Sick Leave और कैजुअल लीव खत्म! टेक कंपनी की नई पॉलिसी Reddit पर वायरल

Published : Dec 17, 2025, 03:13 PM IST
No Sick Leave Reddit Viral Post

सार

Viral Reddit Post: एक कंपनी के HR का स्लैक मैसेज लीक होने के बाद ऑफिस कल्चर को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। Reddit पर वायरल पोस्ट में एक टेक कंपनी की नई लीव पॉलिसी का खुलासा हुआ है, जिसमें सिक लीव और कैजुअल लीव को खत्म कर दिया गया है। जानिए

Company Removes Sick Leave: आज के दौर में जहां कंपनियां वर्क-लाइफ बैलेंस की बातें करती हैं, वहीं एक टेक कंपनी का नया लीव रूल सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है। Reddit पर एक यूजर ने अपनी कंपनी के HR का स्लैक मैसेज शेयर किया, जिसे पढ़कर लोग हैरान रह गए। यूजर का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ कर्मचारियों पर दबाव बढ़ाता है, बल्कि साफ तौर पर एक टॉक्सिक ऑफिस एनवायरमेंट की ओर इशारा करता है। यह पोस्ट एक MERN डेवलपर ने शेयर की है, जिसके पास करीब 4 साल का अनुभव है। पोस्ट का टाइटल है- 'पहले WFH खत्म किया और अब ये'। यूजर ने दावा किया कि कंपनी ने अचानक छुट्टियों का पूरा सिस्टम ही बदल दिया है।

कर्मचारियों के लिए अब न सिक लीव, न कैजुअल लीव

Reddit पर शेयर किए गए स्क्रीनशॉट के मुताबिक, HR ने 15 कर्मचारियों वाले एक स्लैक ग्रुप में ‘Important Leave Policy Update’ नाम से मैसेज भेजा। इसमें साफ लिखा था कि कंपनी ने अब कैजुअल लीव और सिकल लीव दोनों को पूरी तरह खत्म कर दिया है। नई पॉलिसी के तहत अब सिर्फ दो तरह की छुट्टियां मिलेंगी। जिसमें-

सालाना पेड लीव (Annual Paid Leave)

कर्मचारियों को पूरे साल में सिर्फ 12 पेड लीव मिलेंगी। ये छुट्टियां हर महीने 1 दिन के हिसाब से जुड़ेंगी। इन्हें पर्सनल काम, छुट्टी या किसी भी सामान्य जरूरत के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

हॉस्पिटलाइजेशन लीव

यह छुट्टी सिर्फ तब मिलेगी, जब कर्मचारी को अस्पताल में भर्ती होना पड़े। साल में कुल 6 दिन की यह लीव दो हिस्सों में मिलेगी। जनवरी में 3 दिन और जुलाई में 3 दिन। इसके लिए अस्पताल के एडमिशन या डिस्चार्ज पेपर, या वैध मेडिकल डॉक्यूमेंट देना अनिवार्य होगा। HR के मैसेज में यह भी कहा गया कि यह बदलाव स्पष्टता और एकरूपता लाने के लिए किया गया है। नीचे देखें वायरल पोस्ट-

 

 

कंपनी के फैसले पर Reddit यूजर्स का फूटा गुस्सा

जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, Reddit यूजर्स ने कंपनी के फैसले पर जमकर नाराजगी जताई। कई लोगों ने इसे गैरकानूनी बताया और पूछा कि आखिर यह कंपनी किस राज्य से ऑपरेट कर रही है। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, अब तो आखिरी दिन के लिए भी ‘डेथबेड लीव’ रख लेनी चाहिए। दूसरे यूजर ने सवाल उठाया, 'अगर किसी को सर्दी, बुखार या वायरल हो जाए तो वो क्या करे?' कुछ यूजर्स ने सलाह दी कि ऐसे माहौल में नौकरी बदलने के बारे में सोचना ही बेहतर है। वहीं कई लोगों ने कंपनी का नाम सार्वजनिक करने की मांग भी की, ताकि बाकी लोग सतर्क रह सकें। बता दें कि वर्क लोड और कर्मचारियों के वर्क-लाइफ बैलेंस का यह मामला अब सिर्फ एक कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर के कॉर्पोरेट कल्चर पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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