
करियर डेस्क। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की PCS 2022 परीक्षा में चौथा रैंक हासिल करने वाली आकांक्षा पिछले वर्ष यूपीपीसीएस के इंटरव्यू में शामिल हुई थीं। पर उस समय उन्हें सफलता नहीं मिली थी। पर उस समय का अनुभव इस इंटरव्यू में उनके काम आया। वह कहती हैं कि पिछली बार यूपीपीसीएस का इंटरव्यू दे चुकी थी, उसमें उनके 75 मार्क्स आए थे। इस बार इंटरव्यू में प्रयास था कि 75 से कम मार्क्स न आएं।
कॉपी करके राय देंगे तो नहीं दे पाएंगे सवालों के जवाब
उनका आप्शनल विषय सोशियालॉजी था। उनसे आपश्नल विषय से काफी सवाल पूछे गए। उत्तर प्रदेश को लेकर सवाल पूछे गए। वह कहती हैं कि एस्पिरेंट्स इंटरव्यू से न डरें। बस, अपने सच्चे व्यक्तित्व के साथ रहें। ऐसा न हो कि आप जो दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, उससे आपका व्यक्तित्व अलग हो। आपकी जो भी राय हो, कोशिश करें कि वह बैलेंस हो। जब आप कोई राय देंगे, तब आपसे क्रॉस क्वैश्चन पूछे जाएंगे। यदि कहीं से कॉपी करके राय देंगे तो आप सवालों का सही जवाब नहीं दे पाएंगे और इंटरव्यू का पैनल इतना अनुभवी होता है कि वह सब समझ जाता है।
इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल
-क्या आप वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के बारे में जानते हैं?
-जी, फिर इसके बारे में डिटेल में पूछा गया।
-ऐसी स्कीम और भी कहीं और इम्पलीमेंट हो रही है?
-ऐसी स्कीम 'वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट' करके उत्तराखंड में इम्पीलमेंट हो रही है।
-कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियर हैं, तैयारी करते हुए पांच साल हो गए, अभी तक सफलता नहीं मिली है यदि असफल रहीं तो उसके बाद क्या करेंगी?
-चूंकि सिविल सर्विसेज एग्जाम देने थे। इसलिए मैंने इंजीनियरिंग बैकग्राउंड चुना था, ऐसा नहीं था कि मैं इंजीनियर थी और करियर चेंज करके सिविल सर्विसेज की तरफ आई। सिविल सर्विसेज में हम कितना भी प्रयास करें, लेकिन सलेक्शन रेशियो काफी कम लगभग .01 परसेंट है तो ऐसे मामले में एक बैकअप आप्श्न होना जरुरी है। इसलिए मैंने कम्प्यूटर साइंस से बीटेक किया था। मेरा प्लेसमेंट भी हो गया था, इसी वजह से मैं नौकरी करने नहीं गई। बीटेक में मेरे 93 परसेंट मार्क थे। यदि बार-बार मैं असफल रही तो मैं इंजीनियरिंग को ही अपना करियर बनाऊंगी।
इंजीनियर अपनी फील्ड छोड़कर इस क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं?
-सारे इंजीनियर नहीं आ रहे हैं, कुछ आ रहे हैं, कई बार बच्चे जब अपनी जाब्स में जाते हैं तो उन्हें लगता है कि 9 से 6 बजे तक किसी कम्पनी के लिए काम कर रहे हैं। तभी उनमें मोनोटोनी आ जाती है। कि एक ही तरह का काम करना है। जब वह सोचते हैं कि कुछ अलग करना है तो वह सिविल सर्विसेज में जाते हैं। एक घंटे फैमिली कोर्ट का मामला आ जाता है कहीं कानून व्यवस्था का मामला सामने आ जाता है। इतना पावर मिलता है कि हम एक साइन से वर्षों से परेशान शख्स की परेशानी दूर कर सकते हैं। उसके चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। यह खुशी करोड़ों की जॉब नहीं दे सकती है।
-सरकार करप्शन खत्म करने की कोशिश कर रही है, यह छोटे लेवल पर ज्यादा दिखता है। आप इसके लिए क्या करेंगी?
सीसीटीवी कैमरा को रैंडम चेक करके देख सकते हैं। फील्ड विजिट बढ़ा सकते हैं। सीएम जनसुनवाई कर जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं। ऐसा हम पंचायत लेवल तक लेकर जाए तो इससे करप्शन जरुर हट सकता है। जब लोगों की पहुंच प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक होगी तो करप्शन करने वालों के मन में कहीं न कहीं डर बैठता है कि यदि हम पकड़े गए तो कार्रवाई होगी। कहीं न कहीं यह भी रहेगा कि यदि हम नहीं करेंगे तो कई और सही काम कर देगा।
पैरेंट्स से आकांक्षा ने की ये अपील
यूपीपीसीएस के रिलज्ट में टॉप टेन में 8 लड़कियों ने जगह बनाई है। बेटियों के पैरेंट्स से अपील करती हुई आकांक्षा कहती हैं कि यूपीपीसीएस के नतीजों में देखिए कि बेटियों में कितना कैलिबर है। यदि उन्हें मौका मिले तो वह लड़कों के बराबर नहीं बल्कि उनसे भी आगे निकल सकती हैं। बेटियों को बिल्कुल बोझ मत समझिए, उन्हें पढ़ाइए और आगे बढ़ाइए। शादी-ब्याह वगैरह का सामाजिक दबाव उन पर मत डालिए। कोई साथ दे या न दे, पर आप अपनी बेटियों का साथ जरुर दें। आप खड़े होंगे तो आपकी बेटियां आपका नाम जरुर रोशन करेंगी।
प्रीलिम्स एग्जाम के लिए दिए ये टिप्स
आकांक्षा कहती हैं कि एग्जाम तीन फेज में होता है तो इसकी तैयारी भी तीन फेज में होनी चाहिए। प्रीलिम्स के 'सिलेबस' में मुख्य तौर पर 6 विषय होते हैं। उन 6 सब्जेक्ट की एक या दो स्टैंडर्ड बुक्स हैं, जो सभी टॉपर पढ़ते हैं। क्योंकि एक बात हमेशा दिमाग में रखनी चाहिए कि किसी टॉपर के लिए कोई किताब अलग से छप के नहीं आती है। सभी टापर्स ने एक ही किताब पढ़ी है। सोर्सेज लिमिटेड रखनी चाहिए, करेंट अफेयर पढ़े। प्रीलिम्स के दूसरे पेपर को बिल्कुल ग्रांटेड (अनुदान पाने वाला) न लें। यदि यह क्वालिफाई नहीं होगा तो प्रीलिम्स क्लियर नहीं होगा।
मेंस एग्जाम के लिए दिए ये टिप्स
आकांक्षा कहती हैं कि मेंस एग्जाम के सिलेबस को हार्ड कॉपी में अपने पास रखे, उसमें जो विषय प्रीलिम्स वाले हैं, उसके उत्तर प्रीलिम्स के बुक से ही सीखने की कोशिश करें। सिलेबस की जो चीजें नहीं मिल रही हैं। उसे गूगल सर्च करें और एक दो पेज का नोट बनाएं और उसको रिवाइज करते रहें। जैसे-जैसे आपकी तैयारी आगे बढ़ रही है। इनको करेंट अफेयर्स के साथ अपडेट करें और इसी से आपका मेंस क्लियर होगा। आप जिस प्रदेश से हैं, उसके बारे में जानकारी करें। अपने एजूकेशनल बैकग्रांउड को लेकर अपडेट रहें।