क्या आप जानते हैं "उधार का घी, पिघलते देर नहीं लगती" का मतलब?

Muhavare: प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर हिंदी मुहावरों से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। ये मुहावरे हमारी भाषा को समृद्ध बनाते हैं और विचारों को सरल तरीके से व्यक्त करते हैं, जानिए ऐसे ही कुछ रोचक मुहावरे और उनके अर्थ।

Anita Tanvi | Published : Oct 4, 2024 3:08 PM IST

Muhavare: प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं, जिनमें हिंदी के मुहावरे और उनके अर्थ जानने की आवश्यकता होती है। हिंदी मुहावरे हमारी भाषा को अधिक रोचक और प्रभावी बनाते हैं। ये छोटे-छोटे वाक्य किसी विशेष स्थिति, भावना या विचार को सरल तरीके से व्यक्त करते हैं। इन मुहावरों का सही उपयोग न केवल हमारी हिंदी को समृद्ध बनाता है, बल्कि ये परीक्षाओं में अंक लाने का भी एक आसान तरीका होते हैं। यहां कुछ रोचक हिंदी मुहावरे दिए जा रहे हैं, जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं और जिनका अर्थ भी विस्तार से समझाया गया है। जानिए

मुहावरा- "दाल में काला होना"

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मुहावरे का अर्थ: कोई गड़बड़ होना या संदेह होना। इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई चीज या घटना संदिग्ध प्रतीत होती है। जैसे अगर किसी के व्यवहार या स्थिति में कुछ अजीब लगे।

मुहावरा- "खून का प्यासा होना"

मुहावरे का अर्थ: किसी से बहुत अधिक क्रोध या घृणा रखना। जब कोई व्यक्ति दूसरे से बदला लेने के लिए बहुत गुस्से में हो, तो इसे "खून का प्यासा होना" कहा जाता है। इसका मतलब है कि वह व्यक्ति सिर्फ नुकसान पहुंचाने के इरादे से भरा हुआ है।

मुहावरा- "अब पछताए होत क्या जब चिड़ियां चुग गई खेत"

मुहावरे का अर्थ: गलत होने के बाद पछताना बेकार है। जब कोई व्यक्ति देर से पछताता है या गलती के बाद सुधारने का समय निकल जाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। यह बताता है कि सही समय पर कदम उठाना जरूरी है, वरना पछताने से कोई फायदा नहीं होता।

मुहावरा- "पानी-पानी होना"

मुहावरे का अर्थ: अत्यधिक शर्मिंदा होना। जब कोई व्यक्ति किसी स्थिति में खुद को बहुत शर्मिंदा महसूस करता है, तब इस मुहावरे का इस्तेमाल होता है। यह भावनात्मक शर्मिंदगी या अपमान का प्रतीक है।

मुहावरा- "उधार का घी, पिघलते देर नहीं लगती"

मुहावरे का अर्थ: उधार की वस्तु जल्दी खत्म हो जाती है। इस मुहावरे का मतलब है कि जो चीज किसी और की हो, वह अक्सर जल्दी खत्म हो जाती है क्योंकि उसकी कद्र नहीं होती। उधार ली गई चीजों का मोल उतना नहीं समझा जाता जितना अपनी मेहनत से हासिल की गई चीजों का।

मुहावरा- "बाहर की आवाज भीतर की अनसुनी"

मुहावरे का अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपने मन की बात को सुनने में असमर्थ होता है। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब किसी के बाहरी दबाव या प्रभाव के कारण वह अपनी आंतरिक इच्छाओं या विचारों को अनसुना कर देता है।

मुहावरा- "जहां चाह वहां राह"

मुहावरे का अर्थ: जब व्यक्ति में किसी चीज को पाने की इच्छा हो, तो उसे पाने का रास्ता जरूर मिलता है। यह मुहावरा प्रेरणा और संघर्ष का प्रतीक है। जब कोई व्यक्ति किसी लक्ष्य को पाने के लिए संकल्पित होता है, तो वह अपने रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार कर सकता है।

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