
Vice President Election India 2025: भारत में आज, 9 सितंबर 2025, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प है क्योंकि एक तरफ सत्ता पक्ष एनडीए (NDA) की ओर से बीजेपी नेता और मौजूदा महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं, तो दूसरी ओर विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। रिजल्ट से पहले लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि दोनों में से कौन ज्यादा पढ़ा-लिखा है और किसका करियर सफर ज्यादा प्रभावशाली रहा है। जानिए सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी का एजुकेशन और करियर डिटेल।
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ। उन्होंने कोयंबटूर के चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही वे खेलों में सक्रिय रहे और टेबल टेनिस चैंपियन के साथ-साथ लंबी दूरी के धावक भी रहे।
उनका सार्वजनिक जीवन RSS से जुड़कर शुरू हुआ। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने और यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा तेज हुई। 1996 में उन्हें बीजेपी का तमिलनाडु सचिव बनाया गया और जल्द ही वे कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने। सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा मंत्रालय की स्थायी समिति का नेतृत्व किया और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच समिति का हिस्सा भी रहे। 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष रहे और इसी दौरान उन्होंने 19,000 किमी लंबी रथयात्रा निकाली। प्रशासनिक स्तर पर भी उनका अनुभव गहरा है। वे झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल रहे और जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इसके अलावा 2016 से 2020 तक वे कोयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे, जहां उनके नेतृत्व में नारियल रेशा का निर्यात रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा।
बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के एक किसान परिवार में हुआ। शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद में करने के बाद उन्होंने ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से कानून (LLB) की पढ़ाई की और 1971 में वकालत की डिग्री लेकर वकील के रूप में करियर शुरू किया।
उन्होंने संवैधानिक और सिविल मामलों में पैरवी करते हुए अपनी पहचान बनाई। 1988 से 1990 तक वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में सरकार के वकील रहे और इसके बाद केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। उनका अनुभव उन्हें न्यायपालिका के ऊंचे पदों तक ले गया। 1995 में वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज बने और 2005 में गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश। दो साल बाद, 2007 में, वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 2011 तक इस पद पर रहे। रिटायरमेंट के बाद उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया। वे अपनी ईमानदारी और बेदाग छवि के लिए आज भी याद किए जाते हैं।
अब सवाल यह है कि शिक्षा के मामले में कौन ज्यादा आगे है। सीपी राधाकृष्णन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट हैं और राजनीति व प्रशासन में चार दशकों से सक्रिय हैं। वहीं, बी सुदर्शन रेड्डी ने कानून की पढ़ाई की और सुप्रीम कोर्ट के जज बनकर न्यायपालिका की सर्वोच्च ऊंचाई हासिल की। यानी शिक्षा और पेशेवर योग्यता के लिहाज से दोनों ही काफी पढ़े-लिखें हैं और अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में एक ओर है सीपी राधाकृष्णन का राजनीति और संगठन का लंबा अनुभव, तो दूसरी ओर सुदर्शन रेड्डी के पास है कानून और न्यायपालिका की गहरी समझ। ऐसे में देश का नया उपराष्ट्रपति कौन होगा, यह संसद का बहुमत तय करेगा।
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