Madhya Pradesh Deputy Collector in Hand Salary 2025: मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है? जानिए MPPSC डिप्टी कलेक्टर की इन-हैंड पे, ट्रेनिंग सैलरी, अलाउंसेज और प्रमोशन की संभावनाओं के बारे में।
MP Deputy Collector Salary 2025: मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर का पद न सिर्फ प्रतिष्ठा वाला होता है, बल्कि इसके साथ बहुत अच्छी सैलरी और भत्ते भी मिलते हैं। ये वही पद है, जिसके लिए हर साल हजारों उम्मीदवार MPPSC (Madhya Pradesh Public Service Commission) परीक्षा की तैयारी करते हैं। अगर आप भी एमपी में डिप्टी कलेक्टर बनना चाहते हैं, तो जानिए मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है, ट्रेनिंग के दौरान कितना वेतन मिलता है और प्रमोशन किस तरह से होता है।
मध्य प्रदेश डिप्टी कलेक्टर की बेसिक सैलरी कितनी होती है?
मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर का पे लेवल 10 होता है। उनका पे बैंड 15,600 रुपए से 39,100 रुपए के बीच रहता है और ग्रेड पे 5,400 रुपए है। जॉइनिंग के समय उनकी बेसिक सैलरी 56,100 रुपए तय होती है। इसके ऊपर उन्हें कई भत्ते भी मिलते हैं।
एमपी डिप्टी कलेक्टर की मंथली सैलरी स्ट्रक्चर
- बेसिक पे- 56,100 रुपए
- ग्रेड पे- 5,400 रुपए
- डीए- 53%, 29,733 रुपए
- एचआरए- 20%, 11,220 रुपए
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस- 5,200 रुपए-10,000 रुपए
- अन्य भत्ते- 4,800 रुपए (लगभग)
- कुल ग्रॉस सैलरी- 1,14,963 रुपए (लगभग)
- कुल कटौतियां- 27,000 रुपए- 28,000 रुपए
- इन-हैंड सैलरी 86,000 रुपए- 87,000 रुपए (लगभग)
यानि डिप्टी कलेक्टर को हर महीने लगभग 86,000 रुपए की इन-हैंड सैलरी मिलती है। सालाना ग्रॉस सैलरी करीब 13.7 लाख रुपए, जबकि इन-हैंड सालाना सैलरी करीब 10.4 लाख रुपए के आसपास होती है।
MPPSC डिप्टी कलेक्टर की ट्रेनिंग के दौरान सैलरी कितनी होती है?
MPPSC परीक्षा पास करने के बाद चयनित उम्मीदवारों को पहले ट्रेनिंग या प्रोबेशन पीरियड से गुजरना होता है। यह अवधि आमतौर पर 2 साल की होती है। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर को पूरी बेसिक सैलरी 56,100 रुपए दी जाती है लेकिन DA, HRA और कुछ भत्ते थोड़े कम या सीमित होते हैं। ट्रेनिंग के समय उनका इन-हैंड वेतन लगभग 60,000 रुपए से 65,000 रुपए मंथली के बीच रहता है। ट्रेनिंग पूरी होते ही अधिकारी को सभी भत्ते मिलना शुरू हो जाते हैं, जिससे सैलरी बढ़कर 85,000 रुपए से ऊपर पहुंच जाती है।
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मध्य प्रदेश MPPSC डिप्टी कलेक्टर के प्रमोशन के क्या हैं मौके?
मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर के पद पर ग्रोथ का शानदार स्कोप है। अनुभव और सेवा अवधि बढ़ने के साथ अधिकारी ऊंचे पदों तक पहुंचते हैं। जिसमें-
| पोस्ट | पे लेवल | एक्सपीरिएंस (एवरेज) |
| डिप्टी कलेक्टर | ₹56,100 ₹1,77,500 | एंट्री लेवल |
| एडिशनल डिप्टी कलेक्टर | ₹67,700 ₹2,08,700 | 10–12 वर्ष |
| जिला कलेक्टर | ₹78,800 ₹2,14,100 | 18–20 वर्ष |
| डिविजनल कमिश्नर | ₹1,44,200 ₹2,18,200 | 28–30 वर्ष |
डिप्टी कलेक्टर का काम क्या होता है?
डिप्टी कलेक्टर जिले के प्रशासनिक कामों का अहम हिस्सा होते हैं। उनकी जिम्मेदारी होती है-
- जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखना
- जमीन और राजस्व से जुड़े मामलों की देखरेख
- सरकारी योजनाओं को लागू करना
- जनता की शिकायतों का समाधान करना
- वे जिले के सब-डिवीजन स्तर पर शासन और जनता के बीच की कड़ी के रूप में काम करते हैं।
मध्य प्रदेश में कैसे बनते हैं डिप्टी कलेक्टर?
सबसे पहले उम्मीदवार को MPPSC State Service Exam पास करना होता है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है, प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू। इसके लिए उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होना जरूरी है। परीक्षा पास करने के बाद चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी जाती है और फिर उन्हें राजस्व एवं सामान्य प्रशासन विभाग में पोस्टिंग मिलती है।
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