आप जानते हैं "अंधे के आगे रोना, अपने दिल को खोना" का मतलब? 6 मुहावरे हैं जबरदस्त

Muhavare in hindi: कठिन मुहावरों का अर्थ और प्रयोग जानें जो आपकी भाषा को सशक्त बनाएंगे और परीक्षा में सफलता दिलाएंगे। जानिए 'चिड़िया चुग गई खेत' और 'अंधे के आगे रोना' जैसे मुहावरों का सही उपयोग।

Muhavare in hindi: कंपीटिटिव एग्जाम्स में भाषा और व्याकरण का सही ज्ञान रखना बेहद जरूरी है, खासकर जब मुहावरों का सवाल हो। मुहावरे हमारी भाषा की धरोहर हैं, जो न केवल हमारी अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाते हैं, बल्कि एक ही वाक्य में गहरी बात को व्यक्त करने की क्षमता भी रखते हैं। इन्हें समझना और सही संदर्भ में उपयोग करना परीक्षा में सफलता की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। यहां कुछ कठिन मुहावरे दिए गए हैं, जो न केवल भाषा को सशक्त बनाते हैं, बल्कि आपके उत्तरों में गहराई और प्रभाव भी जोड़ते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ मुहावरों के अर्थ और उनके प्रयोग।

मुहावरा- "अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत"

मुहावरे का अर्थ: समय निकल जाने के बाद पछताना बेकार है। इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास देर से होता है। जैसे - "परीक्षा की तैयारी न करके अब पछता रहा है, पर अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।"

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मुहावरा- "अंधे के आगे रोना, अपने दिल को खोना"

मुहावरे का अर्थ: किसी ऐसे व्यक्ति से सहानुभूति की उम्मीद करना, जो समझने में सक्षम न हो। जब किसी व्यक्ति से मदद की अपेक्षा करना व्यर्थ हो, तो इसका उपयोग किया जाता है। जैसे - "जो बात ही नहीं समझता, उसके आगे दुखड़ा रोना है अंधे के आगे रोना, अपने दिल को खोना।"

मुहावरा- "घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध"

मुहावरे का अर्थ: अपने लोग किसी का महत्व नहीं समझते, जबकि बाहरी लोग उसे मान्यता देते हैं। जब किसी व्यक्ति की योग्यता का सम्मान बाहरी लोग करते हैं, परंतु अपने नहीं, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है। जैसे - "वो अपने गांव में गुमनाम था, लेकिन शहर में उसकी पूजा होती है, ये वही हुआ घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध।"

मुहावरा- "आधा तीतर आधा बटेर"

मुहावरे का अर्थ: आधे-अधूरे कार्य या योजना में भिन्नता। जब कोई चीज असमान हो और सही रूप में न हो, तो इसका प्रयोग किया जाता है। जैसे - "उसकी योजना में एक बात तीतर की तरह है और दूसरी बटेर की, ये तो आधा तीतर आधा बटेर हो गया।"

मुहावरा- "अक्ल पर पत्थर पड़ना"

मुहावरे का अर्थ: सही निर्णय न ले पाना या मूर्खता करना। जब कोई व्यक्ति अजीब तरीके से सोचता या निर्णय लेता है, तो इसका प्रयोग होता है। जैसे - "इतनी अच्छी नौकरी छोड़ दी, जैसे अक्ल पर पत्थर पड़ गए हों।"

मुहावरा- "आगे नाथ न पीछे पगहा"

मुहावरे का अर्थ: बिल्कुल स्वतंत्र और किसी बंधन में न होना। जब कोई व्यक्ति किसी नियंत्रण या जिम्मेदारी से मुक्त हो, तो यह मुहावरा उपयोगी होता है। जैसे - "उसके ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं, उसकी जिंदगी जैसे आगे नाथ न पीछे पगहा।"

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