बैलगाड़ी से चांद तक: NCERT लाया भारत की स्पेस जर्नी पर खास मॉड्यूल, जानिए खास बातें

Published : Aug 23, 2025, 06:10 PM IST
NCERT Modules on Indias Space Journey

सार

NCERT Space Module: एनसीईआरटी ने स्कूल स्टूडेंट्स के लिए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर नया मॉड्यूल लॉन्च किया है, जिसमें चंद्रयान-3, आदित्य L1 और भारतीय स्पेस स्टेशन जैसी उपलब्धियों, शुरुआत और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी गई है। जानिए खास बातें।

NCERT Modules on Indias Space Journey: क्या आप जानते हैं कि कभी भारत में रॉकेट्स को साइकिल और बैलगाड़ी पर ढोकर लॉन्चिंग साइट तक ले जाया जाता था? लेकिन आज वही भारत दुनिया की सबसे सस्ती और भरोसेमंद स्पेस पावर में गिना जाता है। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक चांद पर लैंडिंग से लेकर सूर्य का राज खोलने वाले आदित्य L1 मिशन तक, भारत ने वो कर दिखाया है जिसकी कल्पना कभी नामुमकिन लगती थी। इसी शानदार सफर को अब स्कूलों के बच्चे भी पढ़ेंगे, क्योंकि NCERT ने “India: A Rising Space Power” नाम से स्पेशल मॉड्यूल्स जारी किए हैं।

क्या है खास NCERT के स्पेशल मॉड्यूल्स में?

ये मॉड्यूल्स दो लेवल के लिए बनाए गए हैं। एक मिडिल स्कूल के बच्चों के लिए और दूसरा सेकेंडरी स्टूडेंट्स के लिए। इसमें भारत की स्पेस जर्नी को फोटो, डायग्राम और टाइमलाइन के जरिए समझाया गया है, ताकि बच्चे आसानी से जान सकें कि कैसे छोटे से कदम ने बड़े सपने को हकीकत में बदला।

कहां से शुरू हुई भारत की स्पेस जर्नी?

इसमें बताया गया है कि कैसे 1962 में विक्रम साराभाई की अगुवाई में बनी INCOSPAR बाद में ISRO में बदल गई और फिर एक-एक करके ऐसे कारनामे किए, जिसने भारत को दुनिया की टॉप स्पेस पावर्स में खड़ा कर दिया। आरंभिक दौर में आर्यभट सैटेलाइट (1975) और SITE प्रोजेक्ट ने गांव-गांव में टीवी पहुंचाया। वहीं आज का दौर है जब चंद्रयान-3 ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग कर भारत को दुनिया में पहला देश बना दिया। इन मॉड्यूल्स में भारत के अंतरिक्ष नायकों को भी याद किया गया है। जैसे 1984 में सोवियत मिशन के साथ अंतरिक्ष में जाने वाले स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा और 2025 में ISS पर रहने वाले पहले भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला।

भारत के बड़े स्पेस मिशन जिन्होंने दुनिया को चौंकाया

इस किताब में भारत के बड़े-बड़े मिशनों को भी खास जगह दी गई है। चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी के अणु खोजे, मंगलयान (2013) ने भारत को एशिया का पहला और दुनिया का इकलौता ऐसा देश बना दिया जिसने पहली कोशिश में ही मंगल तक पहुंच बनाई। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर आज भी चांद से अहम डेटा भेज रहा है और आदित्य-L1 (2023) सूरज का अध्ययन कर रहा है। आने वाले समय में नासा-ISRO NISAR सैटेलाइट से धरती की बर्फ, जंगलों और प्राकृतिक आपदाओं पर अहम जानकारी मिलेगी। इसके अलावा गगनयान मिशन इंसानों को अंतरिक्ष में भेजेगा और भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) की भी योजना है।

भारत का स्पेस प्रोग्राम अंतरिक्ष से आम जिंदगी तक

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ चांद-सूरज की खोज तक सीमित नहीं है। इसका असर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर भी है। NavIC नेविगेशन सिस्टम से लेकर टेली-एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, मौसम की जानकारी, खेती-बाड़ी और आपदा प्रबंधन तम, हर जगह अंतरिक्ष तकनीक हमारी मदद कर रही है। आज भारत सिर्फ खुद ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक भरोसेमंद और सस्ता स्पेस हब बन चुका है। ISRO अब तक 131 स्पेसक्राफ्ट मिशन और 101 लॉन्च मिशन कर चुका है, जिसमें 35 देशों के 430 से ज्यादा विदेशी सैटेलाइट भी लॉन्च किए गए हैं।

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200 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स इसरो के साथ कर रहे काम

NCERT के इस मॉड्यूल में यह भी बताया गया है कि कैसे 200 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स आज ISRO और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं। सरकार ने भी लक्ष्य तय किया है कि 2035 तक भारत दुनिया की स्पेस इकॉनमी का 8% हिस्सा अपने नाम करेगा। कुल मिलाकर, यह मॉड्यूल बच्चों को सिर्फ भारत की स्पेस स्टोरी नहीं बताएगा, बल्कि यह भी सिखाएगा कि मेहनत, जुगाड़ और साइंटिफिक सोच से दुनिया में कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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