दिन का विशेष तौर पर मनाया जाता है। हर साल UNESCO की तरफ से इवेंट भी आयोजित की जाती है।
वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे का महत्व
किताबों का हमारे जीवन में काफी महत्व है. यह फ्यूचर और इतिहास के बीच ब्रिज का काम करता है. इसीलिए हर साल इस दिन को मनाया जाता है. इस खास दिन यूनेस्को और दूसरे संगठन अगले साल के लिए वर्ल्ड बुक कैपिटल चुनते हैं। ताकि एक साल तक किताबों को लेकर इवेंट और प्रोग्राम होते रहें। इस दिन का महत्व भी यही है कि लोग किताबों को अपनी लाइफ का हिस्सा बनाएं और इसे मार्गदर्शक की तरह उपयोग करें।
वर्ल्ड बुक डे 2023 की थीम
हर साल वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे पर एक थीम रखा जाता है। इस साल 2023 का थीम (World Book Day 2023 Theme) है 'Indigenous Languages'..मतलब स्वदेशी भाषाएं..जिनका महत्व किताबों में काफी होता है. इसी थीम पर एक साल तक काम किया जाएगा।
वर्ल्ड बुक डे पहली बार कब मनाया गया था
अब अगर पीछे जाकर वर्ल्ड बुक डे के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि 23 अप्रैल, 1995 में पहली बार इस दिन को मनाया गया था। लेकिन 23 अप्रैल की तारीख चुनने के पीछे का मकसद अलग है। दरअसल, 23 अप्रैल को कई फेमस राइटर का जन्म हुआ था, इस दिन कुछ महान लेखकों का निधन भी हुआ था। मैनुएल मेजिया वल्लेजो और मौरिस ड्रून का जन्म 23 अप्रैल को हुआ था। वहीं, विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेंट्स और जोसेप प्लाया का निधन आज ही के दिन हुआ था। इस वजह से आज के दिन वर्ल्ड बुक डे मनाया जाता है।
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