UPPSC PCS 2022 Topper: 5th रैंक पाने वाले कुमार गौरव से इंटरव्यू में पूछा गया-स्कूलों में कौन सी प्रार्थना होती है? ज्यादातर हो जाते हैं फेल

यूपीपीसीएस में पांचवीं रैंक हासिल करने वाले कुमार गौरव से इंटरव्यू के दौरान काफी दिलचस्प सवाल पूछे गए। टीचिंग बैकग्राउंड (शैक्षणिक पृष्ठभूमि) से आने वाले अभ्यर्थियों से अक्सर साक्षात्कार में पूछा जाता है कि स्कूलों में कौन सी प्रार्थना होती है।

Rajkumar Upadhyay | Published : Apr 15, 2023 5:14 PM IST / Updated: Apr 15 2023, 10:52 PM IST

करियर डेस्क। यूपीपीसीएस में पांचवीं रैंक (UPPSC PCS 2022 Topper) हासिल करने वाले शाहजहांपुर (उत्‍तर प्रदेश) के बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) कुमार गौरव से इंटरव्यू के दौरान काफी दिलचस्प सवाल पूछे गए। टीचिंग बैकग्राउंड (शैक्षणिक पृष्ठभूमि) से आने वाले अभ्यर्थियों से अक्सर साक्षात्कार में पूछा जाता है कि स्कूलों में कौन सी प्रार्थना होती है। ज्यादातर लोगों को यह प्रार्थना याद नहीं रहती है, कुछ लोग इसका सही उत्तर भी देते हैं। कुमार गौरव से भी यही सवाल किया गया और उन्होंने 'वह शक्ति हमें दो दयानिधे...प्रार्थना सुनाई। कुमार गौरव मूल रूप से अंबेडकरनगर जिले के रामनगर ब्लॉक के गांव उमरी भवानी के रहने वाले हैं। उनके पिता चंद्र प्रकाश द्विवेदी सेवानिवृत्त ग्राम विकास अधिकारी हैं और मॉं शकुंतला देवी गृहिणी हैं।

इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल

जब अभ्यर्थी पहले से राज्य सरकार की प्रतिष्ठित नौकरी कर रहा हो, तब इंटरव्यू का प्रेशर कम होता है। यही कुमार गौरव के साथ भी हुआ। वह इंटरव्यू के दौरान आत्मविश्वास से लबरेज थे। उनसे जॉब को लेकर और वैकल्पिक विषय से जुड़े ज्यादातर सवाल पूछे गए। जैसे-टीचर्स क्यों नहीं पढ़ाना चाहते हैं? ज्यादातर अमीर तबके की टेंडेंसी बच्चों को कान्वेंट स्कूल में पढ़ाने की क्यों होती है? आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ दिलचस्‍प सवाल और उनके जवाबों के बारे में। 

-करप्शन कैसे कम करेंगे?

डायरेक्ट ओपन गेट पॉलिसी रखी जाए ताकि कोई भी आपसे मिल सके। आफिस समय से पहले पहुंचे। जब मैं टाइम से कार्यालय आ रहा हूॅं और आफिस टाइम के बाद भी दो घंटे काम कर रहा हूॅं। उससे अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को मोटिवेशन मिलता है और उन पर मॉरल प्रेशर भी पड़ता है। जब आप खुद ईमानदार हैं और उपदेश या सीख दे रहे हैं, वह समझ में आता है। पर जब खुद आपका आचरण भ्रष्ट हो और आप अपने मातहतों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाएंगे तो इसका असर नहीं होगा। आप खुद का उदाहरण स्थापित कीजिए।

-शाहजहांपुर में आप क्या-क्या कर रहे हैं?

शाहजहांपुर का उदाहरण देकर बताया कि कैसे काम करता हूॅं। जैसे-सुबह 9:30 बजे आफिस पहुंचता हूॅं। पहले दो घंटे निरीक्षण कर लेता हूॅं, आदि।

-टीचर को एरियर मिलने में लेटलतीफी होती है, बाबू उसमें करप्शन करते हैं, उसके लिए क्या करेंगे?

अपने कार्यालय का उदाहरण देकर बताया कि इसको लेकर संबंधित कार्यालय के लोगों के साथ बैठक कर उनकी रिस्पांसिबिलिटी तय की। कहा कि दो दिन से ज्यादा फाइल किसी टेबल पर नहीं रूकेगी। यदि इससे ज्यादा समय तक फाइल रोकी जाती है तो संबंधित को शो कॉज नोटिस दिया जाएगा। मामल खुद हल हो गया। हमारे यहां ऐसे कोई मामले लंबित नही हैं।

-स्कूलों में क्या प्रार्थना कराई जाती है?

—'वह शक्ति हमें दो दयानिधे कर्तव्य मार्ग पर ​डट जाएं...' पूरी प्रार्थना सुनाई।

-अमीर तबका बेसिक स्कूलों में बच्चों को क्यों नहीं भेजता है?

हम उतनी अच्छी क्वालिटी नहीं दे पाते हैं। इसलिए वह लोग चले जा रहे हैं। क्वालिटी के लिए स्कीम चल रही हैं। प्रशिक्षित टीचर हैं, उन्हें अच्छी सैलरी मिलती है। अब कायाकल्प स्कीम भी चल रही है।

-बेसिक स्कूलों में ड्राप आउट का स्तर ज्यादा क्यों है?

शाहजहांपुर का उदाहरण देकर बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से 90 हजार एडमिशन का टारगेट मिला था। उसके सापेक्ष 1.08 लाख यानि टारगेट से 136 प्रतिशत ज्यादा इनरोलमेंट कराए गए। नामांकन में हम 100 प्रतिशत पहुंच गए हैं। हमारा मेन फोकस बच्चों के ठहराव पर है कि वह विद्यालय में रूकें, ड्राप आउट न हों। बच्चों के ड्राप आउट होने की मुख्य वजह जागरुकता की कमी है। जो बच्चे ईंट-भट्ठों पर काम करते हैं या कटाई के सीजन में गेहूॅं की बाली बिनने या मजदूरी करने चले जाते हैं। स्कूल चलो अभियान चल रहा है। ऐसे बच्चों के लिए हम लोग घर-घर जाकर, उनका स्कूल जाना सुनिश्चित कर रहे हैं।

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