‘काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती’ का मतलब? जानिए साथ में 3 नये मजेदार मुहावरे!

Muhavare in hindi: कंपीटिटिव एग्जाम्स की तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण मुहावरों और उनके अर्थों को जानें। ये मुहावरे न केवल आपकी भाषा को समृद्ध करेंगे बल्कि परीक्षा में भी मददगार साबित होंगे।

Muhavare in hindi: कंपीटिटिव एग्जाम्स की तैयारी के दौरान मुहावरे और उनके अर्थ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल भाषा और लेखन कौशल को बेहतर बनाते हैं, बल्कि परीक्षाओं में अच्छे अंक पाने में भी सहायक होते हैं। मुहावरों का सही प्रयोग हमारी भाषा को रोचक और प्रभावी बनाता है। इसके अलावा, इनका सही संदर्भ में इस्तेमाल करने से आपकी सोचने की क्षमता और तर्कशक्ति का भी विकास होता है। नीचे कुछ प्रमुख मुहावरे दिए गए हैं जो विभिन्न कंपीटिटिव एग्जाम्स में अक्सर पूछे जाते हैं। जानिए दिलचस्प मुहावरे और उनके अर्थ व प्रयोग।

मुहावरा- "राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट"

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मुहावरे का अर्थ: अवसर का सही समय पर लाभ उठाना। यह मुहावरा बताता है कि जीवन में अच्छे अवसर कभी-कभी आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन उन्हें समय पर पहचानकर उनका लाभ उठाना चाहिए। यह खासकर उन अवसरों के लिए कहा जाता है जिन्हें नजरअंदाज करने पर बाद में पछताना पड़ता है।

मुहावरा- "अपना हाथ जगन्नाथ"

मुहावरे का अर्थ: अपने ही प्रयासों पर भरोसा करना। यह मुहावरा तब उपयोग होता है जब कोई व्यक्ति दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय अपने आप पर भरोसा करता है और अपनी मेहनत से सफलता पाने का प्रयास करता है। इसका संदेश है कि खुद पर विश्वास करना ही सबसे बड़ी ताकत होती है।

मुहावरा- "काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती"

मुहावरे का अर्थ: एक ही धोखा या चाल बार-बार सफल नहीं होती। यह मुहावरा तब उपयोग होता है जब किसी व्यक्ति को पहली बार कोई चाल चलकर या धोखा देकर सफल होने का मौका मिलता है, लेकिन वह बार-बार यह नहीं कर सकता। इसका मतलब है कि बार-बार एक ही तरीके से सफल नहीं हुआ जा सकता।

मुहावरा- "खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना"

मुहावरे का अर्थ: बिना किसी खास नतीजे के नुकसान उठाना। यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग होता है जहां बहुत प्रयास किया जाता है लेकिन अंत में कुछ हासिल नहीं होता और नुकसान हो जाता है। इसका उपयोग तब होता है जब किसी काम में मेहनत का कोई नतीजा नहीं निकलता।

मुहावरा- "चोरी और सीनाजोरी"

मुहावरे का अर्थ: गलती करके भी ढिठाई से पेश आना। यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति गलती करने के बावजूद उसे मानने के बजाय और भी ज्यादा हठधर्मी या ढीठ हो जाता है। यह गलत काम करके उसे छिपाने के प्रयास की तरफ इशारा करता है।

मुहावरा- "कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा"

मुहावरे का अर्थ: विभिन्न बेमेल चीजों को जोड़कर एक असंगठित समूह बनाना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब अलग-अलग और बेमेल चीजों को इकट्ठा करके एक समूह बनाने की कोशिश की जाती है, जो कि सही संगठित नहीं होता। यह बताता है कि कभी-कभी बिना सोचे-समझे चीजों को जोड़ना अनुचित होता है।

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