National Education Day 2025: 11 नवंबर को क्यों मनाते हैं शिक्षा दिवस, कौन थे मौलाना अबुल कलाम आजाद

Published : Nov 10, 2025, 08:33 PM IST
National Education Day 2025

सार

Why National Education Day is celebrated: हर साल 11 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री, मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती भी है, जानिए इस दिन से जुड़ी जरूरी बातें।

National Education Day 2025: भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने आजाद भारत की नींव मजबूत करने के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत की, ताकि हर भारतीय युवा पढ़-लिखकर जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बन सके। आगे पढ़िए नेशनल एजुकेशन डे और  मौलाना अबुल कलाम आजाद से जुड़ी खास बातें।

कौन थे मौलाना अबुल कलाम आजाद?

मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था। वो एक महान विचारक, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री बनने से पहले वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता भी रहे। साल 1923 में सिर्फ 35 साल की उम्र में वे कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने उनकी सोच थी कि शिक्षा सिर्फ नौकरी पाने का जरिया नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देने का माध्यम है।

मौलाना आजाद अहम योगदान

मौलाना आजाद ने जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना में अहम भूमिका निभाई (1920 में)। बाद में उन्होंने यूनिवर्सिटी को अलीगढ़ से नई दिल्ली स्थानांतरित कराने में मदद की। देश में तकनीकी और उच्च शिक्षा संस्थानों की नींव रखी। उनके सम्मान में कई संस्थान भी बने जैसे-

  • मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली
  • मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल
  • मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
  • मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, पश्चिम बंगाल
  • मौलाना आजाद स्टेडियम, जम्मू

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत सरकार ने 11 सितंबर 2008 को घोषणा की थी कि हर साल 11 नवंबर को National Education Day के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन का उद्देश्य मौलाना आजाद के योगदान को याद करना और देश में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना है। हालांकि इसे राष्ट्रीय अवकाश नहीं माना जाता, लेकिन इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में निबंध, भाषण, वर्कशॉप और क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने वो नींव रखी जिस पर आज भारत की आधुनिक शिक्षा व्यवस्था खड़ी है। उनके प्रयासों की बदौलत आज देशभर के लाखों बच्चे शिक्षा का अधिकार पा रहे हैं। इसलिए हर साल 11 नवंबर को भारत अपने उस नेता को याद करता है, जिन्होंने शिक्षा को राष्ट्रनिर्माण का सबसे बड़ा हथियार माना।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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