
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन की यात्रा पर भारत आ रहे हैं, जहां वे दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं इंडिया-रूस वार्षिक शिखर बैठक में शामिल होंगे। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। 2021 के बाद पुतिन पहली बार भारतीय जमीन पर कदम रखेंगे। उनकी विजिट को लेकर दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। असमान से लेकर जमीन तक मल्टी-लेयर सिक्योरिटी, SWAT टीम, स्नाइपर्स और लगातार निगरानी। लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर एक अजीब-सी चीज फिर से चर्चा में आ गई है, पुतिन का Poop Suitcase। आखिर ये है क्या? और उनकी हर विदेशी यात्रा में इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? जानिए
पुतिन की विदेश यात्राओं के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रहती है। उनकी टीम में कई विशेष बॉडीगार्ड, खास एजेंट और रूस की इंटेलिजेंस के अधिकारी शामिल होते हैं। इन्हीं में से कुछ बॉडीगार्ड एक ऐसा काम भी करते हैं, जिसके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं, वे पुतिन का बाथरूम वेस्ट यानी मल-मूत्र इकट्ठा करके एक खास सूटकेस में वापस रूस ले जाते हैं। इसी अजीब प्रोटोकॉल की वजह से इसे 'Poop Suitcase' कहा जाता है। यह प्रथा पहली बार चर्चा में तब आई जब पुतिन अमेरिका के अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप से मिलने गए थे।
दरअसल, पुतिन से जुड़ी कोई भी निजी जानकारी, खासकर उनकी हेल्थ रिपोर्ट, किसी भी कीमत पर बाहर न जाए, इसी वजह से यह प्रोटोकॉल अपनाया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार पुतिन की उम्र 73 साल है और उनके स्वास्थ्य को लेकर कैंसर से लेकर पार्किंसंस तक कई तरह के कयास लगते रहते हैं। अगर उनका वेस्ट किसी विदेशी एजेंसी के हाथ लग जाए, तो मेडिकल टेस्ट कर उनकी असल सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे किसी भी रिस्क से बचने के लिए उनके बॉडीगार्ड बाथरूम में इस्तेमाल की गई हर चीज को सील कर रूस भेज देते हैं। यानी कह सकते हैं कि Poop Suitcase पुतिन की हेल्थ-सिक्योरिटी प्लान का हिस्सा है।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पुतिन कई बार विदेश यात्रा के दौरान अपना निजी पोर्टेबल टॉयलेट भी इस्तेमाल करते हैं। उनका खाना और पानी मॉस्को से ही साथ लाया जाता है। FSO (Federal Protective Service) हर समय उनकी मूवमेंट, खाने और हेल्थ एक्टिविटी पर नजर रखती है। कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा गया है कि पुतिन की सुरक्षा टीम में 'बॉडी डबल्स' भी होते हैं। बीबीसी की पूर्व पत्रकार फरीदा रुसतमोवा ने भी इस तरह की घटनाओं की पुष्टि की है।
पुतिन की यात्रा में बॉडी डबल्स का मतलब होता है, ऐसे लोग जिन्हें असली राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसा तैयार किया जाता है, ताकि वे सुरक्षा कारणों से या धोखे के तौर पर सार्वजनिक जगहों पर उनकी जगह मौजूद हों। बॉडी डबल वह व्यक्ति होता है जिसकी शक्ल-सूरत, कद-काठी और चलने-फिरने का तरीका असली व्यक्ति जैसा होता है। उसे मेकअप, हेयरस्टाइल और कपड़ों के जरिए बिल्कुल वैसा दिखाया जाता है जैसे कोई बड़ा नेता या सेलिब्रिटी दिखता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन कई बार हाई-रिस्क क्षेत्रों में जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय तनाव के समय उनकी सुरक्षा को लेकर कड़ी निगरानी रहती है। कई बार मीडिया में यह दावा सामने आता है कि पुतिन अपनी यात्राओं में बॉडी डबल्स का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे खतरनाक स्थितियों से बच सकें। हालांकि रूस सरकार ने इसे झूठा बताया है, लेकिन अफवाहें समय-समय पर वायरल होती रहती हैं।
यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की सुरक्षा और उनकी सेहत को लेकर अटकलें और भी बढ़ गई हैं। इसी कारण उनकी हर यात्रा में यूज होने वाला यह Poop Suitcase अब दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है। वहीं 4 और 5 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर हैं, ऐसे में एक बार फिर उनके Poop Suitcase और बॉडी डबल्स को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।