NEET UG 2023: मदरसे में ली शिक्षा, हिजाब में सेल्फ स्टडी...कश्मीर की ये जु़ड़वा बहनें अब बनेंगी डॉक्टर

NEET UG 2023: कश्मीर में इमाम की जुड़वा बेटियों ने मदरसा से पढ़ाई करने के बाद बिना कोचिंग तैयारी की और नीट क्वालिफाई किया।  

Contributor Asianet | Published : Jun 16, 2023 11:24 AM IST

एजुकेशन डेस्क। स्कूलों में हिजाब पहनने से लेकर मदरसा शिक्षा को लेकर कई बार सवाल उठते रहते हैं लेकिन वास्तविकता ये है कि काबिलियत किसी की मोहताज नहीं होती। कश्मीर के एक गांव में मस्जिद के मौलवी की जुड़वा बेटियों ने यह साबित भी कर दिया है। दोनों बहनों ने पहले ही अटेम्प्ट में नीट यूजी 2023 की परीक्षा पास कर ली हैं। मौलवी की दोनों बेटियों में मदरसे में ही पढ़ाई की है।  

सैयद साबिया और सैयद बिस्मा बनी मिसाल
सैयद साबिया और सैयद बिस्मा कश्मीर के कुलगाम जिले के वट्टो गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता सैयद सज्जाद मस्जिद में इमाम हैं। उनका परिवार हुजरा में रहता है जो मस्जिद परिसर के अंदर ही उनके पिता को अलॉट किया गया छोटा सा क्वार्टर है। मदरसे में पढ़ाई और लिमिटेड फेसेलिटी के साथ दोनों बहनों ने सेल्फ स्टडी कर नीट परीक्षा पास की। साबिया को 625 और बिस्मा को 570 नंबर मिले हैं। 

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मदरसा में अंग्रेजी की पढ़ाई कम 
साबिया और बिस्मा के पिता सैयद सज्जाद बताते हैं कि उनकी आजीविका बहुत कम है। मदरसा में ज्यादातर धार्मिक शिक्षा दी जाती है। अंग्रेजी या आधुनिक शिक्षा स्टूडेंट्स को न के बराबर मिलती है, लेकिन वह अपनी बेटियों की पढ़ाई को लेकर सीरियस थे. पढ़ाई के लिए नोट्स भी वह खुद बेटियों को लाकर देते थे। 

सही गाइडेंस और मोटिवेशन जरूरी
सैयद बिस्मा ने कहा कि उनके जैसी कई लड़कियों को सही गाइडेंसस और मोटिवेशन की जरूरत है। बिस्मा ने बताया कि उनके पिता उन्हें मिशन-ई कोचिंग में ले गए जिससे उन्हें पढ़ाई में काफी हेल्प मिली। वहां टीचर्स ने इतना मोटिवेट किया कि उन्हें लगने लगा कि वे कोई भी एग्जाम क्रैक कर सकती हैं। 

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 मैनेजमेंट और मेहनत दोनों जरूरी
सैयद साबिया ने कहा कि यह हम दोनों बहनों के लिए विश्वास से परे था कि वे बिना किसी कोचिंग के नीट क्वावलिफाई कर लेंगी। डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगी। इसमें मम्मी-पापा का काफी सपोर्ट रहा है। पढ़ाई के लिए वह हमारी हर जरूरत को कैसे भी करके पूरी करते थे। साबिया ने कहा कि हमें अपने पास जो भी फेसेलिटी हैं उसका मैनेजमेंट कर मेहनत करना चाहिए। सबसे जरूरी है कि हमें खुद को मोटिवेट करते रहना है। 

दीनी तालीम और हिजाब से परेशानी नहीं
नीट क्वालिफाई करने वाली जुड़वा बहनों ने कहा कि पिता के इमाम होने, हिजाब पहनने और मदरसे में दीनी तालीम हासिल करने से उनकी तैयारी में कभी कोई रुकावट नहीं आई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे इस्लामी रहन-सहन में हम और भी डिसिप्लिन और फोकस रहते हैं। 

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