NEET-PG 2025 दो शिफ्ट में क्यों? छात्रों की टेंशन बढ़ी, नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस पर उठे सवाल

NEET-PG 2025 परीक्षा दो शिफ्टों में होने से छात्र चिंतित हैं। कठिनाई स्तर और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर संदेह जताया जा रहा है। छात्र और डॉक्टर संगठन एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। जानिए पूरा मामला।

NEET-PG 2025: राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBEMS) ने घोषणा की है कि NEET-PG 2025 का एग्जाम 15 जून को दो शिफ्टों में होगा। यह परीक्षा पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन के लिए ली जाती है। लेकिन इस फैसले को लेकर स्टूडेंट्स में चिंता बढ़ गई है। बता दें कि NBEMS ने पहली बार 2024 में NEET-PG को दो शिफ्टों में कराया था। इस बार भी परीक्षा कंप्यूटर आधारित (CBT) मोड में होगी। हालांकि, डिटेल इंफॉर्मेशन बुलेटिन अभी जारी नहीं किया गया है।

NEET-PG 2025 को लेकर क्या है छात्रों की चिंता?

असमान कठिनाई स्तर: पहली और दूसरी शिफ्ट में क्वेश्चन पेपर अलग-अलग होंगे, जिससे कठिनाई का स्तर भी अलग हो सकता है।

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सामान्यीकरण (Normalization) प्रक्रिया पर संदेह: कई छात्रों का कहना है कि यह तरीका सही नहीं है और कुछ को नाइंसाफी झेलनी पड़ती है।

एक ही शिफ्ट में परीक्षा क्यों नहीं? – NEET-UG परीक्षा में 15 लाख से ज्यादा छात्र होते हैं फिर भी वह एक शिफ्ट में होती है, जबकि NEET-PG के लिए उम्मीदवारों की संख्या 3 लाख से कम होती है।

NEET-PG: नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस कैसे काम करता है?

चूंकि दोनों शिफ्टों के पेपर अलग होंगे, इसलिए NBEMS स्कोर को समान बनाने के लिए AIIMS Normalization पद्धति अपनाता है। हर शिफ्ट के टॉप स्कोर को 100वां पर्सेंटाइल माना जाता है। और सभी छात्रों के मार्क्स को उसी आधार पर पर्सेंटाइल स्केल पर बदला जाता है। उदाहरण के लिए, यदि शिफ्ट 1 का टॉप स्कोर 80% और शिफ्ट 2 का 82% है, तो दोनों को 100वां पर्सेंटाइल मानकर बाकी छात्रों के मार्क्स एडजस्ट किए जाते हैं।

NEET-PG 2025 दो शिफ्ट में कराने को लेकर छात्र और डॉक्टरों के संगठन क्या कह रहे?

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार जयपुर के छात्र भारत राठौड़ का कहना है, परीक्षा एक ही शिफ्ट में होनी चाहिए। दो शिफ्ट में होने से यह चिंता बनी रहती है कि किसका पेपर कठिन और किसका आसान होगा। 2024 में दूसरी शिफ्ट में परीक्षा देने वाले सम्यक बंसल का कहना है, "पहली शिफ्ट का पेपर आसान था और दूसरी शिफ्ट का मुश्किल। मैंने 470 मार्क्स हासिल किए, लेकिन मेरी रैंक कम आई।" FAIMA (Federation of All India Medical Association) और UDF (United Doctors Front) ने NBEMS को पत्र लिखकर परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराने की मांग की है।

NEET-PG 2025 दो शिफ्ट में कराने के लेकर बढ़ी चिंता पर क्या है NBEMS की प्रतिक्रिया

NBEMS की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन छात्र और डॉक्टरों की मांग को देखते हुए संभावना है कि बोर्ड जल्द ही इस पर स्थिति स्पष्ट करेगा।

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