कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो, 2025 नोबेल शांति पुरस्कार विजेता वेनेजुएला की साहसी नेता?

Published : Oct 10, 2025, 04:02 PM IST
Maria Corina Machado Nobel Peace Prize 2025

सार

Maria Corina Machado: वेनेजुएला की नेता और लोकतंत्र की योद्धा मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 देने की घोषणा की गई है। जानिए कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो, उनके संघर्ष, उपलब्धियां और लोकतंत्र के लिए उनका योगदान। 

Maria Corina Machado Nobel Prize Winner 2025: वेनेजुएला की विपक्षी नेता और समाजसेवी मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। उन्हें यह सम्मान इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने देश में लोकतंत्र बचाने और तानाशाही से शांतिपूर्ण बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। BBC के अनुसार, मचाडो, वेनेजुएला की राजनीति में अपनी अलग और प्रभावशाली आवाज के लिए जानी जाती हैं और दुनिया की 100 सबसे प्रेरणादायक महिलाओं में शामिल हैं। जानिए मारिया कोरिना मचाडो और उनके कार्यों के बारे में।

मारिया कोरिना मचाडो कौन हैं?

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो का जन्म 7 अक्टूबर, 1967 को हुआ था। उन्होंने 2013 में Vente Venezuela पार्टी की स्थापना की। 2010 से 2015 तक वे नेशनल असेंबली की सदस्य रहीं और इस दौरान सबसे ज्यादा वोट पाने वाली उम्मीदवार बनकर अपने राजनीतिक करियर में खास मुकाम हासिल किया।

मारिया कोरिना मचाडो का एजुकेशन क्वालिफिकेशन 

मारिया कोरिना मचाडो ने इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है और उन्होंने वित्त में भी विशेषज्ञता प्राप्त की है। वे वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम करती हैं। खासतौर पर वे तेल उद्योग के निजीकरण, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के साथ पुनः जुड़ाव, और देश की आर्थिक नीतियों में सुधार की वकालत करती हैं। उनके ये प्रयास वेनेजुएला में स्थिर और विकासशील आर्थिक ढांचे को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैं।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 2025 का लोकतंत्र के लिए काम, राजनीति और संघर्ष

राजनीतिक नेता और सक्रिय कार्यकर्ता: मारिया कोरिना मचाडो एक प्रमुख राजनीतिक नेता और सक्रिय कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 2013 में Vente Venezuela पार्टी की सह-स्थापना की और वर्तमान में इसके राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में काम कर रही हैं।

लोकतंत्र की पैरवी: वे लोकतंत्र की मजबूत समर्थक हैं और इसी दिशा में उन्होंने Súmate और SoyVenezuela जैसे प्लेटफॉर्म बनाए, जो वेनेजुएला में स्वतंत्र चुनाव और लोकतांत्रिक बदलाव को बढ़ावा देते हैं।

विरोध की आवाज: मचाडो हमेशा विरोध की आवाज उठाने के लिए जानी जाती हैं। 2014 में उन्होंने देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायत की, जिसके कारण उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद उन्हें देशद्रोह और साजिश के आरोपों का सामना करना पड़ा, साथ ही उन पर यात्रा प्रतिबंध और राजनीतिक अयोग्यता भी लागू कर दी गई। उनके ये संघर्ष यह दिखाते हैं कि उन्होंने लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए अपने सिद्धांतों पर कभी समझौता नहीं किया।

ये भी पढ़ें- Nobel Peace Prize: नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले को मिलता है कितना पैसा? जानें अहम बातें 

मारिया कोरिना मचाडो की अंतरराष्ट्रीय पहचान और सम्मान

BBC ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली और प्रेरक महिलाओं में शामिल किया। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी उन्हें मिले हैं, जैसे Charles T. Manatt Prize (2014), Libertad Cortes de Cádiz (2015), और Liberal International Freedom Prize (2019)।

मारिया कोरिना मचाडो वेनिजुएला की राजनीति में महिलाओं की ताकत और लोकतंत्र की आवाज बन चुकी हैं। उनका संघर्ष और मेहनत न सिर्फ देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया में प्रेरणा बन गई है। नोबेल शांति पुरस्कार 2025 उनके प्रयासों और दृढ़ता का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है।

ये भी पढ़ें- वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार, जानिए कौन हैं यह महिला

PREV
AT
About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
Read more Articles on

Recommended Stories

कौन थी सिमोन टाटा? जानिए रतन टाटा की सौतेली मां की शानदार उपलब्धियां
BPSC AEDO Salary: बिहार असिस्टेंट एजुकेशन डेवलपमेंट ऑफिसर को कितनी सैलरी मिलेगी?