NEET UG 2025 New Tie Breaking Rules: नीट यूटी 2025 में सामन अंक पाने वाले छात्रों की रैंकिंग का फैसला अब नये 'रैंडम प्रोसेस' से किया जाएगा। जानें नए नियम और बदलाव क्या हैं।
NEET UG 2025 New Tie Breaking Rules: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET UG 2025 के लिए नए टाई-ब्रेकिंग नियम जोड़े हैं, जिससे समान अंक पाने वाले छात्रों की रैंकिंग तय की जाएगी। पहले से लागू सात-स्तरीय (seven-point method) टाई-ब्रेकिंग नियमों के बाद भी अगर टाई बनी रहती है, तो अब एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की देखरेख में "रैंडम प्रोसेस" के जरिए फैसला किया जाएगा।
NEET UG 2025: क्या हैं Tie-Breaking के नए नियम
अगर दो या अधिक छात्रों के अंक समान होते हैं, तो इन सात चरणों के आधार पर मेरिट तय की जाएगी-
जिसका बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी) में ज्यादा स्कोर होगा, उसे वरीयता मिलेगी।
अगर बायोलॉजी के नंबर भी समान हैं, तो केमिस्ट्री में ज्यादा नंबर वाले को प्राथमिकता मिलेगी।
अगर केमिस्ट्री के नंबर भी बराबर हैं, तो फिजिक्स में ज्यादा नंबर वाले को आगे रखा जाएगा।
अगर तीनों विषयों के नंबर एक जैसे हैं, तो गलत उत्तरों का प्रतिशत देखा जाएगा। जिसका गलत उत्तरों का प्रतिशत कम होगा, उसे प्राथमिकता मिलेगी।
इसके बाद सिर्फ बायोलॉजी में गलत उत्तरों की संख्या देखी जाएगी। कम गलत जवाब देने वाले को प्राथमिकता मिलेगी।
अगर फिर भी टाई बनी रहती है, तो केमिस्ट्री में कम गलत जवाब वाले को ऊपर रखा जाएगा।
इसके बाद फिजिक्स में कम गलत उत्तर वाले को प्राथमिकता दी जाएगी।
अगर फिर भी टाई बनी रही तो कैसे तय होगी रैंकिंग? क्या है रैंडम प्रोसेस
अगर ये सातों नियम लागू करने के बाद भी फैसला नहीं हो पाता, तो NTA एक स्वतंत्र एक्सपर्ट कमेटी की मदद से "रैंडम प्रक्रिया" अपनाएगा। यानी कंप्यूटर के जरिए उम्मीदवारों की रैंक तय की जाएगी। इसका मतलब ये हुआ कि सबसे पहले बायोलॉजी, फिर केमिस्ट्री, फिर फिजिक्स और आखिर में गलत उत्तरों की संख्या देखकर रैंक दी जाएगी। अगर सब बराबर हुआ तो एक्सपर्ट कमेटी अंतिम फैसला लेगी।