Ayushi Dabas IAS: वसंत विहार की एसडीएम आयुषी डबास, जन्म से दृष्टिबाधित होने के बावजूद UPSC पास कर आईएएस बनीं और अब केबीसी में 25 लाख जीतकर मिसाल कायम की। उनकी अबतक की लाइफ संघर्षों के बीच सफलता की शानदार कहानी है। जानिए IAS आयुषी डबास के बारे में।

Ayushi Dabas IAS KBC Success: अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठ कर केबीसी में 25 लाख रुपए जीतने वाली IAS ऑफिसर आयुषी डबास इनदिनों चर्चा में हैं। 25 लाख रुपए जीतने से ज्यादा चर्चा उनकी अबतक की लाइफ जर्नी को लेकर है, जो कि हर किसी के लिए एक मिसाल है। आयुषी डबास वसंत विहार में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वह 100 प्रतिशत दृष्टिहीन हैं। बचपन से ही दृष्टिबाधित होने के बावजूद आयुषी ने हर मुश्किल को पार करते हुए न सिर्फ शिक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया बल्कि समाज में भी अपनी अलग पहचान बनाई। केबीसी में आने के बाद देश भर में उनकी चर्चा है। उनकी कहानी जान कर किसी की आंखों में आंसू आ जा रहे, तो कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है। जानिए IAS आयुषी डबास की अबतक की जर्नी के बारे में।

आयुषी डबास का एजुकेशन, टीचर से IAS बनने तक का सफर

आयुषी डबास रानी खेड़ा की रहने वाली हैं। बचपन में तमाम कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई करनी कभी नहीं छोड़ी। 12वीं के बाद उन्होंने नगर निगम स्कूल में संविदा शिक्षक के रूप में पढ़ाना शुरू किया। साथ ही, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के NCWEB से कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और तीनों वर्षों में प्रथम स्थान हासिल किया। 2012 में उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूल में शिक्षक की नौकरी शुरू की। इसके बाद इग्नू से इतिहास में एमए की डिग्री ली। 2015 में आयुषी ने अपनी मां की दी प्ररेणा से आईएएस की तैयारी शुरू की और चौथे प्रयास में UPSC में 48वीं रैंक हासिल कर अपने और अपनी मां के सपनों को पूरा किया। यह उस समय तक किसी दृष्टिबाधित परीक्षार्थी के लिए सबसे बेहतर रैंक थी।

केबीसी के मंच पर कैसे पहुंची आयुषी डबास

इस साल मई में जनकपुरी में आयोजित केबीसी खुली प्रतियोगिता में आयुषी का चयन हुआ। फोन राउंड और अन्य राउंड्स को पार करने के बाद उन्हें 3 सितंबर को मुंबई बुलाया गया। इस दौरान आयुषी ने अपनी मां के दोनों बड़े सपने पूरे किए। वह कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं और अब अभिनेता अमिताभ बच्चन से भी मिलीं।

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केबीसी में आयुषी डबास का खेल और चैलेंज

केबीसी के दौरान आयुषी ने कई सवालों के सही जवाब दिए और 25 लाख रुपये जीतकर सबको हैरान कर दिया। 25 लाख के लिए उनका सवाल था- कौन मात्र 11 साल और 10 महीने की थीं, जब वह 1952 में ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाली सबसे युवा भरतीय बनीं? इसका जवाब देने के लिए उन्होंने अपनी लास्ट लाइफ लाइन संकेत सूचक का इस्तेमाल किया और सही जवाब दिया- आरती साहा। इस जवाब के साथ ही वह 25 लाख रुपए जीत गईं। हालांकि, 50 लाख रुपये के सवाल में उनसे पूछा गया कि कल्पना चावला स्पेस पर कौन से म्यूजिक बैंड की एल्बम लेकर गई थीं, इसका जवाब आयुषी नहीं दे सकीं और इसके बाद उन्होंने गेम को क्विट कर दिया। नीचे देखें वीडियो-

केबीसी के मंच पर आयुषी डबास ने शेयर की लाइफ जर्नी

केबीसी के मंच पर आयुषी डबास ने अपनी पूरी जर्नी शेयर की। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां, पिताजी और भाई ने मिलकर उनके लिए बिना कहे बुक्स के ऑडियो रिकॉर्ड किए ताकि उन्हें पढ़ने में आसानी हो। आयुषी की मां जो एक सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के रूप में काम करती थीं। लेकिन अपनी बेटी को IAS बनाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। उन्होंने अपनी बेटी के लिए 100 से ज्यादा किताबें रिकॉर्ड कीं। आयुषी ने एक किस्सा भी शेयर किया जब उनके स्कूल की ही एक टीचर ने उनकी मां की कोशिशों को लेकर कमेंट किए कि क्यों आयुषी की मां इतनी परेशान रहती हैं, आखिर पढ़ कर भी वह क्या बन जाएगी। जिसका जवाब आयुषी ने एक आईएएस ऑफिसर बन कर दिया। जब आयुषी डबास का यूपीएससी में सेलेक्शन हुआ तो उसी टीचर ने उनकी मां से इस बात की सिफारिश की कि आयुषी स्कूल आएं ताकि उन्हें वे सम्मानित कर सकें। वीडियो नीचे देखें-

आयुषी डबास की कहानी हमें यही सिखाती है कि शारीरिक कमी कभी हमारी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती। कठिनाइयों के बावजूद हिम्मत और मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।

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