देश का अनोखा सरकारी स्कूल, जहां एक छात्र के लिए एक शिक्षक, खर्च 12 लाख!

Published : Jan 10, 2025, 07:20 PM IST
Unique Government School with single teacher one student

सार

Unique Government School with Single Teacher Student: भारत के एक गांव में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां सिर्फ एक छात्रा और एक शिक्षिका हैं, लेकिन स्कूल का सालाना खर्च 12 लाख रुपये है। सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने इस यह स्कूल की पूरी कहानी जानिए।

Unique Government School with Single Teacher Student: देश के एक दूरदराज गांव नारापानी, तेलंगाना में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जो अपनी अनोखी कहानी के लिए चर्चा में है। इस स्कूल की लागत हर साल करीब 12 लाख रुपये है, लेकिन यहां सिर्फ एक छात्रा और एक शिक्षिका हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि इतने बड़े खर्च पर चलने वाला यह स्कूल आखिर कैसे काम कर रहा है?

स्कूल की एकमात्र छात्रा की कहानी

इस स्कूल में पढ़ने वाली 9 साल की कीर्तना अकेली छात्रा हैं। उनके पिता ने उन्हें समझाया है कि अगर स्कूल एक बार बंद हो गया, तो उसे फिर से खोलना लगभग असंभव होगा। यही कारण है कि कीर्तना ने ठान लिया है कि वह 7वीं कक्षा तक इसी स्कूल में पढ़ाई करेंगी। उसके बाद वह किसी बड़े स्कूल में दाखिला लेंगी और संभवतः हॉस्टल में रहेंगी।

एक शिक्षिका, जो रोज आती हैं स्कूल

इस स्कूल की एकमात्र शिक्षिका उमा रोजाना स्कूल आती हैं और केवल कीर्तना को पढ़ाती हैं। उमा का कहना है, "स्कूल में चाहे 10 छात्र हों या सिर्फ एक, मेरी कोशिश होती है कि शिक्षा की गुणवत्ता में कोई कमी न हो। लेकिन हां, कम छात्रों के कारण काम का बोझ जरूर हल्का हो गया है।"

15 साल पहले था 70 छात्रों का स्कूल

15 साल पहले, इस स्कूल में करीब 70 छात्र पढ़ते थे। लेकिन समय के साथ, निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की बढ़ती लोकप्रियता ने सरकारी स्कूलों से छात्रों को दूर कर दिया। आज हालात ये हैं कि पूरा स्कूल केवल एक छात्रा और एक शिक्षिका के सहारे चल रहा है।

सोशल मीडिया पर चर्चा में यह स्कूल

जब कीर्तना और इस स्कूल की कहानी सोशल मीडिया पर सामने आई, तो लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। किसी ने इसे "एकता और समर्पण" की मिसाल कहा, तो किसी ने इसे "शिक्षा व्यवस्था की विफलता" का उदाहरण बताया। लोग कीर्तना को "लकी" कह रहे हैं कि उनके पास एक शिक्षक का पूरा ध्यान है, लेकिन सहपाठियों की कमी उनकी सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।

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'वी कैन लर्न' प्रोग्राम से जगी उम्मीदें

इस स्कूल को फिर से खड़ी करने के लिए 'वी कैन लर्न' नामक एक कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह प्रोग्राम छात्रों की अंग्रेजी और कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। साथ ही, शिक्षकों के स्किल को भी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस पहल से छात्रों का नामांकन बढ़ेगा और स्कूल एक बार फिर से गुलजार हो सकेगा।

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स्कूल बंद होने का डर और संघर्ष

इस अनोखे स्कूल की कहानी ने न केवल तेलंगाना बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा है। सवाल उठता है कि क्या सरकारी स्कूलों की यह स्थिति बदलेगी? या फिर यह स्कूल भी इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर रह जाएगा?

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About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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