
Pankaj Yadav Government Exam Success Stoy: कई उम्मीदवारों के लिए सिर्फ एक सरकारी परीक्षा पास करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता। लेकिन पंकज यादव की कहानी इस धारणा को पूरी तरह बदल देती है। 30 साल की उम्र में, अपने फुल-टाइम जॉब के साथ और किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट की मदद के बिना, पंकज ने सात अलग-अलग राज्य स्तरीय सरकारी परीक्षाएं (PCS) पास की हैं। उनकी मेहनत और समर्पण की कहानी हजारों उम्मीदवारों को प्रेरित करती है, जो अक्सर उम्र, परिस्थितियों या आर्थिक सीमाओं के कारण अपने सपनों को पीछे छोड़ देते हैं। जानिए 7 सरकारी परीक्षा पास करने वाले 30 साल के पंकज यादव की सक्सेस स्टोरी।
पंकज का सफर आसान नहीं था। पढ़ाई के शुरुआती सालों में उन्होंने कई बार असफलता का सामना किया और तीन सब्जेक्ट में फेल भी हुए। इसी दौरान एक शिक्षक ने उन्हें कहा, अगर आप कम से कम 60 प्रतिशत मार्क्स ला सकते हैं, तो आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। यह बात उनके लिए निर्णायक मोड़ साबित हुई। अपने पिता के सपोर्ट से, पंकज ने परिवार की दुकान का एक छोटा कोना पढ़ाई के लिए तैयार किया और रोजाना मेहनत करना शुरू किया। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर लगन हो, तो साधारण शुरुआत भी बड़ी सफलता में बदल सकती है।
पंकज पहले से एक सफल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और फैमिली लाइफ भी सेट थी।। फिर भी, उन्हें कुछ अधूरा सा लगता था। यूपी और बिहार में कई उम्मीदवारों को सरकारी सेवाओं की तैयारी करते देखकर उन्होंने भी लोक सेवा में काम करने का सपना देखा। पंकज ने फैसला किया कि वह किसी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लेंगे। उन्होंने पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी, अनुशासन और टाइम मैनेजमेंट पर बेस्ड रखी और यह सब अपने जॉब के साथ करते रहे।
पहली परीक्षा में असफलता मिली, लेकिन पंकज ने हार नहीं मानी। उन्होंने सोशल मीडिया और गैरजरूरी व्यस्तताओं से खुद को दूर किया और अपनी तैयारी में और मेहनत की। नतीजा यह रहा कि कुछ ही सालों में उन्होंने सात सरकारी परीक्षाएं पास कर ली। अपनी मेहनत से उन्होंने यह साबित किया कि शॉर्टकट नहीं, निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।
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उनकी सफलता सिर्फ किस्मत का खेल नहीं थी। इसके पीछे उनकी शानदार योजना और अनुशासन था। कंपीटिटिव एग्जाम की तैयारी करने के उनके कुछ खास तरीके थे, जिसमें-
रेगुलर पढ़ाई: रोजाना निश्चित समय पर पढ़ाई की, जॉब के साथ बैलेंस बनाकर।
स्मार्ट रिसोर्स: महंगे किताबों या कोचिंग के बजाय भरोसेमंद सीमित सोर्स का इस्तेमाल किया।
रिविजन और प्रैक्टिस: रेगुलर रिविजन और मॉक टेस्ट से टाइम मैनेजमेंट और सटीकता बढ़ी।
अनुशासन पर ध्यान: अस्थायी मोटिवेशन से नहीं, बल्कि रोजाना अनुशासन से सफलता हासिल की।
कमजोरियों पर काम और ताकत बढ़ाना: कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया, मजबूत क्षेत्रों को और मजबूत बनाया।
आज पंकज यादव सिर्फ सफल उम्मीदवार नहीं, बल्कि हजारों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा हैं। उनका मानना है कि अनुशासन, निरंतरता और सही मानसिकता किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकती है।
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