
UPSC Success Story: यूपीएससी की सफलता की कहानी में हर साल कुछ नाम खास होते हैं। इनमें से एक नाम है गरिमा अग्रवाल का, जिन्होंने न केवल अपनी मेहनत और लगन से UPSC की परीक्षा को दो बार पास किया, बल्कि अपने सपने को भी साकार किया। गरिमा ने फैमिली बिजनेस को छोड़कर सिविल सेवा में अपना भविष्य बनाने का संकल्प लिया और आज वह एक आईएएस अधिकारी हैं।
गरिमा अग्रवाल का जन्म और पालन-पोषण मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में हुआ। वह एक बहुत ही मेधावी छात्रा थीं, जो हमेशा अपनी पढ़ाई में अव्वल रहती थीं। गरिमा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खंडवा के सरस्वती विद्या मंदिर से की और इसके बाद उन्होंने जेईई परीक्षा पास करके आईआईटी हैदराबाद में दाखिला लिया। इसके बाद गरिमा ने जर्मनी में अपनी इंटर्नशिप की, लेकिन यहां से उनका रास्ता पूरी तरह बदल गया।
गरिमा का परिवार एक बिजनेस चला रहा था, लेकिन उन्होंने यह तय किया कि वह अपने परिवार के व्यवसाय को न चलाकर, अपनी पहचान बनाने के लिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करेंगी। वह जानती थीं कि इस दिशा में मेहनत करनी होगी, लेकिन उनका सपना बहुत बड़ा था। इसलिए, जर्मनी में इंटर्नशिप खत्म करने के बाद, गरिमा ने UPSC की परीक्षा की तैयारी शुरू की।
ये भी पढ़ें- UPSC CSE 2025 नोटिफिकेशन जारी, 979 पदों पर होगी भर्ती, आवेदन शुरू
गरिमा ने सबसे पहले 2017 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में 240वीं रैंक के साथ चयनित हो गईं। हालांकि, उन्हें यह रैंक संतोषजनक नहीं लगी, क्योंकि उनका सपना था कि वह आईएएस अधिकारी बनें। इसलिए, उन्होंने तैयारी जारी रखी और 2018 में फिर से परीक्षा दी। इस बार उनका परिश्रम रंग लाया और गरिमा ने 40वीं रैंक प्राप्त की, जिससे उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का पूरा हुआ।
ये भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल ने बताया, क्या है हर्षिता और पुलकित का पॉलिटिकल फ्यूचर
आज गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में सहायक जिला मजिस्ट्रेट (ADM) के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनका कहना है कि अगर किसी के पास सच्ची नीयत हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। गरिमा की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो किसी भी चीज का हासिल करना संभव है।
ये भी पढ़ें- स्विट्जरलैंड की नौकरी छोड़ UPSC का सपना किया पूरा, जानें कौन है अंबिका रैना