
Resume vs Cover Letter: नौकरी के लिए अप्लाई करते समय कंपनियों की अपनी-अपनी प्रक्रिया होती है। लेकिन कुछ चीजें हर जगह कॉमन रहती हैं। जैसे हर कंपनी उम्मीदवार से रेज्यूमे (Resume) मांगती है। वहीं कई बार खास नोटिफिकेशन में कवर लेटर (Cover Letter) की भी मांग की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेज्यूमे और कवर लेटर क्या हैं और दोनों के बीच किस तरह का अंतर है और दोनों की जरूरत क्यों पड़ती है। क्या नौकरी पाने के लिए जॉब एप्लीकेशन में दोनों होने जरूरी हैं?
असल में, रेज्यूमे और कवर लेटर दोनों नौकरी की प्रक्रिया में अहम रोल निभाते हैं, लेकिन दोनों का काम अलग है। रेज्यूमे आपके एजुकेशन, स्किल्स और वर्क एक्सपीरियंस का छोटा सा प्रोफाइल होता है, जबकि कवर लेटर आपकी पर्सनल प्रेजेंटेशन है, जिसमें आप बताते हैं कि आप उस नौकरी के लिए क्यों सही हैं और कंपनी को आपसे क्या फायदा होगा।
सिर्फ रेज्यूमे भेजना कई बार काफी नहीं होता। कई नियोक्ता सबसे पहले कवर लेटर पढ़ते हैं और उसी आधार पर तय करते हैं कि उम्मीदवार का आवेदन आगे बढ़ाना है या नहीं। इस लिहाज से कवर लेटर आपकी पहली छाप बनाता है। जहां रेज्यूमे आपके अचीवमेंट्स और स्किल्स को दिखाता है, वहीं कवर लेटर बताता है कि आप उस खास जॉब के लिए क्यों परफेक्ट हैं।
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जॉब के लिए अप्लाई करते वक्त अक्सर कंपनियां रेज्यूमे और कवर लेटर दोनों मांगती हैं। कई लोग सोचते हैं कि दोनों एक ही चीज हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। दोनों का मकसद और फॉर्मेट अलग होता है। जानिए दोनों के बीच का अंतर-
मकसद में फर्क
फॉर्मेट में अंतर
दोनों के कंटेंट में अंतर
लंबाई में फर्क
दोनों का क्रम
यानी, कवर लेटर और रेज्यूमे दोनों साथ मिलकर ही आपके एप्लीकेशन को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं। कवर लेटर यह भरोसा दिलाता है कि आप इस नौकरी के लिए सही उम्मीदवार हैं और रेज्यूमे यह साबित करता है कि आपके पास सही स्किल्स और अनुभव भी मौजूद हैं। इसलिए अगली बार नौकरी के लिए अप्लाई करते समय इन दोनों को समझदारी से तैयार करें।
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