क्या आप जानते हैं "लकीर के फकीर" का मतलब?

Published : Oct 04, 2024, 10:06 AM IST
Interesting muhavare

सार

Muhavare: कॉम्पिटिटिव एग्जाम में अक्सर हिंदी भाषा से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें मुहावरे और उनके अर्थ महत्वपूर्ण होते हैं। ये मुहावरे विचारों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करते हैं। जानिए कुछ मुहावरों के बारे में जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

Muhavare aur Arth: कंपीटिटिव एग्जाम में अक्सर हिंदी भाषा और साहित्य से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें मुहावरे और उनके अर्थ का विशेष महत्व होता है। मुहावरे न केवल हमारी भाषा को समृद्ध बनाते हैं, बल्कि विचारों को संक्षेप और प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने में भी मदद करते हैं। ये छोटे लेकिन गहरे अर्थ वाले वाक्यांश विभिन्न भावनाओं, स्थितियों और विचारों को बयां करने का एक प्रभावी साधन होते हैं। कुछ रोचक मुहावरों के बारे में जायें जो अक्सर कंपीटिटिव एग्जाम में पूछे जाते हैं।

मुहावरा- "आ बैल मुझे मार"

मुहावरे का अर्थ: जब कोई व्यक्ति जानबूझकर समस्या या संकट को आमंत्रित करे। यह मुहावरा तब कहा जाता है जब कोई व्यक्ति अपने ही कार्यों से समस्या को आमंत्रित करता है।

मुहावरा- "दूर के ढोल सुहावने"

मुहावरे का अर्थ: जब कोई चीज बहुत आकर्षक या अच्छी लगती है, लेकिन वास्तविकता में वैसी नहीं होती। यह मुहावरा तब उपयोग किया जाता है जब लोग दूर से किसी चीज की प्रशंसा करते हैं, लेकिन जब वे नजदीक से देखते हैं, तो उनका अनुभव भिन्न होता है।

मुहावरा- "बाहर से दिखता कुछ, भीतर से होता कुछ"

मुहावरे का अर्थ: जब किसी चीज का बाहरी रूप और आंतरिक वास्तविकता में भिन्नता होती है।इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या वस्तु बाहरी रूप से आकर्षक या सुखद लगती है, लेकिन भीतर से वह असत्य या दोषपूर्ण होती है। यह आमतौर पर विश्वासघात या धोखे के संदर्भ में कहा जाता है।

मुहावरा- "गागर में सागर"

मुहावरे का अर्थ: जब किसी विशाल या विस्तृत चीज को छोटी मात्रा में संक्षेप में प्रस्तुत किया जाए। यह मुहावरा तब उपयोग किया जाता है जब किसी बड़ी या जटिल बात को संक्षेप में और स्पष्टता से समझाया जाता है। जैसे, किसी महत्वपूर्ण विषय पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट जो सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल करती है।

मुहावरा- "लकीर के फकीर"

मुहावरे का अर्थ: कोई व्यक्ति जो अपनी सोच या दृष्टिकोण में संकीर्ण हो और बदलाव से डरता हो। यह मुहावरा तब कहा जाता है जब कोई व्यक्ति अपने पुराने विचारों या तरीकों से चिपका रहता है और नया अपनाने में हिचकिचाता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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