
Mahatma Gandhi Education: 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। महात्मा गांधी सिर्फ एक वकील या स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपनी सादगी, नैतिक मूल्यों और संघर्ष से दुनिया को प्रेरित किया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नेता के रूप में उनकी पहचान तो जग जाहिर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गांधी जी की पढ़ाई भी आसान नहीं थी? बचपन से लेकर कॉलेज तक, उनकी शिक्षा की राह में कई कठिनाइयां आईं, जिन्होंने उन्हें मजबूत और अनुशासित बनाया। जानिए महात्मा गांधी के स्कूल और कॉलेज के दिनों की रोचक बातें।
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म पोरबंदर में हुआ था। यहीं उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शुरू की। बहुत से लोग मानते हैं कि गांधी जी हमेशा अच्छे छात्र रहे होंगे, लेकिन सचाई इससे अलग थी। वे औसत छात्र थे, पढ़ाई और खेलों में खास नहीं, लेकिन नैतिक मूल्यों और अच्छे संस्कारों को उन्होंने खूब सीखा। गांधी जी की स्कूल लाइफ साधारण थी। उन्होंने उस समय केवल लड़कों के स्कूल में पढ़ाई की, जो पश्चिमी तट पर स्थित था। शुरुआती शिक्षा में उनका व्यक्तित्व शांत था, लेकिन उनके अंदर सीखने की जिज्ञासा और अनुशासन स्पष्ट रूप से दिखता था।
गांधी जी का परिवार बाद में पोरबंदर से राजकोट चला गया क्योंकि उनके पिता को नई नौकरी मिली थी। 11 साल की उम्र में उन्होंने एल्फ्रेड हाई स्कूल जॉइन किया। यहां उनकी पढ़ाई में सुधार हुआ। उन्होंने अंग्रेजी जैसे विषय में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन भूगोल जैसे विषयों में उन्हें अभी भी कठिनाई होती थी। हाई स्कूल के दौरान उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां भी मिलीं। 13 साल की उम्र में ही उनका विवाह हो गया और अब पढ़ाई के साथ परिवार की देखभाल भी उनकी जिम्मेदारी बन गई। इसके अलावा, पिता की बीमारी ने उनकी पढ़ाई में और चुनौतियां पैदा कर दीं। गांधी जी का शिष्टाचार और नैतिक मूल्य इस समय भी जस के तस बने रहे। एल्फ्रेड हाई स्कूल को बाद में गांधी जी के नाम पर बदल दिया गया। 2017 में इसे बंद कर दिया गया और आज यह एक म्यूजियम में बदल चुका है।
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हाई स्कूल पूरी करने के बाद गांधी जी ने समालदास आर्ट्स कॉलेज में दाखिला लिया। हालांकि, वे कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए और परिवार के पास लौट आए। कुछ समय बाद, उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया और इंग्लैंड जाने की ठानी। यह कदम उनके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। परिवार और समाज की तरफ से विरोध का सामना करना पड़ा। अपनी धर्मनिष्ठता बनाए रखने के लिए उन्होंने मांसाहार, शराब और महिलाओं से दूरी का व्रत रखा। उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) से कानून की डिग्री पूरी की। इंग्लैंड में रहते हुए उन्होंने अंग्रेजी संस्कृति को अपनाया और पब्लिक स्पीकिंग ग्रुप जॉइन करके अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।
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