बीजगणित की जड़ें भारत में! सदियों पहले हमारे गणितज्ञ हल करते थे Algebra के कठिन सवाल

Published : Nov 07, 2025, 02:41 PM ISTUpdated : Nov 07, 2025, 02:44 PM IST
NCERT Class 7 Textbook Update

सार

NCERT ने कक्षा 7 की गणित किताब ‘गणिता प्रकाश’ में बड़ा बदलाव किया है। अब छात्र ब्रह्मगुप्त जैसे भारतीय गणितज्ञों के योगदान, बीजगणित और ज्यामिति की भारतीय जड़ों के बारे में जान सकेंगे। जानिए डिटेल।

NCERT Class 7 Textbook Update: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 7 की नई गणित की किताब में बड़ा बदलाव किया है। ‘गणिता प्रकाश’ (Ganita Prakash) के पार्ट 2 में अब छात्रों को सिर्फ सवाल-जवाब ही नहीं, बल्कि भारतीय गणितज्ञों की ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में भी पढ़ने को मिलेगा। नई किताब में बीजगणित (Algebra), पूर्णांक (Integers) और ज्यामिति (Geometry) जैसे विषयों में भारत के प्राचीन गणितज्ञों का योगदान समझाया गया है।

गणिता प्रकाश नई किताब में क्या खास है

गणिता प्रकाश के नए संस्करण में संस्कृत ग्रंथों से लिए गए उदाहरण, प्राचीन गणितीय समस्याएं और उनके हल दिए गए हैं। किताब में भारतीय गणित के गौरवशाली इतिहास को दिखाने की कोशिश की गई है, ताकि छात्र जान सकें कि बीजगणित और अंकगणित जैसे विषयों की जड़ें भारत में कितनी गहरी हैं।

ब्रह्मगुप्त और बीजगणित पर नया अध्याय

किताब में पूर्णांकों वाले अध्याय में 7वीं सदी के प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त का उल्लेख किया गया है। इसमें बताया गया है कि उनकी रचना ‘ब्रह्मस्फुटसिद्धांत’ में पहली बार धनात्मक (Positive) और ऋणात्मक (Negative) संख्याओं के गुणा-भाग के नियम लिखे गए थे। NCERT के मुताबिक, यह गणित के इतिहास में एक अहम कदम था जिसने अंकगणित और बीजगणित के विकास की दिशा तय की।

Algebra को कहा गया ‘Bijaganita’

अलजेब्रा (Algebraic Equations) वाले चैप्टर में बताया गया है कि प्राचीन भारत में इसे ‘बीजगणित’ (Bijaganita) कहा जाता था। उस समय गणितज्ञ प्रतीकों के जरिए समीकरण बनाते थे और उन्हें हल करते थे। यानी आज जो अलजेब्रा के सवाल हम हल करते हैं, उसकी नींव सदियों पहले भारत में रखी जा चुकी थी।

पहले भाग में भी था भारतीय गणित का जिक्र

गणिता प्रकाश के पहले भाग में भी कुछ अध्यायों में भारतीय गणितज्ञों का संदर्भ दिया गया था, लेकिन इस बार इसे और विस्तार से शामिल किया गया है।

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छात्रों को सही इतिहास सिखाना है मकसद

NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी के अनुसार इन बदलावों का मकसद छात्रों को सही इतिहास सिखाना है, ताकि उन्हें भारत के योगदान को औपनिवेशिक नजरिए से नहीं बल्कि सही संदर्भ में समझने का मौका मिले।

नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव

पुरानी कक्षा 7 की किताब में प्राचीन भारतीय गणितज्ञों का कोई उल्लेख नहीं था। लेकिन अब NCERT ने यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (NCF) के अनुरूप किया है, ताकि शिक्षा प्रणाली में भारतीय परंपरा और ज्ञान को सही स्थान मिल सके।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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