Dadasaheb Phalke Award: क्या है दादा साहेब फाल्के अवार्ड, किसे और क्यों दिया जाता है ? इंपोर्टेंट फैक्ट्स

Dadasaheb Phalke Award: दादा साहब फाल्के अवार्ड की शुरुआत भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा में दादा साहब फाल्के के योगदान के सम्मान में की गई थी। दादा साहब फाल्के अवार्ड किसे और क्यों दिया जाता है। अवार्ड में क्या मिला है पूरी डिटेल आगे पढ़ें।

Dadasaheb Phalke Award: दादा साहब फाल्के अवार्ड की शुरुआत भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा में दादा साहब फाल्के के योगदान के सम्मान में की गई थी। दादा साहब फाल्के ने 1913 में भारत की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म, राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था। सिनेमा के क्षेत्र में यह सर्वोच्च अवार्ड भारतीय सिनेमा की वृद्धि और विकास में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को दी जाती है। इस अवार्ड में एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और ₹10 लाख का नकद अवार्ड दिया जाता है। 1969 में देविका रानी को पहला दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिया गया था। जानें दादा साहेब फाल्के अवार्ड क्यों और किसे दिया जाता है। इसकी शुरुआत कब हुई?

कौन थे दादा साहब फाल्के ?

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दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को एक मराठी परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम धुंडिराज गोविंद फाल्के था। उन्होंने नासिक से पढ़ाई की। उन्होंने सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई में नाटक और फोटोग्राफी की ट्रेनिंग ली। फिर वे जर्मनी गये और फिल्म बनाना सीखा। भारत लौटकर उन्होंने अपनी पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का निर्माण किया।

भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च अवार्ड

दादा साहब फाल्के अवार्ड को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च अवार्ड माना जाता है। यह अवार्ड भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रदान किया जाता है। दादा साहेब फाल्के अवार्ड राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड समारोह के दौरान प्रदान किया जाता है, जो हर साल विज्ञान भवन, नई दिल्ली में वर्ष की सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्मों, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और कई अन्य संबंधित अवार्डों का सम्मान करने के लिए आयोजित किया जाता है।

दादा साहेब फाल्के अवार्ड किसे दिया जाता है ?

दादा साहेब फाल्के अवार्ड एक लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड है जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से संबंधित प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भारतीय सिनेमा के प्रचार और विकास में उनके बहुमूल्य और अनुकरणीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।

दादा साहेब फालके अवार्ड की शुरुआत कब हुई ?

दादा साहेब फालके अवार्ड की शुरुआत वर्ष 1969 में समकालीन भारतीय सिनेमा में दादा साहब फाल्के के योगदान की स्मृति में की गई थी। गौरतलब है कि भारतीय सिने जगत में उनके सबसे मूल्यवान योगदान के कारण दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का पितामह भी कहा जाता है। दादा साहब फाल्के ने ही पहली भारतीय फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था।

दादा साहेब फालके अवार्ड की अवार्ड राशि क्या है ?

दादा साहेब फालके अवार्ड के साथ 10 लाख रुपये का नकद अवार्ड, स्वर्ण कमल पदक और एक शॉल भी दिया जाता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अवार्ड है। केवल हिंदी ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रीय भाषा की फीचर फिल्में इस अवार्ड के लिए समान रूप से योग्य मानी जाती हैं। इस अवार्ड का सेलेक्शन पैनल (जूरी) भारतीय फिल्म उद्योग के प्रतिष्ठित व्यक्तियों का एक पैनल है।

दादा साहब फाल्के अवार्ड के बारे में इंपोर्टेंट फैक्ट

प्रदानकर्ता- भारत सरकार

शुरुआत - वर्ष 1969

प्रथम प्राप्तकर्ता - देविका रानी (1969)

अवार्ड का प्रकार - राष्ट्रीय स्तर, लाइफ टाइम अचीवमेंट

नकद - 10 लाख रुपये

दादा साहेब फाल्के अवार्ड के बारे में कुछ रोचक तथ्य

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