
Sundar Pichai Success Story: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक Google और उसकी पैरेंट कंपनी Alphabet के CEO सुंदर पिचाई आज जिस ऊंचाई पर हैं, वहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा। हाल ही में Lex Fridman पॉडकास्ट में उन्होंने अपनी ज़िंदगी के कुछ अनसुने पहलुओं को शेयर किया। उन्होंने बताया कि कैसे एक साधारण से माहौल में पले-बढ़े और कैसे तकनीक के प्रति उनका लगाव बचपन से ही शुरू हुआ।
सुंदर पिचाई का जन्म 10 जून 1972 को तमिलनाडु के चेन्नई (तब का मद्रास) में हुआ था। उन्होंने बताया कि उनके घर में ना तो टेलीफोन था और ना ही पानी की सुविधा। हमें टेलीफोन लेने के लिए 5 साल का इंतजार करना पड़ा। जब फोन आया तो पूरा मोहल्ला हमारे घर से फोन करता था। पानी के लिए भी टैंकर आता था और हर घर को सिर्फ आठ बाल्टी पानी मिलता था। मैं, मेरा भाई और मां लाइन में लगकर पानी भरते थे। ये अनुभव उनके भीतर तकनीक को लेकर समझ और जुनून जगाने का कारण बने।
सुंदर पिचाई ने 10वीं तक की पढ़ाई चेन्नई के एक साधारण सरकारी स्कूल से की। इसके बाद IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। फिर उन्होंने अमेरिका का रुख किया और Stanford University से MS और University of Pennsylvania के Wharton School से MBA किया।
सुंदर ने अपने करियर की शुरुआत Applied Materials में की और फिर McKinsey & Company में कंसल्टेंट रहे। 2004 में Google में शामिल हुए और वहां Chrome ब्राउजर, Android ऑपरेटिंग सिस्टम और Google Drive जैसे प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई। 2015 में जब Google ने खुद को री-स्ट्रक्चर करके Alphabet नाम की नई होल्डिंग कंपनी बनाई, तो सुंदर को Google का CEO बनाया गया। 2019 में वो Alphabet के भी CEO बने।
सुंदर पिचाई की सैलरी और कमाई भी शानदार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 में उनकी बेस सैलरी करीब 2 मिलियन डॉलर (लगभग 16.5 करोड़ रुपये) थी। इसके अलावा स्टॉक्स और बोनस मिलाकर उनकी कुल सालाना इनकम सैकड़ों करोड़ रुपये में जाती है। उनकी अनुमानित नेटवर्थ 1,300 मिलियन डॉलर (लगभग 10,800 करोड़ रुपये) से भी ज्यादा बताई जाती है।
सुंदर पिचाई को फोन नंबर याद रखने की जबरदस्त शक्ति थी, जो बाद में उनकी टेक्निकल सोच में मददगार बनी। वो बहुत ही शांत, लेकिन सटीक निर्णय लेने वाले लीडर माने जाते हैं। आज भी वो अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं और अक्सर भारतीय मूल्यों और बचपन के संघर्षों को याद करते हैं।
सुंदर पिचाई की जिंदगी इस बात की मिसाल है कि अगर आपके अंदर लगन है, तो कोई भी मुश्किल आपको कामयाब होने से नहीं रोक सकती। पानी भरने के लिए लाइन में खड़े होने वाले बच्चे ने आज पूरी दुनिया को डिजिटल रूप से जोड़ने वाली कंपनी की कमान संभाल रखी है। सुंदर पिचाई की जिंदगी हर इंसान के लिए एक प्रेरणा है।