Mother's day 2024 wishes in hindi: मां को विश करने के लिए कविता की ये लाइनें हैं बेस्ट, जानिए

Published : May 04, 2024, 04:03 PM ISTUpdated : May 11, 2024, 01:03 PM IST
Mothers Day 2024 Poem in Hindi

सार

Mother's day 2024 wishes in hindi: मदर्स डे पर स्कूल, कॉलेज या ऑफिस में आयोजित हो रहे मदर्स डे सेलिब्रेश्न प्रोग्राम में जब आप नीचे दी गई कविता की लाइनें सुनायेंगे तो लोग इमोशनल हुए बिना नहीं रह पायेंगे। मदर्स डे विशेज यहां से दें।

Mother's day 2024 wishes in hindi: मदर्स डे 2024 इस साल 12 मई, रविवार को है। मदर्स डे पर अपनी मां को नीचे दिये गये कविताओं की कुछ लाइनें बोल कर या लिख कर विश कर सकते हैं। ये लाइनें सुनकर आपकी मां खुश हुए बिना नहीं रह सकेंगी। इतना ही नहीं यदि स्कूल, कॉलेज या अपने कार्यालय में आयोजित हो रहे मदर्स डे पर परफॉर्म करने की तैयारी कर रहे हैं तब भी ये कविताएं सुना कर आप सबको भावुक कर सकते हैं।

मुनव्वर राणा के मां पर लिखी कविता कविताकोश से साभार

-इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

मां बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है।

-मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं

मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।

-हादसों की गर्द से खुद को बचाने के लिए

मां ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे।

- दावर-ए-हश्र तुझे मेरी इबादत की कसम

ये मेरा नाम-ए-आमाल इज़ाफी होगा।

-नेकियां गिनने की नौबत ही नहीं आएगी

मैंने जो मां पर लिक्खा है, वही काफी होगा।

-रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू

मुद्दतों मां ने नहीं धोया दुपट्टा अपना।

लबों पे उसके कभी बददुआ नहीं होती

बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती।

अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की 'राना'

माँ की ममता मुझे बाँहों में छुपा लेती है

गले मिलने को आपस में दुआएँ रोज़ आती हैं

अभी मस्जिद के दरवाज़े पे माँएँ रोज़ आती हैं।

ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया

माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है।

माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है

मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ

माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ।

लिपट को रोती नहीं है कभी शहीदों से

ये हौंसला भी हमारे वतन की माँओं में है

ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता।

मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है

यारों को मसर्रत मेरी दौलत पे है लेकिन

इक माँ है जो बस मेरी ख़ुशी देख के ख़ुश है।

तेरे दामन में सितारे होंगे तो होंगे ऐ फलक़

मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है

माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है।

घेर लेने को जब भी बलाएँ आ गईं

ढाल बनकर माँ की दुआएँ आ गईं।

'मुनव्वर' माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना

जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती।

मुझे तो सच्ची यही एक बात लगती है

कि माँ के साए में रहिए तो रात लगती है।

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About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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