रेज्यूमे और कवर लेटर में क्या अंतर है, क्या नौकरी पाने के लिए दोनों जरूरी हैं?

Published : Sep 25, 2025, 03:02 PM IST
Resume and Cover Letter Difference

सार

Resume and Cover Letter Difference: रेज्यूमे और कवर लेटर में क्या फर्क है? नौकरी के लिए अप्लाई करते समय रेज्यूमे आपके स्किल्स और अनुभव दिखाता है, जबकि कवर लेटर बताता है कि आप उस जॉब के लिए क्यों सही हैं। जानिए दोनों के बीच का फर्क और अहमियत। 

Resume vs Cover Letter: नौकरी के लिए अप्लाई करते समय कंपनियों की अपनी-अपनी प्रक्रिया होती है। लेकिन कुछ चीजें हर जगह कॉमन रहती हैं। जैसे हर कंपनी उम्मीदवार से रेज्यूमे (Resume) मांगती है। वहीं कई बार खास नोटिफिकेशन में कवर लेटर (Cover Letter) की भी मांग की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेज्यूमे और कवर लेटर क्या हैं और दोनों के बीच किस तरह का अंतर है और दोनों की जरूरत क्यों पड़ती है। क्या नौकरी पाने के लिए जॉब एप्लीकेशन में दोनों होने जरूरी हैं?

रेज्यूमे और कवर लेटर क्या है?

असल में, रेज्यूमे और कवर लेटर दोनों नौकरी की प्रक्रिया में अहम रोल निभाते हैं, लेकिन दोनों का काम अलग है। रेज्यूमे आपके एजुकेशन, स्किल्स और वर्क एक्सपीरियंस का छोटा सा प्रोफाइल होता है, जबकि कवर लेटर आपकी पर्सनल प्रेजेंटेशन है, जिसमें आप बताते हैं कि आप उस नौकरी के लिए क्यों सही हैं और कंपनी को आपसे क्या फायदा होगा।

जॉब एप्लीकेशन के समय कवर लेटर क्यों जरूरी है?

सिर्फ रेज्यूमे भेजना कई बार काफी नहीं होता। कई नियोक्ता सबसे पहले कवर लेटर पढ़ते हैं और उसी आधार पर तय करते हैं कि उम्मीदवार का आवेदन आगे बढ़ाना है या नहीं। इस लिहाज से कवर लेटर आपकी पहली छाप बनाता है। जहां रेज्यूमे आपके अचीवमेंट्स और स्किल्स को दिखाता है, वहीं कवर लेटर बताता है कि आप उस खास जॉब के लिए क्यों परफेक्ट हैं।

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रेज्यूमे और कवर लेटर में क्या अंतर है?

जॉब के लिए अप्लाई करते वक्त अक्सर कंपनियां रेज्यूमे और कवर लेटर दोनों मांगती हैं। कई लोग सोचते हैं कि दोनों एक ही चीज हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। दोनों का मकसद और फॉर्मेट अलग होता है। जानिए दोनों के बीच का अंतर-

मकसद में फर्क

  • कवर लेटर: यह बताता है कि आप नौकरी क्यों चाहते हैं, आप इस पोस्ट के लिए क्यों सही उम्मीदवार हैं और आपकी स्किल्स कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद होंगी।
  • रेज्यूमे: यह आपके बारे में एक छोटा सा प्रोफाइल है जिसमें आपकी पढ़ाई, काम का अनुभव और स्किल्स लिस्टेड होती हैं।

फॉर्मेट में अंतर

  • कवर लेटर: इसमें लिखावट थोड़ी पर्सनल और मोटिवेशनल होती है। यह इंटरएक्टिव तरीके से लिखा जाता है ताकि हायरिंग मैनेजर आपसे जुड़ाव महसूस करें।
  • रेज्यूमे: यह सीधा, फैक्ट्स पर बेस्ड और फॉर्मल तरीके से तैयार किया जाता है। इसमें जानकारी पॉइंट्स और हेडिंग्स के साथ दी जाती है।

दोनों के कंटेंट में अंतर

  • कवर लेटर: इसमें आप अपनी रुचि, मोटिवेशन और इस कंपनी या नौकरी को जॉइन करने की वजह बताते हैं।
  • रेज्यूमे: इसमें आपकी क्वालिफिकेशन, काम का अनुभव, अचीवमेंट्स और स्किल्स शामिल होते हैं।

लंबाई में फर्क

  • कवर लेटर: आमतौर पर एक पेज का होता है और पैराग्राफ में लिखा जाता है।
  • रेज्यूमे: यह 1 से 2 पेज का हो सकता है और इसमें बुलेट पॉइंट्स व हेडिंग्स का इस्तेमाल किया जाता है।

दोनों का क्रम

  • कवर लेटर: सबसे पहले पढ़ा जाता है और यह हायरिंग मैनेजर पर पहला इंप्रेशन डालता है।
  • रेज्यूमे: इसके बाद आता है और आपके क्वालिफिकेशन व स्किल्स को कन्फर्म करता है।

यानी, कवर लेटर और रेज्यूमे दोनों साथ मिलकर ही आपके एप्लीकेशन को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं। कवर लेटर यह भरोसा दिलाता है कि आप इस नौकरी के लिए सही उम्मीदवार हैं और रेज्यूमे यह साबित करता है कि आपके पास सही स्किल्स और अनुभव भी मौजूद हैं। इसलिए अगली बार नौकरी के लिए अप्लाई करते समय इन दोनों को समझदारी से तैयार करें।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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