आज भी भारत में अधिकांश नौकरी चाहने वालों के लिए सरकारी नौकरियां सबसे अच्छा करियर विकल्प हैं। बड़ी वजह जॉब सिक्योरिटी और बेहतरीन सैलरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सरकारी नौकरियों को चार ग्रुप में बांटा गया है। जानिए इसके बारे में
Types of Government Employees: सरकारी नौकरी में समय के साथ करियर प्रगति, अच्छी सैलरी, नौकरी में स्थिरता, नौकरी से संतुष्टि जैसे फायदों को देखते हुए शुरू से ही हर कोई भारत में अच्छी से अच्छी सरकारी नौकरी पाने का प्रयास करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भारत में अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। भारत में सरकारी नौकरी पाने के लिए व्यक्ति को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। सीटें सीमित होती हैं, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं। व्यक्ति को टफ कंपीटिशन से गुजरते हुए अपनी योग्यता साबित करने पर ही नौकरी मिलती है। भारत में केंद्र सरकार या राज्य सरकार के कर्मचारियों को 4 ग्रुप में बांटा गया है। जो सैलरी और लेवल पर आधारित है।
भारत में 4 ग्रुप में बंटें हैं सरकारी कर्मचारी
क्या होता है ग्रुप-डी एम्प्लॉई
ग्रुप-डी एम्प्लॉई भारत में सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों का सबसे निचला स्तर है। पहले छठे वेतन आयोग के पे लेवल में, कर्मचारियों के ये ग्रुप ₹5200-20200 ग्रेड वेतन ₹1800 के वेतन बैंड में थे। 7वां सीपीसी पे लेवल 1 - 5 है। इस ग्रुप में ड्राइवर, चपरासी, क्लीनर, माली, गार्ड, नाई, रसोइया, जैसी सरकारी नौकरियां आती हैं।
क्या होता है ग्रुप-सी एम्प्लॉई
भारत में ग्राउंड लेवल पर सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी या स्टाफ ग्रुप-सी एम्प्लॉई ही हैं। ये ज्यादातर सपोर्टिव और नॉन सुपरवाइजरी नौकरियां हैं। सरकारी क्षेत्र के इन कर्मचारियों को जरूरत अनुसार पदोन्नति मिल सकती है। एसएससी ग्रुप-सी की सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती करता है। छठे वेतन आयोग में ग्रुप डी और सी कर्मचारी का पेय लेवल अलग-अलग था लेकिन 7वें वेतन आयोग ने ग्रुप-सी और ग्रुप-डी को मिला दिया ताकि वे एक ही वेतन बैंड में आ सकें और उन्हें पे लेवल 1-5 में रखा जाए। अब ग्रुप-सी कर्मचारियों का मूल वेतन ₹18000 से शुरू होकर ₹29200 तक है।
ग्रुप-सी एम्प्लॉई में आते हैं ये कर्चमारी
ग्रुप-सी एम्प्लॉई में क्लर्क, मल्टी टास्किंग स्टाफ, असिसस्टेंट, टाइपिस्ट, टेलीफोन ऑपरेटर, प्राथमिक शिक्षक, हवलदार, कांस्टेबल, सहायक उप-निरीक्षक, तकनीशियन, मैकेनिक, परिचारक, लाइनमैन, ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन, कैशियर, स्टोर कीपर, केमिस्ट, सेनेटरी इंस्पेक्टर जैसी कुछ प्रमुख सरकारी नौकरियां हैं।
ग्रुप-बी एम्प्लॉई किसे कहते हैं?
यह एग्जीक्यूटिव टाइप की सबसे बड़ी सरकारी नौकरी है। ज्यादातर सुपरवाइजर काम इसी ग्रुप के स्टाफ करते हैं। आमतौर पर ग्रुप-बी के सरकारी कर्मचारी नॉन-गजेटेड होते हैं लेकिन कुछ नौकरियां गजेटेड भी होती हैं। एसएससी इन ग्रुप के लिए रिक्तियों की भर्ती के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है। कुछ पदों के लिए यूपीएससी और राज्य पीएससी भी भर्ती परीक्षा आयोजित करते हैं। 7वें वेतन आयोग ने इनका पे लेवल 6 - 9 रखा है। ग्रुप-बी के सरकारी कर्मचारियों का मूल वेतन ₹34500 से ₹53100 के बीच है।
ग्रुप-बी एम्प्लॉई में आती हैं ये नौकरियां
अधिकांश सरकारी कार्यों की तैयारी और क्रियान्वयन सरकारी कर्मचारियों के इस समूह के कंधों पर ही होता है। सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, जेई, टीजीटी और पीजीटी स्कूल शिक्षक, प्रोग्रामर, टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, ट्रांसलेटर, जूनियर ऑफिसर, टेक्निकल असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट, अकाउंटेंट, सेक्शन ऑफिसर आदि ग्रुप-बी में प्रमुख सरकारी नौकरियां हैं।
ग्रुप-ए कर्मचारी (ऑफिसर) क्या होता है?
ग्रुप-ए सरकारी नौकरियों में ऑफिसर ग्रेड है। ग्रुप-ए को नियुक्ति और अधिकार के मामले में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। इस ग्रुप में नियुक्त वाले लोग अधिकारी होते हैं और सरकारों में विभिन्न मैनेजेरियल पोस्ट पर काम करते हैं। आईएएफ, नौसेना, सेना (भारतीय सशस्त्र बल), एआईएस अधिकारी (अखिल भारतीय सेवाएं), इंजीनियर, ब्यूरोक्रेट्स, डीआरडीओ, इसरो, सीएसआईआर, बीएआरसी और इंडियन सिविल सर्विसेज (आईएएस, आईआरएस, आईपीएस, आईएफएस) समेत अन्य इसी ग्रुप में आते हैं। 7वें वेतन आयोग ने ग्रुप-ए के सभी अधिकारियों को पे लेवल 10-14 में डाल दिया है।
सरकारी नौकरियों में ग्रुप वाइज पे लेवल
ग्रुप डी और सी: 7वां सीपीसी पे लेवल 1 - 5
ग्रुप बी: 7वां सीपीसी पे लेवल 6-9 (नॉन गजेटेड)
ग्रुप ए: 7वां सीपीसी पे लेवल 10 - 12 (गजटेड)
ग्रुप ए: 7वां सीपीसी पे लेवल 13 -14 (सीनियर लेवल)
एचएजी: 7वां सीपीसी पे लेवल 15-18
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