NMC Amendments in NEET UG: नेशनल मेडिकल काउंसिल की ओर से नीट यूजी की परीक्षा के नियमों में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें मिनिमम एज क्राइटेरिया के साथ ही नीट परीक्षा में शामिल होने के लिए पासिंग मार्क्स रिस्ट्रिकशंस हटाए जा रहे हैं।
एजुकेशन डेस्क। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की ओर से नीट यूजी के एग्जाम को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। नए नियम के मुताबिक कैंडिडेट की उम्र नीट एंट्रेंस एग्जाम वाले वर्ष के 31 जनवरी की तारीख तक 17 वर्ष होनी कंपल्सरी है। जबकि पिछले साल नीट कैंडिडेट के लिए एज क्राइटेरिया एग्जाम ईयर में 31 दिसंबर तक 17 साल रखी गई थी।
नीट यूजी 2024 से नया एज क्राइटेरिया
आयोग की ओर से ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन एक्सचेंज 2023 (GMER-23) में यूजी मेडिकल कोर्सों में एंट्रेंस के वर्ष के 31 जनवरी को न्यूनतम एज 17 वर्ष पूरा करने की नई कट-ऑफ डेट तय करने के पांच दिन बाद आया है। यदि पुराने एज-क्राइटेरिया को लागू किया जाता तो 31 दिसंबर 2024 तक 17 साल की उम्र पूरी करने वाले कैंडिडेट भी नीट 2024 की परीक्षा दे पाते। नए एज क्राइटेरिया लागू होने पर अगले साल कई कैंडिडेट नीट 2024 में शामिल नहीं हो सकेंगे।
ये भी पढ़ें. NEET UG Result 2023: रिजल्ट के बाद अब मेडिकल कॉलेजों में एडमीशन की दौड़, यहां देखें कब से होगी काउंसलिंग
NMC changes neet ug rules: फिजिक्स में अच्छे नंबर लाने पर बेहतर रैंक
नए टाई ब्रेकिंग रूल्स में भी थोड़ा बदलाव किया गया है। इसके तहत यदि नीट यूजी के एग्जाम में कैंडिडेट्स के टोटल नंबर बराबर हैं तो फिजिक्स में जिसने अधिक स्कोर किया होगा उसे अच्छी रैंक दी जाएगी। यदि इसेक बाद भी नंबर टाइ होता है तो केमिस्ट्री और लास्ट में बायोलॉजी के मार्क्स के आधार पर टाइ-ब्रेकिंग होगा. नया टाइ-ब्रेकिंग क्राइटेरिया लॉजिकल लगता है क्योंकि फिजिक्स में ज्यादा नंबर लाने वाले कैंडिडेट की रीजनिंग एलिबिलटी भी अच्छी होगी।
NEET UG Entrance Exam: मिनिमम मार्क्स का रिस्ट्रिक्शंस खत्म
इस एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया ने 12वीं बोर्ड में मिलने वाले पासिंग मार्क्स के रिस्ट्रिक्शंस को खत्म कर दिया है। 12वीं पास कोई भी कैंडिडेट अब नीट यूजी के एग्जाम में शामिल हो सकता है। पहले यह जनरल कैंडिडेट के लिए 50 परसेंटाइल, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 45 परसेंटाइल और फिजिकल हैंडिकैप्ड के लिए 40 परसेंटाइल था।