
CP Radhakrishnan Vice President Education: भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। 9 सितंबर 2025 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और इसमें एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने जीत दर्ज की है। उन्हें कुल 452 वोट मिले। उन्होंने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह चुनावी जीत अपने नाम कर ली। इस जीत के साथ ही राधाकृष्णन अब देश के 15वें उपराष्ट्रपति बनेंगे। बीजेपी के पुराने और अनुभवी नेता माने जाने वाले राधाकृष्णन का राजनीति से लेकर सामाजिक जीवन तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा है। शिक्षा, करियर और राजनीति, हर स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। जानिए भारत के नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन की शिक्षा, करियर और उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें।
सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ था। वे लंबे समय से बीजेपी और आरएसएस से जुड़े रहे हैं और तमिलनाडु की राजनीति में उनका बड़ा कद माना जाता है।
सीपी राधाकृष्णन की पढ़ाई-लिखाई का सफर काफी दिलचस्प रहा है। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई तूतीकोरिन के वीओ चिदंबरम कॉलेज से की। यहां से उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने राजनीति विज्ञान (Political Science) में रिसर्च किया और ‘सामंतवाद का पतन’ विषय पर पीएचडी पूरी की। इसी रिसर्च के आधार पर उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली। पढ़ाई के दिनों से ही वे एक्टिव और स्पोर्ट्स लवर रहे। वे कॉलेज में टेबल टेनिस चैंपियन और लंबे दूरी के धावक भी रहे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल जैसे खेलों का भी शौक है।
राधाकृष्णन ने अपना सामाजिक और राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर शुरू किया। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। इसके बाद उनकी राजनीति में पकड़ लगातार मजबूत होती गई।
31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उससे पहले वे 18 महीने तक झारखंड के राज्यपाल रहे। उन्होंने तेलंगाना और पुडुचेरी का भी अतिरिक्त प्रभार संभाला था। झारखंड में राज्यपाल रहते हुए उन्होंने सिर्फ चार महीने में सभी 24 जिलों का दौरा किया और आम लोगों से सीधे संवाद किया।
2016 में उन्हें कॉयर बोर्ड (कोच्चि) का अध्यक्ष बनाया गया था। उनके नेतृत्व में भारत से नारियल रेशा का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। 2020 से 2022 तक वे बीजेपी के केरल प्रभारी भी रहे।
40 साल से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव, संगठनात्मक कौशल और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका, राधाकृष्णन को खास बनाते हैं। तमिलनाडु की राजनीति में उनका हमेशा बड़ा प्रभाव रहा है और अब वे देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंच चुके हैं।
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